पटनाः बिहार में मुकदमों के गवाहों को राज्य सरकार सुरक्षा देगी. मुकदमों का तेजी से निपटारा करने को ऐसा निर्णय लिया गया है. इसके लिए जिला गवाह सुरक्षा सेल का गठन करने का निर्णय लिया गया है. इस नियम के तहत एक बार में 3 माह से अधिक के लिए बॉडीगार्ड प्रदान करने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी. पूर्व एडीजी एसके भारद्वाज ने सरकार और पुलिस विभाग के इस निर्णय की सराहना की है. उन्होंने कहा, कुछ-कुछ संगीन अपराधों में हत्या के गवाहों की भी हत्या हो जाती है. ऐसे में गवाहों को सुरक्षा मुहैया करवाने का निर्णय सही साबित होगा.
28 जिलों में 70 गवाहों को दी जाएगी सुरक्षा
मिल रही जानकारी के अनुसार, अभियोजन के निर्देशक की ओर से आई रिपोर्ट के अनुसार बिहार गवाह योजना के तहत 28 जिलों से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 28 जिलों में 70 गवाहों की सुरक्षा के लिए रिपोर्ट आई है. अभी 58 गवाहों को सुरक्षा दी गई है. इन गवाहों को बॉडीगार्ड प्रदान करने के अलावा नियमित गश्त भी होगी. गवाहों के घर से न्यायालय आने-जाने के लिए स्कॉट्स प्रदान करने का भी विकल्प है.
जिला गवाह सुरक्षा सेल का गठन किया जाएगा
मुकदमे में तेजी से निपटारा हो सके, इस वजह से गवाहों के जीवन प्रतिष्ठा संपत्ति आदि के खतरे को लेकर क, ख, ग श्रेणी बनाई गई है. इस श्रेमी में वर्गीकृत कर सुरक्षा प्रदान की जाएगी. श्रेणी के अनुसार सभी गवाहों को सुरक्षा मिलेगी. सभी जिलों में गवाहों की सुरक्षा के लिए जिला गवाह सुरक्षा सेल का गठन किया जाएगा. भोजपुर और सिवान जिले में सबसे अधिक 10-10 से गवाहों को बॉडीगार्ड प्रदान किया गया है. अररिया, बेगूसराय मैं छह-छह गवाहों को सुरक्षा प्रदान की गई है. वहीं मधुबनी में 5 और कटिहार में 4 गवाहों को सुरक्षा प्रदान की गई है. अब तक बिहार के 10 जिलों से रिपोर्ट नहीं आई है. रिपोर्ट आने के बाद वहां के भी गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी.