पटनाः बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 2021 (Winter Session of Bihar Legislature) हंगामेदार रहने के आसार हैं. 29 नवंबर से शुरू हो रहे सत्र को लेकर जहां विपक्ष ने तैयारी पूरी कर ली है, वहीं सरकार भी कमर कस चुकी है. वहीं, सूबे में अपराध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, शराबबंदी जैसे सुलगते मुद्दों को लेकर सदन के अंदर और बाहर राजनीति चरम पर होने की पूरी उम्मीद है.
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एक तरफ दो सीटों पर हुए उपचुनाव में मिली जीत से गदगद सत्ता पक्ष पूरे उत्साह के साथ सदन में उपस्थित होगा, वहीं विपक्ष सरकार को घेरने में तनिक भी कसर नहीं छोड़ने वाला है. उपचुनाव में अलग हुई आरजेडी-कांग्रेस की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं. उम्मीद है कि सदन में कई विधेयक भी लाए जाएंगे.
तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर हुए उपचुनाव में अलग हुई कांग्रेस और आरजेडी सदन में एकजुट होकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. आरजेडी विधायक संगीता कुमारी का कहना है सत्र बहुत छोटा है. सरकार विपक्ष के डर से ही सत्र छोटा बुलाई है. यह भी सरकार की साजिश है. विपक्ष पूरी एकजुटता से छोटे सत्र में भी जनता के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा.
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कांग्रेस नेताओं का कहना है वे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगे. इसपर पार्टी के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. डॉक्टर के पद खाली पड़े हैं. शिक्षक के पद खाली पड़े हैं. उच्च शिक्षा में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं. अन्य कई मुद्दे हैं जिनपर सरकार से जवाब मांगी जाती है.
वहीं, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सदन की कार्यवाही सही ढंग से चले इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर दिया जा सके, इसकी भी तैयारियां की गई है. सभी प्रश्नों के उत्तर सरकार देगी.
शीतकालीन सत्र में होंगे ये महत्वपूर्ण कार्य
29 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलने वाले बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य होंगे.
- पहले दिन नए सदस्यों को शपथ ग्रहण दिलाया जाएगा.
- बिहार विधान मंडल में राज्यपाल के स्वीकृत प्रतियों को सदन पटल पर रखेंगे.
- वित्तीय वर्ष 2021-22 का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी भी सदन पटल पर रखा जाएगा.
- 30 नवंबर और 1 दिसंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे.
- 2 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर विवाद होगा और संबंधी विनियोग विधेयक पर मतदान होगा.
- 3 दिसंबर को गैर सरकारी मसलों पर चर्चा होगी.
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इस बार बिहार विधानसभा के सत्र पर सबकी नजरें टिकी होंगी. क्योंकि पिछले बजट सत्र के दौरान सदन में जबरदस्त हंगामा और विधायकों के साथ मारपीट हुई थी. उपचुनाव के नतीजों में जदयू को जीत मिलने के बाद जहां हौसला बढ़ा होगा वहीं, मजबूत विपक्ष भी मजबूती से सवाल को उठाएगा. कांग्रेस अगर इस दौरान आरजेडी का साथ नहीं भी दी तो वामदलों के साथ भी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने में विपक्ष कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
मौजूदा वक्त में सदन में विधायकों की स्थिति
एनडीए : कुल 128 विधायक
दल | विधायकों की संख्या |
बीजेपी | 74 |
जदयू | 45 |
हम | 04 |
वीआईपी | 03 |
निर्दलीय | 01 |
महागठबंधन : 110 विधायक
दल | विधायकों की संख्या |
आरजेडी | 75 |
कांग्रेस | 19 |
माले | 12 |
सीपीआई | 02 |
सीपीएम | 02 |
वहीं, एआईएमआईएम के पास 5 विधायक हैं.
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