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World Rhino Day : पटना जू में 14 गैंडे, विश्व में सबसे अधिक.. यहां देश का पहला गैंडा प्रजनन केन्द्र

आज वर्ल्ड राइनो डे है. गैंडा के संरक्षण के लिए वर्ल्ड राइनो डे मनाया जाता है. बिहार के पटना संजय गांधी जैविक उद्यान में 14 से अधिक गैंडे हैं. गैंडा कंजर्वेशन के लिए पटना जू विश्व में पहले पायदान पर है. अमेरिका का जू भी इससे पीछे है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 22, 2023, 7:59 AM IST

Updated : Sep 22, 2023, 8:45 AM IST

पटनाः आज 22 सितंबर को वर्ल्ड राइनो डे मनाया जा रहा है. गैंडों के संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से और इसके प्रजातियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है. पहली बार साल 2010 में विश्व गैंडा दिवस मनाया गया था. गैंडा दिवस के मौके पर पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (Patna Zoo) में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Patna Zoo: इंडोनेशिया से तीन जेब्रा लाने की कवायद, बदले में एक नर गैंडा दिया जाएगा

कार्यक्रम का होगा आयोजनः कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहेंगे, जो कार्यक्रम के शुभारंभ होने से पहले गैंडों का दीदार करेंगे और निरीक्षण करेंगे. जू के डायरेक्टर ने बताया कि पटना जू गैंडा कंजर्वेशन के लिए काफी प्रसिद्ध है. सेंट्रल जू अथॉरिटी के मुताबिक पटना गैंडा कंजर्वेशन के लिए स्पेशल सेंटर है. यहां ब्रीडिंग प्रोग्राम चलाया जाता है. सबसे अधिक गैंडों की ब्रीडिंग पटना जू में होती है.

"यहां का माहौल गैंडा के लिए काफी अनुकूल है. इसलिए यहां प्रजनन दर भी अच्छा है. मोर्टालिटी रेट भी कम है. बीते कुछ वर्षों में पटना जू से 50 से भी अधिक गैंडा देश के विभिन्न चिड़ियाघरों और विदेशों में भी भेजे गए हैं. इसके बदले अदला-बदली कार्यक्रम के तहत दूसरे जानवर पटना जू में लाए गए हैं." -डॉ सत्यजीत कुमार, डायरेक्टर, पटना जू

पटना चिड़ियाघर में गैंडा
पटना चिड़ियाघर में गैंडा

इंडोनेशिया लाया जाएगा जेब्राः बताते चलें कि पटना जू में जेब्रा की कमी है. जू में मात्र एक ही जेब्रा है. ऐसे में जेब्रा की संख्या को बढ़ाने को लेकर इंडोनेशिया से तीन जेब्रा लाने की तैयारी चल रही है. इसके बदले पटना जू से एक नर गैंडा दिया जाएगा. बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के और से स्वीकृति भी मिल गई है, लेकिन फाइल पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है. सूत्रों की माने तो जल्द ही यह स्वीकृत होने वाली है.

पटना जू में 14 गैंडे हैंः पटना जू में गैंडा को अनुकूल वातावरण मिल रहा है. यही कारण है कि यहां गैंडों की संख्या बढ़ रही है. पटना जू से भारत के अन्य राज्य के अलावा विदेशों में भी गैंडे भेजे गए हैं. इसके बावजूद पटना में जू में गैंडों की संख्या 14 है, जिसमें शिशु गैंडा सहित सात नर और छह मादा है. पूरे विश्व में गैंडा संरक्षण में पटना जू नंबर वन है. दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया के सैन डिएगो में 13 गैंडे हैं.

पटना चिड़ियाघर में गैंडा
पटना चिड़ियाघर में गैंडा

पटना में देश का पहला राइनो ब्रीडिंग सेंटरः पटना में गैंडों की संख्या को लेकर सेंट्रल जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने देश का पहला गैंडा प्रजनन केंद्र पटना में शुरू किया. यह केंद्र 3.5 एकड़ में फैला है. इस केंद्र को केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के सहयोग से 538.74 लाख रुपए की लागत से बनाया गया. इसमें 25 गैंडों को रखने की क्षमता है. अगले 5 साल में गैंडों की संख्या 14 से 20 तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

पटना से देश-विदेश भेजे जाते हैं गैंडेः बता दें कि पटना जू में 28 मई 1979 को एक जोड़ा नर-मादा गैंडा लाया गया था, जिसमें नर 2 साल और मादा 5 साल की थी. इसके बाद 28 मार्च 1982 को तीसरा गैंडा लाया गया. इसके बाद धीरे धीरे यहां गैंडों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई. देश-विदेश के अन्य चिड़ियाघरों में गैंडा भेजने के बाद भी पटना जू गैंडों की संरक्षण में विश्व में नंबर वन है.

पटनाः आज 22 सितंबर को वर्ल्ड राइनो डे मनाया जा रहा है. गैंडों के संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से और इसके प्रजातियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है. पहली बार साल 2010 में विश्व गैंडा दिवस मनाया गया था. गैंडा दिवस के मौके पर पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (Patna Zoo) में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

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कार्यक्रम का होगा आयोजनः कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहेंगे, जो कार्यक्रम के शुभारंभ होने से पहले गैंडों का दीदार करेंगे और निरीक्षण करेंगे. जू के डायरेक्टर ने बताया कि पटना जू गैंडा कंजर्वेशन के लिए काफी प्रसिद्ध है. सेंट्रल जू अथॉरिटी के मुताबिक पटना गैंडा कंजर्वेशन के लिए स्पेशल सेंटर है. यहां ब्रीडिंग प्रोग्राम चलाया जाता है. सबसे अधिक गैंडों की ब्रीडिंग पटना जू में होती है.

"यहां का माहौल गैंडा के लिए काफी अनुकूल है. इसलिए यहां प्रजनन दर भी अच्छा है. मोर्टालिटी रेट भी कम है. बीते कुछ वर्षों में पटना जू से 50 से भी अधिक गैंडा देश के विभिन्न चिड़ियाघरों और विदेशों में भी भेजे गए हैं. इसके बदले अदला-बदली कार्यक्रम के तहत दूसरे जानवर पटना जू में लाए गए हैं." -डॉ सत्यजीत कुमार, डायरेक्टर, पटना जू

पटना चिड़ियाघर में गैंडा
पटना चिड़ियाघर में गैंडा

इंडोनेशिया लाया जाएगा जेब्राः बताते चलें कि पटना जू में जेब्रा की कमी है. जू में मात्र एक ही जेब्रा है. ऐसे में जेब्रा की संख्या को बढ़ाने को लेकर इंडोनेशिया से तीन जेब्रा लाने की तैयारी चल रही है. इसके बदले पटना जू से एक नर गैंडा दिया जाएगा. बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के और से स्वीकृति भी मिल गई है, लेकिन फाइल पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है. सूत्रों की माने तो जल्द ही यह स्वीकृत होने वाली है.

पटना जू में 14 गैंडे हैंः पटना जू में गैंडा को अनुकूल वातावरण मिल रहा है. यही कारण है कि यहां गैंडों की संख्या बढ़ रही है. पटना जू से भारत के अन्य राज्य के अलावा विदेशों में भी गैंडे भेजे गए हैं. इसके बावजूद पटना में जू में गैंडों की संख्या 14 है, जिसमें शिशु गैंडा सहित सात नर और छह मादा है. पूरे विश्व में गैंडा संरक्षण में पटना जू नंबर वन है. दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया के सैन डिएगो में 13 गैंडे हैं.

पटना चिड़ियाघर में गैंडा
पटना चिड़ियाघर में गैंडा

पटना में देश का पहला राइनो ब्रीडिंग सेंटरः पटना में गैंडों की संख्या को लेकर सेंट्रल जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने देश का पहला गैंडा प्रजनन केंद्र पटना में शुरू किया. यह केंद्र 3.5 एकड़ में फैला है. इस केंद्र को केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के सहयोग से 538.74 लाख रुपए की लागत से बनाया गया. इसमें 25 गैंडों को रखने की क्षमता है. अगले 5 साल में गैंडों की संख्या 14 से 20 तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

पटना से देश-विदेश भेजे जाते हैं गैंडेः बता दें कि पटना जू में 28 मई 1979 को एक जोड़ा नर-मादा गैंडा लाया गया था, जिसमें नर 2 साल और मादा 5 साल की थी. इसके बाद 28 मार्च 1982 को तीसरा गैंडा लाया गया. इसके बाद धीरे धीरे यहां गैंडों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई. देश-विदेश के अन्य चिड़ियाघरों में गैंडा भेजने के बाद भी पटना जू गैंडों की संरक्षण में विश्व में नंबर वन है.

Last Updated : Sep 22, 2023, 8:45 AM IST
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