पटना: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस सत्र में जनहित से जुड़े दो सवालों के जवाब ही सत्र के दौरान सदन में पेश हो सके. विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. हालांकि सरकार ने सत्र के दौरान चार महत्वपूर्ण विधेयक पारित करवा लिए.
सत्र में हुई 5 बैठकें
बिहार विधान परिषद के 193वें शीतकालीन सत्र में पांच बैठकें हुई. जिनमें कुल 345 प्रश्नों को स्वीकृति प्रदान की गई थी. जिसमें से 110 प्रश्नों के जवाब दिए गए. कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने बताया कि सत्र के दौरान चार महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए हैं. जो इस प्रकार हैं:
- बिहार विनियोग अधिकाय व्यय 1982-83 एवं 2004-2005 संख्या 2 विधेयक 2019
- बिहार माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2019
- बिहार कराधान विवाद समाधान विधेयक 2019
- बिहार विनियोग विधेयक 2019, को पारित करवाया गया.
670 प्रश्न में से 526 प्रश्न हुए स्वीकृत
सत्र के दौरान सदन में कुल 670 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें 526 प्रश्न स्वीकृत हुए . स्वीकृत प्रश्नों में से 16 अल्प सूचित, 446 तारांकित और 64 प्रश्न तारांकित थे. सदन में उत्तर प्रश्नों की संख्या 294, उत्तर संलग्न प्रश्नों की संख्या 63 से 367 अनागत हुए तथा 2 सौ 22 प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन प्राप्त हुए. सत्र के दौरान 100 गैर सरकारी संकल्प की सूचना पर सदन में चर्चा हुई. इस सत्र में कुल 93 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई जिसमें 8 वक्तव्य के लिए स्वीकृत हुए.
पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू
हंगामेदार सत्र को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. सत्ताधारी दल के भाजपा विधायक नितेश तिवारी ने बताया कि विपक्ष के रवैये के वजह से सत्र की कार्यवाही नहीं चल पाई. जिस कारण मात्र 2 सवाल ही सदन में पेश किया जा सका. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही को बाधित रखना चाहता था. उन्हें जनहित से जुड़े मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं था. वे लोग सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरना चाहते थे.
'विपक्ष की आवाज दबाना चाहती थी सरकार'
वहीं, सत्ता पक्ष पर पलटवार करते हुए माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि सरकार तानाशाही करना चाहती थी. वे लोग विपक्ष के आवाज को दबाना चाह रहे थे. उन्होंने बताया कि विपक्ष जनता कि हितों से जुड़े मुद्दे पर बहस कराना चाहता था. लेकिन उन मुद्दों पर बहस न कर सरकार दुसरे मुद्दे पर बहस कर रही थी. जिस वजह से हमलोगों ने सदन की कार्वाही को बाधित किया.
विधान परिषद का 193वां सत्र
गौरतलब है कि यह विधान परिषद का 193वां सत्र था. इस सत्र में जल जीवन हरियाली मिशन समेत कई महत्वपूर्ण सत्रों पर गंभीर चर्चा हुई. कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने सदस्यों का धन्यवाद करते हुए सदन की कार्यवाही पर संतोष व्यक्त किया.