पटना: क्या हो जब अचानक से वो इंसान वापस लौट आए, जिसका कुछ महीनों पहले दाह संस्कार हो चुका हो. कुछ ऐसा ही मामला राजधानी के रानीतलाब थाना क्षेत्र के निसरपुरा गांव में हुआ, जब कृष्णा मांझी वापस अपने गांव लौटा. अचानक कृष्णा को जीवित देखकर पूरा गांव चकित रह गया. कृष्णा का परिवार तो खुशी से झूम उठा.
दरअसल, कृष्णा मांझी 6 महीने पहले नौकरी के लिए झारखंड गया था. जहां वो अपने दोस्तों से बिछड़ गया. उसके साथी गांव वापस लौटे तो कृष्णा के लापता होने की बात कही. कुछ दिनों बाद नौबतपुर इलाके में भीड़तंत्र का आतंक हुआ. जिसमें भीड़ ने बच्चा चोरी के आरोप में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
मृतक को पुलिस ने बताया कृष्णा मांझी
4 महीने पहले नौबतपुर थाना के महमदपुर गांव में भीड़तंत्र का आतंक हुआ था. जिसमें युवक की हत्या हो गई. पुलिस ने शव को कृष्णा मांझी का समझा और पत्नी को पहचानने के लिए बुलाया. पत्नी रूबी देवी ने केवल संदेह मात्र से शव को कृष्णा मांझी का कह दिया. बाद में पुलिस की देखरेख में उसका दाह संस्कार भी कर दिया गया. लेकिन, गुरुवार को अचानक कृष्णा वापस लौट आया.
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पुणे में था कृष्णा...
गुरुवार की सुबह जब कृष्णा मांझी अचानक से गांव लौटा तो ये खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. ग्रामीणों की भीड़ उससे मिलने के लिए जमा होने लगी. वहीं, कृष्णा की पत्नी तो खुशी के कारण रो पड़ी. उन्होंने कहा कि पति जिंदा है, इससे बड़ी खुशी कुछ नहीं हो सकती.
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पुलिस को दे दी गई है कृष्णा के जिंदा होनी की सूचना
पति कृष्णा मांझी के जीवित होने पर पत्नी सबसे पहले थाने पहुंची. रानीतलाब पुलिस को बताया कि कृष्णा मांझी जिंदा है. मामले पर एसआई दरोगी कुमार ने बताया कि थाने को मामले की सूचना है. 10 अगस्त को बच्चा चोरी की अफवाह में ग्रामीणों ने युवक को पीट-पीटकर मार डाला था. अब ये साफ है कि वह शव कृष्णा मांझी का नहीं था. पुलिस जांच में जुट गई है कि वो शव किसका था.