पटना: बिहार सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए कई कार्य कर रही है. खास तौर पर राज्य में महिला सिपाहियों की संख्या भी अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा है. राजधानी में मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी और तमाम वरीय अधिकारी रहते हैं, वूमेन एंपावरमेंट की बात भी पुलिस महकमें की तरफ से की जाती है. पटना के डाक बंगला चौराहा, गांधी मैदान, इनकम टैक्स, हड़ताली मोड़ के साथ कई अन्य जगहों पर पुरुष सिपाही के साथ महिला सिपाहियों की ड्यूटी (Duty of Female Constables in Patna) लगाई जाती है. ताकि सड़क पर कोई दबाव नहीं बने. अगर ऐसे में महिला सिपाहियों को अगर ड्यूटी के दौरान शौचालय जाने की जरूरत पड़ी तो किसी प्राइवेट अपार्टमेंट या दुकानों के बाथरूम की तलाश करनी पड़ती है.
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चेक पोस्ट पर नहीं है शौचालय: ईटीवी भारत की टीम ने पटना जंक्शन से लेकर गांधी मैदान और एग्जीबिशन रोड से लेकर हड़ताली मोड़ पर बने चेक पोस्टों पर बाथरूम जाने में पुरुष सिपाही के साथ-साथ महिला सिपाहियों को कितनी परेशानी होती है इसे जाना है. पड़ताल में पता चला कि चेक पोस्ट पर शौचालय नहीं होने के कारण दोनों महिला और पुरुष सिपाहियों को काफी परेशानी होती है. हालांकि इस मामले को लेकर हमने महिला सिपाही से लेकर पुरुष सिपाहियों से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई भी इस पर सामने आकर बोलने को तैयार नहीं हैं. हालांकि बातचीत के दौरान उन लोगों का कहना है कि यह जगजाहिर है की ड्यूटी के 8 से 10 घंटे के दरमियान अगर किसी को भी यूरिन के लिए जाना हो तो दूसरे दफ्तर में जाकर वापस ड्यूटी पर आना पड़ता है. इसके लिए किसी होटल में या पास के दुकानों में जाकर शौचालय का प्रयोग करना पड़ता है.
नहीं बना ई टॉयलेट: पुलिसकर्मियों का कहाना है कि कई बार अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि ई टॉयलेट चेक पोस्ट के पास में बनाया जाएगा लेकिन इस बात को सुनते-सुनते कितने दिन हो गए, आज तक यह नहीं बनाया गया. एक महिला को शहर में बाथरूम के लिए कितनी परेशानी होती है यह सभी लोग जानते हैं. ऐसे में जो कानून के रखवाले हैं उनके लिए एक शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ महिला सिपाहियों का यह कहना था कि हम लोग पानी कम पीते हैं की बार बार बाथरूम जाने की जरूरत ना पड़े. बता दें कि साल 2022 में यह फैसला बड़े अधिकारियों के तरफ से लिया गया था कि बिहार में महिला पुलिस कर्मियों को राहत दी जाएगी. ड्यूटी के दौरान मोबाइल टॉयलेट की सुविधा प्रदान की जाएगी. लगभग देखा जाए तो 5 महीने बाद अभी तक कहीं सरकार की पहल नजर नहीं आ रही है और कई जगह पर जो पुराना टॉयलेट भी कंट्रक्शन के कारण टूट गए हैं.