पटना: राजधानी पटना के कई गांवों में इन दिनों महिलाएं प्रशिक्षण (Mushroom farming training to women) लेकर मशरूम की खेती कर रही हैं. साथ ही कम लागत में अच्छा मुनाफा भी कमा रही हैं. वहीं, एक रिटायर्ड फौजी महिलाओं को मसौढ़ी में मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें स्वरोजगार की ओर करते नजर आ रहे हैं. मसौढ़ी के जगपुरा गांव के रिटायर्ड फौजी सीताराम सिंह गांव की महिलाओं को मशरूम की खेती के लिए जागरूक कर रहे हैं. उन्हें प्रशिक्षण देकर खेती की ओर उन्मुख कर रहे हैं, ताकि वो स्वरोजगार की ओर उन्मुख होकर आत्मनिर्भर बन सकें.
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जगपुरा गांव की पूनम देवी, सरस्वती देवी, सुशीला देवी, रुकमणी देवी समेत कई महिलाएं मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लेकर अपने ही घरों में मशरूम उगा रही हैं और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं. उन्होंने बताया कि गांव-गांव में जाकर महिलाओं को हम मशरूम की खेती की ओर जागरूक कर रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि, सभी महिलाएं स्वरोजगार की ओर उन्मुख हो सकें.
रिटायर्ड फौजी सीताराम सिंह (Retired soldier Sitaram Singh of Jagpura village) बताते हैं कि वह राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय से मशरुम की खेती का प्रशिक्षण लेकर पिछले 15 सालों से गांव-गांव की महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर स्वरोजगार की ओर उन्मुख कर रहे हैं, अब तक 100 से अधिक महिलाओं को मशरूम की खेती को लेकर जागरूक कर चुके हैं.
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''घर में ही मशरूम की खेती की जा सकती है. गांव के पुआल को धोकर उसे रात भर हवा में सुखाकर उसमें बीज डालकर एक पॉलिथीन में उसे पैक कर 15 दिनों तक छोड़ दिया जाता है, जब वह बीज अंकुर जाता है तो पॉलिथीन को हटा कर रख दिया जाता है. ऐसे में मशरूम उगना शुरू हो जाता है, एक बीज से तीन बार मशरुम का फल निकलता है.''- सीताराम सिंह, रिटायर्ड फौजी सह किसान, मसौढ़ी
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