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पटना की रहने वाली महिला गलत ट्रेन में बैठकर पहुंची जयपुर, लॉक डाउन की वजह से परेशान

जयपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला अपने चार साल के बच्चे के साथ भटकती नजर आई. यह महिला गलत ट्रेन में बैठकर जयपुर पहुंच गई. जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने उसकी मदद की.

जयपुर
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Published : Mar 24, 2020, 3:41 PM IST

जयपुर/पटना: रेलवे स्टेशन पर सोमवार को एक महिला अपने चार साल के बेटे के साथ गलत ट्रेन में बैठकर जयपुर पहुंच गई. जिसके बाद उसने जयपुर और कोटा में रह रहे रिश्तेदारों को मदद के लिए फोन किया. लेकिन सभी ने कोरोना वायरस को लेकर चल रहे लॉक डाउन के चलते आने में असर्मथता जताई. जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने उसे पनाह दी.

जानकारी के अनुसार पटना निवासी अस्मिता अपने 4 साल के बेटे के साथ नागपुर गई थी. रविवार को लौटते हुए वह गलत ट्रेन में बैठकर जयपुर पहुंच गई. अस्मिता ने बताया कि शनिवार को पती का फोन आया कि अप्रैल की शुरुआत में इंटरव्यू है, घर आ जाओ. उसने बागमती एक्सप्रेस में नागपुर से पटना का स्लीपर श्रेणी में टिकट बुक कराया था.

पेश है रिपोर्ट

गलत ट्रेन में बैठी महिला
जिसके बाद रविवार शाम को नागपुर स्टेशन से वह गलती से मैसूर जयपुर एक्सप्रेस में बैठ गई. कोच में ज्यादा लोग नहीं थे, ऐसे में टिकट में अलॉट हुई बर्थ पर सो गई. कोई टीटीई भी चेक करने के लिए नहीं आया. सुबह आंख खुली तो ट्रेन जयपुर स्टेशन पर खड़ी थी. वह बच्ची को लेकर उतर गई. इस दौरान स्टेशन पर तैनात आरपीएफ पुलिस कर्मियों ने उससे पूछताछ की. तब गलत ट्रेन का पता लगा.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने दी प्रदेश में Curfew की चेतावनी, निजी वाहनों के आवागमन पर रोक

स्टेशन सुप्रिडेंट ने दी पनाह
इस पर स्टेशन सुप्रिडेंट और आरपीएफ इंस्पेक्टर राजकुमार ने उसे पनाह दी. अस्मिता को स्टेशन स्थित रेस्ट रूम में ठहराया और उसे खाना भी खिलाया गया. वहीं, रेलवे प्रशासन के कर्मचारियों की ओर से अपने घर से दूध मंगा कर बच्ची को पिलाया भी गया. इसके बाद अस्मिता ने नागपुर में भाई रितेश को फोन कर इसकी सूचना दी.

नागपुर से जयपुर के लिए हुआ रवाना
अब रितेश सुबह 10 बजे नागपुर से बाइक पर जयपुर के लिए रवाना हो गया है. जयपुर से नागपुर करीब 980 किलोमीटर है. इसे तय करने में 30 घंटे तक का समय भी लगेगा. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में राजस्थान के बॉर्डर भी अभी सीज है.

जयपुर/पटना: रेलवे स्टेशन पर सोमवार को एक महिला अपने चार साल के बेटे के साथ गलत ट्रेन में बैठकर जयपुर पहुंच गई. जिसके बाद उसने जयपुर और कोटा में रह रहे रिश्तेदारों को मदद के लिए फोन किया. लेकिन सभी ने कोरोना वायरस को लेकर चल रहे लॉक डाउन के चलते आने में असर्मथता जताई. जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने उसे पनाह दी.

जानकारी के अनुसार पटना निवासी अस्मिता अपने 4 साल के बेटे के साथ नागपुर गई थी. रविवार को लौटते हुए वह गलत ट्रेन में बैठकर जयपुर पहुंच गई. अस्मिता ने बताया कि शनिवार को पती का फोन आया कि अप्रैल की शुरुआत में इंटरव्यू है, घर आ जाओ. उसने बागमती एक्सप्रेस में नागपुर से पटना का स्लीपर श्रेणी में टिकट बुक कराया था.

पेश है रिपोर्ट

गलत ट्रेन में बैठी महिला
जिसके बाद रविवार शाम को नागपुर स्टेशन से वह गलती से मैसूर जयपुर एक्सप्रेस में बैठ गई. कोच में ज्यादा लोग नहीं थे, ऐसे में टिकट में अलॉट हुई बर्थ पर सो गई. कोई टीटीई भी चेक करने के लिए नहीं आया. सुबह आंख खुली तो ट्रेन जयपुर स्टेशन पर खड़ी थी. वह बच्ची को लेकर उतर गई. इस दौरान स्टेशन पर तैनात आरपीएफ पुलिस कर्मियों ने उससे पूछताछ की. तब गलत ट्रेन का पता लगा.

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स्टेशन सुप्रिडेंट ने दी पनाह
इस पर स्टेशन सुप्रिडेंट और आरपीएफ इंस्पेक्टर राजकुमार ने उसे पनाह दी. अस्मिता को स्टेशन स्थित रेस्ट रूम में ठहराया और उसे खाना भी खिलाया गया. वहीं, रेलवे प्रशासन के कर्मचारियों की ओर से अपने घर से दूध मंगा कर बच्ची को पिलाया भी गया. इसके बाद अस्मिता ने नागपुर में भाई रितेश को फोन कर इसकी सूचना दी.

नागपुर से जयपुर के लिए हुआ रवाना
अब रितेश सुबह 10 बजे नागपुर से बाइक पर जयपुर के लिए रवाना हो गया है. जयपुर से नागपुर करीब 980 किलोमीटर है. इसे तय करने में 30 घंटे तक का समय भी लगेगा. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में राजस्थान के बॉर्डर भी अभी सीज है.

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