पटना: भारत में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर (women breast cancer) होने के प्रमुख कारण वेस्टर्न लाइफस्टाइल को फॉलो करना है. वेस्टर्न देश की महिलाएं अधिक मात्रा में स्मोक और अल्कोहल लेती हैं, जल्दी शादी नहीं करतीं और जिससे स्तनपान कराने में देरी होती है. इस कल्चर को यहां की महिलाएं भी फॉलो करने लगी है. जिस वजह से ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. यह कहना था 'सवेरा कैंसर रिसर्च संस्थान' के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वीपी सिंह का. वे पटना के होटल चाणक्य में 'ऑनकोप्लास्टिक इन ब्रेस्ट कैंसर' विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे.
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विशेषज्ञों ने दी ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी: कार्यशाला 'सवेरा कैंसर रिसर्च संस्थान' और ASI बिहार की ओर से योजित किया गया था. जिसमें पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर आईएस ठाकुर (PMCH Superintendent Dr IS Thakur), एम्स की प्लास्टिक सर्जरी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर वीणा सिंह सहित मेडिलक कॉलेजों के अन्य चिकित्सकगण शामिल हुए थे. इस कार्यशाल में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में किए जा रहे नई तकनीक और रिसर्च से संबंधित जानकारियां दी गई. कार्यशाला के तीन सत्रों में आयोजित किया गया. जिसमें कई चिकित्सकों ने ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जानकारियां साझा की.
अधिक गर्भ निरोधक गोली लेना खतरनाक: 'सवेरा कैंसर रिसर्च संस्थान' के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वीपी सिंह (Oncologist Dr VP Singh) ने बताया कि महिलाएं अधिक मात्रा में गर्भनिरोधक गोली (Contraceptive pills)अधिक ले रही है. इस कारण से भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे है. उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए 'ऑनकोप्लास्टिक' नई तकनीक है. पहले ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में महिला का पूरा ब्रेस्ट हटा दिया जाता था. अब ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में महिला का ब्रेस्ट बचाया जाता है. पिछले तीन-चार सालों में इस तकनीक के माध्यम से लगभग 350 पेशेंट क्योर किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि यह तकनीक ब्रेस्ट कैंसर के फर्स्ट स्टेज से थर्ड स्टेज तक के लिए बेहद कारगर है. स्टेज 4 में यह कारगर नहीं है. ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट की सर्जरी के बाद महिलाएं ऑपोजिट साइड से ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं. ब्रेस्ट कैंसर क्योर करने के बाद कुछ दिन रुकने के बाद प्रेगनेंसी के लिए भी सलाह दिया जाता है.
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