पटना: प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला लगातार जारी है. जिनके पास कोई सुविधा नहीं वो पैदल ही अपने घर की तरफ लौट रहे हैं. इसी कड़ी में मुंगेर के रहने वाले शंकर रजक 11 मई को दिल्ली से अपने सफर पर निकल गए. शंकर कभी पैदल तो कभी ट्रक पर सवार होकर शुक्रवार की सुबह 8 बजे पटना पहुंचे. यहां पहुंचकर वो बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
सड़क पर ढूंढ रहे मदद
शंकर को अपने घर मुंगेर जाना है. वह पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर बैठकर सुबह से मदद का इंतजार कर रहे हैं कि कोई उन्हें घर पहुंचा दे. शंकर को मुंगेर तक जाने के लिए साधन नहीं मिल रहा. शंकर रजक ने कहा कि दिल्ली से 11 मई को पैदल ही बिहार के लिए निकल पड़ा था. लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में बेलदारी का काम भी बंद पड़ गया और खाने की आफत हो गई.
सरकार के वादे फेल
शंकर ने बताया कि उसने टीवी पर देखा कि बिहार सरकार लौटने वाले श्रमिकों की काफी सहायता कर रही है. ये खबर देखकर वो बिहार लौटे, लेकिन यहां पहुंचने पर सरकार के किए सभी वादे खोखले साबित हुए. शंकर ने कहा कि दिल्ली से बिहार पहुंचने के दौरान रास्ते में कई राज्य और जिले में लोगों में उसकी खूब सहायता की, लेकिन बिहार में उन्हे कोई सहायता नहीं मिली.