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दबंगों ने घर में घुसकर विधवा से किया दुष्कर्म, थाने ने नहीं लिया आवेदन

जमुई में दबंगों ने घर में घुसकर एक विधवा के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. एफआईआर कराने थाने पहुंची पीड़िता को पुलिस ने भी डांट फटकार कर भगा दिया. एसपी के आदेश के बाद पीड़िता का एफआईआर महिला थाने में दर्ज कराया गया.

जमुई
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Published : Aug 27, 2021, 8:16 PM IST

जमुईः बिहार के जमुई (Jamui) जिले में विधवा महिला के साथ दबंगों ने दुष्कर्म किया. पीड़ित विधवा ने महिला थाने में आवेदन देकर बताया कि 23 अगस्त की सुबह 5 बजे के करीब यह घटना हुई. अड़सार गांव निवासी जमाल पहलवान के पुत्र साजिद आलम उसके घर पर पहुंचा. जैसे ही उसने घर का दरवाजा खोला, साजिद उसके घर में जबरन घुस गया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.

यह भी पढ़ें- दिव्यांग महिला के घर में घुसकर बांधे हाथ पैर, फिर किया कुछ ऐसा कि सुनकर आप हो जाएंगे शर्मसार

पीड़िता ने जब शोर मचाया तो आरोपी युवक ने फोन कर दो अन्य युवकों को बुलाया और वह भी उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा. जिसके बाद उसके अन्य समर्थक भी पहुंच गए. उसके घर में तोड़फोड़ की और उसके साथ मारपीट भी की. पीड़िता प्राथमिकी दर्ज कराने थाने पहुंची तो पुलिस ने डांट फटकार कर थाने से भगा दिया.

पीड़िता ने बताया कि घटना के दिन प्राथमिकी दर्ज कराने सदर थाना पहुंची थी. लेकिन थाने में पुलिस पदाधिकारियों ने डांट फटकार कर थाने से बाहर निकलवा दिया. जिस कारण उस दिन उसकी प्रथामिकी दर्ज नहीं करायी जा सकी. जब वह उसी दिन शाम को दोबारा थाने पहुंची तो भी उसे भगा दिया गया.

बताया जाता है कि घटना के चार दिन बीत जाने के बाद शुक्रवार की दोपहर पीड़ित महिला अपने कुछ सहयोगियों के साथ समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंची. लेकिन एसपी के छुट्टी पर रहने के कारण वह फोन पर बात की. जिसके बाद एसपी प्रमोद कुमार मंडल के हस्तक्षेप के बाद महिला थाने में मोहम्मद साजिद आलम को नामजद अभियुक्त बनाते हुए उसके दो अन्य सहयोगी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

स्थानी नीतीश शाह ने कहा कि जमुई थाने के पदाधिकारी द्वारा एफआईआर नहीं किया गया. थाने से पीड़िता को भगा दिया गया. इससे यह सिद्ध होता है कि इस जघन्य अपराध में जमुई थाने के पदाधिकारी मिले हुए हैं. या तो किसी राजनीतिक पार्टी और नेताओं की पैरवी पर ऐसा किया गया है. या तो फिर कोई और बात है जिसकी जांच होनी चाहिए. दुष्कर्म की घटना जितनी बुरी है उससे भी बुरा है एफआईआर दर्ज नहीं करना. इसके साथ ही नीतीश शाह ने जिला प्रशाशन से मांग की है कि जमुई थाने के अधिकारी को तत्काल निलंबित किया जाए.

यह भी पढ़ें- 'देखिए नीतीश जी अपनी सुशासनी सरकार.. यहां तो बालिका गृह में भी लड़कियों से होता है दुष्कर्म'

जमुईः बिहार के जमुई (Jamui) जिले में विधवा महिला के साथ दबंगों ने दुष्कर्म किया. पीड़ित विधवा ने महिला थाने में आवेदन देकर बताया कि 23 अगस्त की सुबह 5 बजे के करीब यह घटना हुई. अड़सार गांव निवासी जमाल पहलवान के पुत्र साजिद आलम उसके घर पर पहुंचा. जैसे ही उसने घर का दरवाजा खोला, साजिद उसके घर में जबरन घुस गया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.

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पीड़िता ने जब शोर मचाया तो आरोपी युवक ने फोन कर दो अन्य युवकों को बुलाया और वह भी उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा. जिसके बाद उसके अन्य समर्थक भी पहुंच गए. उसके घर में तोड़फोड़ की और उसके साथ मारपीट भी की. पीड़िता प्राथमिकी दर्ज कराने थाने पहुंची तो पुलिस ने डांट फटकार कर थाने से भगा दिया.

पीड़िता ने बताया कि घटना के दिन प्राथमिकी दर्ज कराने सदर थाना पहुंची थी. लेकिन थाने में पुलिस पदाधिकारियों ने डांट फटकार कर थाने से बाहर निकलवा दिया. जिस कारण उस दिन उसकी प्रथामिकी दर्ज नहीं करायी जा सकी. जब वह उसी दिन शाम को दोबारा थाने पहुंची तो भी उसे भगा दिया गया.

बताया जाता है कि घटना के चार दिन बीत जाने के बाद शुक्रवार की दोपहर पीड़ित महिला अपने कुछ सहयोगियों के साथ समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंची. लेकिन एसपी के छुट्टी पर रहने के कारण वह फोन पर बात की. जिसके बाद एसपी प्रमोद कुमार मंडल के हस्तक्षेप के बाद महिला थाने में मोहम्मद साजिद आलम को नामजद अभियुक्त बनाते हुए उसके दो अन्य सहयोगी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

स्थानी नीतीश शाह ने कहा कि जमुई थाने के पदाधिकारी द्वारा एफआईआर नहीं किया गया. थाने से पीड़िता को भगा दिया गया. इससे यह सिद्ध होता है कि इस जघन्य अपराध में जमुई थाने के पदाधिकारी मिले हुए हैं. या तो किसी राजनीतिक पार्टी और नेताओं की पैरवी पर ऐसा किया गया है. या तो फिर कोई और बात है जिसकी जांच होनी चाहिए. दुष्कर्म की घटना जितनी बुरी है उससे भी बुरा है एफआईआर दर्ज नहीं करना. इसके साथ ही नीतीश शाह ने जिला प्रशाशन से मांग की है कि जमुई थाने के अधिकारी को तत्काल निलंबित किया जाए.

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