पटना (मसौढ़ी): बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) कानून लागू है. इसके बावजूद राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में शराब की तस्करी (Alcohol Smuggling in Patna) जारी है. जिससे गरीब और पिछड़वर्ग ज्यादा प्रभावित हो रहा है. शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने को लेकर मसौढ़ी के नक्सल प्रभावित इलाके भगवानगंज थाना क्षेत्र के देवरिया गांव में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने स्थानीय लोगों को जागरुक किया और सभी से शराब का सेवन नहीं करने की अपील की.
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बता दें की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के नक्सल प्रभावित भगवानगंज थाने के देवरिया गांव में महिलाएं और पुरुष हाथों में तख्ती लिए हुए गांव की गलियों में घूम-घूम कर लोगों से शराब नहीं पीने के लिए जागरुक करते नजर आये. बताया जाता है कि इस इलाके में कुछ लोग शराब बेचने की गतिविधियों में लिप्त थे. जिससे लोग शराब की सेवन करते ही थे, साथ में पुलिस भी आकर लोगों को परेशान करती थी. जिसके बाद महिलाओं ने शराबबंदी का पालन कराने के लिए सड़कों पर उतर आयी और लोगों को शराब नहीं पीने का संकल्प दिला रही हैं. उनका कहना है कि न तो शराब पिलाएं और न पियें और शराब बनाने वालों पर पुलिस-प्रशासन सख्त कार्रवाई करें.
'देवरिया गांव में शराब बंद होना चाहिए. लोग शराब की लत से अपने आप को बर्बाद करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में मैं पूरे गांव में घूम-घूम कर लोगों को जागरूक कर शराब बंद करने का आह्वान करूंगा. हम चाहते हैं कि न तो कोई शराब न पिए न पिलाएं. सभी लोग अपने परिवार और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान दें.' -उपेंद्र बिंद, जिला परिषद सदस्य
'अपनी पंचायत में शराबबंदी की मुहिम को जमकर चलाउंगा. युद्ध स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. गांव गांव में घूम-घूम कर लोगों को शराब न बनाने, पीने और पिलाने पर पाबंदी करने के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करुंगा और सभी से बताउंगा कि यह सेहत से खिलवाड़ है, इससे दूर रहने में भलाई है.' -ओम प्रकाश, मुखिया
देवरिया पंचायत
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