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समाज सुधार और जनजागृति के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मंत्री मदन सहनी

पटना में महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा जेंडर बजटिंग पर आधारित राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी (social welfare Minister Madan Sahni) उपस्थित रहे. कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों को 4 समूहों में बाँट कर बाल विवाह, दहेज प्रथा, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, कुपोषण जैसे विषयों पर समूह कार्य करवाया गया. कार्यक्रम में अंत में निगम के निदेशक राजीव वर्मा ने जेंडर बजटिंग की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला.

मदन सहनी
मदन सहनी
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Published : Sep 17, 2022, 2:30 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में महिला एवं बाल विकास निगम (Women and Child Development Corporation in Patna) द्वारा जेंडर बजटिंग पर राज्य स्तरीय कार्यशाला (State Level Workshop) का आयोजन किया गया. जिसमे विभाग के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस कार्यशाला का विधिगत उद्घाटन मुख्य अतिथि समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने किया. इस मौके पर महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा एवं समाज कल्याण विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा की भी उपस्थिति रहे.

ये भी पढ़ें- बिहार में सुखाड़ पर बोले मंत्री मदन सहनी- किसानों को हर संभव मदद देगी सरकार

कार्यशाला का उद्देश्य बेहतर क्रियानवयन सुनिश्चित करना: निगम के कार्यपालक निदेशक ने कहा कि आज की इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य और जिला स्तर के पदाधिकारियों को जेंडर बजट की अवधारणा, उसकी व्यवस्था पर उनका उन्मुखीकरण करना और इसका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है.

समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने किया उद्घाटन : कार्यशाला का उद्घाटन शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने किया. इस मौके पर उन्होनें बिहार सरकार के द्वारा महिलाओ की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम की जमकर तारीफ की.

"बिहार सरकार शुरुआत से ही किशोरियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है. जब हमारे मुख्यमंत्री ने लड़कियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की थी तब इसका ज्यादा महत्व पता नहीं चल पाया था. लेकिन अब इसका बदलाव दिख रहा है. मुख्यमंत्री ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के प्रति जो जन जागरूकता लाने का काम किया है. इसका बहुत अच्छा परिणाम मिला हैं. दहेज लेने वाले परिवारों से लड़कियां स्वयं ही शादी करने से इनकार कर देती है. जो महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदहारण है.".- मदन सहनी, समाज कल्याण विभाग मंत्री

जेंडर का मतलब नहीं हैं सिर्फ महिलाएं : मौके पर निगम अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा भी उपस्थित रहीं. इस दौरान उन्होनें कहा कि जेंडर का मतलब सिर्फ महिलाएं नहीं हैं. इसमें महिलाएं पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी आते हैं. महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए सरकारें हर तरह के प्रयास में लगी हुई.

"सरकारों के पास जेंडर बजट एक टूल है. हमें संतुलन बनाना होता है कि आर्थिक उन्नति और सामाजिक विकास दोनों साथ-साथ कैसे चलें और उसी के लिए जेंडर बजट (Gender Budget In Bihar) बनाया जाता है ताकि हम लोग दोनों लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि जिस दिन यह भ्रान्ति दूर हो जाएगी कि लड़का और लड़की दोनों बराबर है, उस दिन समाज में आमूलचूल परिवर्तन हो जाएगा".- हरजोत कौर बम्हरा, निगम अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक

बिहार के जीडीपी का 15 फीसदी जेंडर बजट एलोकेट: कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में Budget Analysis and Research Centre Trust के निदेशक डॉ निसार अहमद ने कहा कि भारत सरकार 2005 से जेंडर बजट पेश कर रहा है. वही बिहार में इसकी शुरूआत 2008 में शुरु हुई है. मौजूदा बजट सत्र 2022-23 में बिहार के कुल बजट का 15 प्रतिशत हिस्सा जेंडर बजट के लिए एलोकेट किया गया है. जो बिहार के कुल जीडीपी का 5 फीसदी है. वहीं आद्री की डॉ बर्ना गांगुली ने कहा कि सोशल इंडिकेटर में हम अच्छा कर रहे हैं पर और बेहतर करने की जरुरत है. बिहार सरकार मुख्य बजट के अलावा, जेंडर बजट, चाइल्ड बजट, आउटकॉम अचीवमेंट और आगे चलकर न्यूट्रीशन बजट भी बनाने वाली है.

ये भी पढ़ें- मंत्री मदन सहनी का बड़ा बयान- केंद्र विशेष राज्य का दर्जा देने में असमर्थ, तो मुद्दा अब त्याग देना चाहिए

पटना: बिहार की राजधानी पटना में महिला एवं बाल विकास निगम (Women and Child Development Corporation in Patna) द्वारा जेंडर बजटिंग पर राज्य स्तरीय कार्यशाला (State Level Workshop) का आयोजन किया गया. जिसमे विभाग के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस कार्यशाला का विधिगत उद्घाटन मुख्य अतिथि समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने किया. इस मौके पर महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा एवं समाज कल्याण विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा की भी उपस्थिति रहे.

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कार्यशाला का उद्देश्य बेहतर क्रियानवयन सुनिश्चित करना: निगम के कार्यपालक निदेशक ने कहा कि आज की इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य और जिला स्तर के पदाधिकारियों को जेंडर बजट की अवधारणा, उसकी व्यवस्था पर उनका उन्मुखीकरण करना और इसका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है.

समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने किया उद्घाटन : कार्यशाला का उद्घाटन शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने किया. इस मौके पर उन्होनें बिहार सरकार के द्वारा महिलाओ की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम की जमकर तारीफ की.

"बिहार सरकार शुरुआत से ही किशोरियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है. जब हमारे मुख्यमंत्री ने लड़कियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की थी तब इसका ज्यादा महत्व पता नहीं चल पाया था. लेकिन अब इसका बदलाव दिख रहा है. मुख्यमंत्री ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के प्रति जो जन जागरूकता लाने का काम किया है. इसका बहुत अच्छा परिणाम मिला हैं. दहेज लेने वाले परिवारों से लड़कियां स्वयं ही शादी करने से इनकार कर देती है. जो महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदहारण है.".- मदन सहनी, समाज कल्याण विभाग मंत्री

जेंडर का मतलब नहीं हैं सिर्फ महिलाएं : मौके पर निगम अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा भी उपस्थित रहीं. इस दौरान उन्होनें कहा कि जेंडर का मतलब सिर्फ महिलाएं नहीं हैं. इसमें महिलाएं पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी आते हैं. महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए सरकारें हर तरह के प्रयास में लगी हुई.

"सरकारों के पास जेंडर बजट एक टूल है. हमें संतुलन बनाना होता है कि आर्थिक उन्नति और सामाजिक विकास दोनों साथ-साथ कैसे चलें और उसी के लिए जेंडर बजट (Gender Budget In Bihar) बनाया जाता है ताकि हम लोग दोनों लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि जिस दिन यह भ्रान्ति दूर हो जाएगी कि लड़का और लड़की दोनों बराबर है, उस दिन समाज में आमूलचूल परिवर्तन हो जाएगा".- हरजोत कौर बम्हरा, निगम अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक

बिहार के जीडीपी का 15 फीसदी जेंडर बजट एलोकेट: कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में Budget Analysis and Research Centre Trust के निदेशक डॉ निसार अहमद ने कहा कि भारत सरकार 2005 से जेंडर बजट पेश कर रहा है. वही बिहार में इसकी शुरूआत 2008 में शुरु हुई है. मौजूदा बजट सत्र 2022-23 में बिहार के कुल बजट का 15 प्रतिशत हिस्सा जेंडर बजट के लिए एलोकेट किया गया है. जो बिहार के कुल जीडीपी का 5 फीसदी है. वहीं आद्री की डॉ बर्ना गांगुली ने कहा कि सोशल इंडिकेटर में हम अच्छा कर रहे हैं पर और बेहतर करने की जरुरत है. बिहार सरकार मुख्य बजट के अलावा, जेंडर बजट, चाइल्ड बजट, आउटकॉम अचीवमेंट और आगे चलकर न्यूट्रीशन बजट भी बनाने वाली है.

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