पटना: कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर में बीते 24 मार्च से लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन की वजह से दूसरे जगहों में रहकर कमाने-खाने वाले मजदूरों की परेशानी काफी बढ़ गई है. उन्हें अपने साथ-साथ अपने परिवार का भरण-पोषण के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण काम-काज ठप है. ऐसे में अपने घर वापस आने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
इस बीच गुरुवार को गोपालगंज से कई मजदूर पटना पहुंचे. पैदल आए मजदूरों ने बताया कि वे गोपालगंज में रहकर इलेक्ट्रिक के साथ कृषि यंत्रों का सप्लाई का काम करते थे. लेकिन, लॉकडाउन की वजह से सभी काम बंद पड़े हैं. किसी तरह डेढ़ महीना रह कर उन्होंने अपना भरण-पोषण किया. लेकिन, अब पैसे के अभाव में वे घर लौट रहे हैं.
'नहीं मिल रही सरकार की कोई मदद'
मजदूरों ने बताया कि सरकार गरीबों के लिए अनेकों योजना चला रही हैं, लेकिन वह योजनाएं हम तक नहीं पहुंच रही. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से भी उन्हें कोई खास मदद नहीं मिली. ऐसे में वे अपने बूते घर की राह ले रहे हैं. इन मजदूरों का कहना है कि सभी दुकानें बंद होने की वजह से उनका रोजगार छिन गया. उनके पास इनकम का कोई साधन नहीं रहा तो वे वहां रह कर क्या करते?
मजदूरों ने खोली सरकार की पोल
हैरानी की बात तो ये है कि सरकार दावा कर रही है कि जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, उनकी जांच कराई जा रही है. उसके बाद उन्हें 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. लेकिन, इन मजदूरों ने सरकारी दावों की पोल खोल दी. जांच को लेकर सवाल करने पर उन्होंने साफ तौर से कहा कि वे गोपालगंज से पैदल आए है. रास्ते में हमें कहीं रोका नहीं गया. वहीं, खाना-पानी तो दूर उनकी किसी तरह की कोई जांच भी नहीं की गई.