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महिला दिवस विशेष: नारी शक्ति से चल रहा पटना का करबिगहिया पावर ग्रिड, यहां एक भी पुरुष स्टाफ नहीं

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2022) महिलाओं को सम्मान देने और उनकी बहादूरी को सलाम करने का दिन है. आज महिलाएं देश और समाज के विकास में जिस तरह अपनी भागीदारी निभा रही हैं, वो काबिले तारीफ है. बिहार की महिलाएं ऊर्जा क्षेत्र में भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही हैं. जानिए पटना के करबिगहिया पावर ग्रिड की खासियत...

पटना का करबिगहिया पावर ग्रिड
पटना का करबिगहिया पावर ग्रिड
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Published : Mar 8, 2022, 2:08 PM IST

पटनाः आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. हर जगह महिलाओं के कारनामों और बहादुरी की चर्चा हो रही है. बात अगर बिहार की करें तो यहां की तरक्की में महिलाएं अब सक्रिय भागीदारी (Women Participation In Progress) निभा रही हैं. हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. हर क्षेत्र में, हर विभाग में इन्होंने खुद को साबित किया है. बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में भी महिलाएं (Women Operating Karbighia Power Grid In Patna) अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही हैं. राजधानी पटना का करबिगहिया पावरग्रिड 24 घंटे महिलाओं के संपूर्ण प्रबंधन में चलने वाला बिहार का पहला पावर ग्रिड है. यहां एक भी पुरूष स्टाफ नहीं है. पूरा ग्रिड महिलाएं ही संभालती हैं.

ये भी पढ़ेंः International Womens Day 2022: छपरा जंक्शन पर नारी शक्ति के हाथ में ट्रेनों की कमान

बिहार में एक दशक पहले तक ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका नहीं के बराबर थी. बिजली उत्पादन, वितरण एवं तकनीकी प्रबंधन से जुड़े सारे कार्यों में मुख्यतः पुरुषों का दबदबा था. लेकिन पटना के चौबीसों घंटे चलने वाले करबिगहिया पावर ग्रिड का संपूर्ण प्रबंधन केवल महिलाएं करती हैं. पिंक पावरग्रिड के नाम से चर्चित इस पावर सब-स्टेशन में 11 महिलाएं कार्यरत हैं. पावर होल्डिंग कंपनी ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जुलाई, 2017 में पटना स्थित करबिगहिया ग्रिड का संचालन पूर्ण रूप से महिलाओं को सौंप दिया.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें - महिला दिवस स्पेशल: कमरे में मशरूम उगाने से लेकर 'नारी शक्ति सम्मान' तक का सफर, पढ़िए 'बिहार की मशरूम लेडी' की कहानी

इस पिंक पावर ग्रिड से विद्युत आपूर्ति से संबंधित कार्य 8-8 घंटे के तीन शिफ्टों में पूरी की जाती है. जिसमें सुबह की शिफ्ट सुबह छः बजे से दोपहर दो बजे तक होती है. दूसरी शिफ्ट दोपहर दो बजे से रात 10 बजे तक और तीसरी एवं आखरी शिफ्ट रात के दस बजे से सुबह 6 बजे तक होती है. हर शिफ्ट में तीन महिला कर्मी कार्यों का संचालन करती हैं. मॉनिटरिंग, इलेक्ट्रिक पैनल की जांच करने से लेकर ग्रिड से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने तक सभी कार्य यहां महिलाओं के ही जिम्मे है.

यह भी पढ़ें - तबस्सुम ने 29 राज्यों में साइकिल से यात्रा कर महिलाओं को किया जागरूक, नहीं की लोगों के विरोध की परवाह

पिंक पावर ग्रिड में कार्य करने वाली श्वेता शर्मा इंजीनियर के पोस्ट पर 2 साल से तैनात हैं. वे पहले हाजीपुर में कार्यरत थीं. श्वेता बताती हैं- हमने सुना था कि करबिगहिया पिंक ग्रीड में केवल महिलाएं कार्य करती हैं तो मन में बड़ी तमन्ना थी कि इस ग्रिड में मैं भी काम करूं और उसके बाद 2021 से बागडोर संभाल रही हूं.

यह भी पढ़ें - पिंकथॉन संस्था कर रही महिलाओं को हेल्थ के प्रति जागरूक, 10 देशों में वुमन एंपावरमेंट के लिए करती है काम

'टेक्निकल फॉल्ट हो या पेपर वर्क हो ,हम सभी महिलाएं मिलकर काम करती हैं. कभी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है. यहां तक कि इस ग्रीड में गार्ड भी महिलाएं हैं, जो हम लोगों की सुरक्षा करती हैं. महिलाएं रात की शिफ्ट में भी काम कर रही हैं. सुरक्षाकर्मी की तैनाती के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं'- श्वेता शर्मा, इंजीनियर

बता दें कि पटना का करबिगहिया पावर ग्रिड राजधानी एक महत्वपूर्ण पावर सब स्टेशन है, जो मौर्यलोक कॉम्प्लेक्स और सब्जी बाग सहित राजधानी के कई व्यस्ततम इलाकों में पावर सप्लाई सुनिश्चित करता है. इसके तहत आने वाले क्षेत्रों में बिजली से संबंधित किसी प्रकार की त्रुटि होने पर ग्रिड में स्थित पैनल्स का अलार्म स्वतः बजने लगता है. जिससे महिला कर्मियों को त्रुटि की जानकारी का पता चलता है. इसके तुरंत बाद महिला बिजलीकर्मी, सुरक्षाकर्मी (गार्ड) के साथ मौके पर पहुंच कर त्रुटियों का निवारण करती हैं. करबिगहिया पावर ग्रिड पिंक पावर ग्रिड के नाम से चर्चित है, जिसे 2017 से महिलाएं संभाल रही हैं.

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पटनाः आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. हर जगह महिलाओं के कारनामों और बहादुरी की चर्चा हो रही है. बात अगर बिहार की करें तो यहां की तरक्की में महिलाएं अब सक्रिय भागीदारी (Women Participation In Progress) निभा रही हैं. हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. हर क्षेत्र में, हर विभाग में इन्होंने खुद को साबित किया है. बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में भी महिलाएं (Women Operating Karbighia Power Grid In Patna) अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही हैं. राजधानी पटना का करबिगहिया पावरग्रिड 24 घंटे महिलाओं के संपूर्ण प्रबंधन में चलने वाला बिहार का पहला पावर ग्रिड है. यहां एक भी पुरूष स्टाफ नहीं है. पूरा ग्रिड महिलाएं ही संभालती हैं.

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बिहार में एक दशक पहले तक ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका नहीं के बराबर थी. बिजली उत्पादन, वितरण एवं तकनीकी प्रबंधन से जुड़े सारे कार्यों में मुख्यतः पुरुषों का दबदबा था. लेकिन पटना के चौबीसों घंटे चलने वाले करबिगहिया पावर ग्रिड का संपूर्ण प्रबंधन केवल महिलाएं करती हैं. पिंक पावरग्रिड के नाम से चर्चित इस पावर सब-स्टेशन में 11 महिलाएं कार्यरत हैं. पावर होल्डिंग कंपनी ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जुलाई, 2017 में पटना स्थित करबिगहिया ग्रिड का संचालन पूर्ण रूप से महिलाओं को सौंप दिया.

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इस पिंक पावर ग्रिड से विद्युत आपूर्ति से संबंधित कार्य 8-8 घंटे के तीन शिफ्टों में पूरी की जाती है. जिसमें सुबह की शिफ्ट सुबह छः बजे से दोपहर दो बजे तक होती है. दूसरी शिफ्ट दोपहर दो बजे से रात 10 बजे तक और तीसरी एवं आखरी शिफ्ट रात के दस बजे से सुबह 6 बजे तक होती है. हर शिफ्ट में तीन महिला कर्मी कार्यों का संचालन करती हैं. मॉनिटरिंग, इलेक्ट्रिक पैनल की जांच करने से लेकर ग्रिड से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने तक सभी कार्य यहां महिलाओं के ही जिम्मे है.

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पिंक पावर ग्रिड में कार्य करने वाली श्वेता शर्मा इंजीनियर के पोस्ट पर 2 साल से तैनात हैं. वे पहले हाजीपुर में कार्यरत थीं. श्वेता बताती हैं- हमने सुना था कि करबिगहिया पिंक ग्रीड में केवल महिलाएं कार्य करती हैं तो मन में बड़ी तमन्ना थी कि इस ग्रिड में मैं भी काम करूं और उसके बाद 2021 से बागडोर संभाल रही हूं.

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'टेक्निकल फॉल्ट हो या पेपर वर्क हो ,हम सभी महिलाएं मिलकर काम करती हैं. कभी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है. यहां तक कि इस ग्रीड में गार्ड भी महिलाएं हैं, जो हम लोगों की सुरक्षा करती हैं. महिलाएं रात की शिफ्ट में भी काम कर रही हैं. सुरक्षाकर्मी की तैनाती के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं'- श्वेता शर्मा, इंजीनियर

बता दें कि पटना का करबिगहिया पावर ग्रिड राजधानी एक महत्वपूर्ण पावर सब स्टेशन है, जो मौर्यलोक कॉम्प्लेक्स और सब्जी बाग सहित राजधानी के कई व्यस्ततम इलाकों में पावर सप्लाई सुनिश्चित करता है. इसके तहत आने वाले क्षेत्रों में बिजली से संबंधित किसी प्रकार की त्रुटि होने पर ग्रिड में स्थित पैनल्स का अलार्म स्वतः बजने लगता है. जिससे महिला कर्मियों को त्रुटि की जानकारी का पता चलता है. इसके तुरंत बाद महिला बिजलीकर्मी, सुरक्षाकर्मी (गार्ड) के साथ मौके पर पहुंच कर त्रुटियों का निवारण करती हैं. करबिगहिया पावर ग्रिड पिंक पावर ग्रिड के नाम से चर्चित है, जिसे 2017 से महिलाएं संभाल रही हैं.

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