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Bihar Politics: UP में फूलन देवी के बहाने 'VIP' की राजनीति, BJP क्यों है परेशान, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी फूलन देवी के बहाने यूपी में सियासत करना चाहते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सहनी के यूपी की राजनीति (UP politics) में जाने की वजह क्या है? और बीजेपी इसका विरोध क्यों कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Mukesh Sahni VS BJP
Mukesh Sahni VS BJP
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Published : Jul 27, 2021, 10:12 PM IST

पटना: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) उत्तर प्रदेश की राजनीति में दस्तक देने के लिए तैयार हैं. मुकेश सहनी फूलन देवी (Phoolan Devi) के बहाने यूपी में जातिगत वोट बैंक (vote bank) को अपने पाले में करना चाहते हैं. हालांकि मुकेश सहनी को अपने दल में ही विधायकों का समर्थन हासिल नहीं हो रहा है.

यह भी पढ़ें- 'योगी में 'सन ऑफ मल्लाह' का खौफ... ये डर अच्छा है...'

वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी बिहार में पहले तो लोकसभा चुनाव हारे उसके बाद विधानसभा चुनाव में भी उन्हें शिकस्त मिली. हालांकि पार्टी के चार विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. मुकेश सहनी खुद विधान पार्षद बने और फिर मंत्रिमंडल में भी जगह हासिल की.

देखें वीडियो

बिहार में आधार मिलने के बाद मुकेश सहनी का उत्साह बढ़ा और वह बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी एंट्री लेना चाहते हैं. बिहार में नोनिया, चौहान और निषाद वोट बैंक की दरकार हर राजनीतिक दल को है. तीनों जातियों का वोट बैंक लगभग 4% है. मुकेश सहनी बिहार में 4% वोट बैंक को अपने साथ लाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. बिहार में मुकेश सहनी को आंशिक रूप से सफलता जरूर मिली है.

'राष्ट्रीय अध्यक्ष से हमारी बात नहीं हुई है. उनकी अपनी सोच है. मुझे कुछ पता ही नहीं है. अगर यूपी जाने को लेकर कोई बात होती तो पता होता. उनका यूपी जाना सामूहिक निर्णय नहीं था इसलिए मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है. उत्तर प्रदेश में पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी.'-डॉक्टर राजू सिंह, विधायक, वीआईपी

'प्रशासन के इजाजत के बगैर उत्तर प्रदेश में मूर्ति नहीं लगाई जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का ख्याल रखना होता है. देश में किसी को भी आने जाने से रोका नहीं जा सकता है. बशर्ते नियमों का ख्याल रखा गया हो. उत्तर प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनेगी.'- संजय मयूख, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा

मुकेश सहनी उत्तर भारत की राजनीति में निषाद वोट बैंक को साधना चाहते हैं. रणनीति के तहत सहनी ने फूलन देवी को आइकन बनाया और यूपी की राजनीति में एंट्री के लिए एक्शन प्लान तैयार किया. आपको बता दें कि प्रदेश में 12% आबादी निषादों की है. मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में फूलन देवी की 70 मूर्ति (Statue Of Phoolan Devi) लगवाना चाहते हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश में मूर्ति लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दिशा-निर्देश है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मूर्ति स्थापना को लेकर सरकार का रवैया सख्त है.

'उत्तर प्रदेश में बिहार सरकार के मंत्री को नहीं जाने दिया गया यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. मैं तो मुकेश सहनी से अनुरोध करूंगा कि वह अपमान सहकर ना रहें महागठबंधन में उनका स्वागत है. साथ आइये बिहार में मजबूत सरकार बनाते हैं.'- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता

'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कोई विवाद नहीं है. हम लोग आपस में मिल बैठकर बात कर लेंगे. मुकेश सहनी को उत्तर प्रदेश में एंट्री नहीं मिली यह भाजपा और वीआईपी पार्टी के बीच का मामला है.'- संजय सिंह,उपाध्यक्ष, जदयू

वहीं राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है 'उत्तर प्रदेश में निषाद समुदाय से कोई मजबूत नेता नहीं है. मुकेश सहनी को लग रहा है कि फूलन देवी के बहाने वहां जातिगत वोट बैंक साध लेंगे. साथ ही मुकेश सहनी बीजेपी के साथ सौदा करना चाह रहे हैं और गठबंधन में कुछ सीटें चाहते हैं. अगर 5 सीटें भी मिल जाए तो गठबंधन का हिस्सा बन जाएंगे. मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश के बहाने राष्ट्रीय स्तर पर खुद को निषाद समुदाय के नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.'

बता दें कि पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी भदोही से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद चुनी गई थीं और 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने यहां सुरयावा इलाके में फूलन देवी की एक बड़ी प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी. लेकिन प्रशासन ने प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत नहीं दी.

मुकेश सहनी फूलन देवी के सहारे निषाद समुदाय को साधने की कोशिश में हैं. चूंकि फूलन देवी को निषाद समुदाय के लोग अपना नेता मानते हैं. मुकेश सहनी फूलन देवी के नाम पर उत्तर प्रदेश में निषाद वोट बैंक को अपने पक्ष में एकजुट करने की कोशिश में हैं.

मुकेश सहनी को यूपी के वाराणसी एयरपोर्ट (Varanasi Airport) पर रविवार को उनको रोक दिया गया. उन्हें टर्मिनल से बाहर तक नहीं निकलने दिया गया. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सहनी नई दिल्ली से इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) की फ्लाइट से वाराणसी पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगमन क्षेत्र में ही रोककर दूसरे विमान से कोलकाता भेज दिया गया.

मुकेश सहनी को कोलकाता जाने वाले प्लेन में बैठा कर पटना भेज दिया गया. इसके बाद सहनी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि 'सन ऑफ मल्लाह' पर ये कार्रवाई वोट बैंक के खिसकने के डर से की गई. उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) पर हमला करते हुए कहा कि योगी इस बात से डरे हुए हैं कि उनका वोट बैंक मुकेश सहनी के पास जा रहा है. बीजेपी के विरोध की एक बड़ी वजह यह भी है इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता.

अगले साल यूपी में चुनाव (UP Assembly Election 2022) है लेकिन बिहार में अभी से ही बवाल मचा हुआ है. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी फूलन देवी के नाम पर चुनावी वैतरणी पार करने की फिराक में हैं. एक खास वोट बैंक को अपने पाले में करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही बिहार में गठबंधन की सरकार पर भी दबाव की राजनीति कर रहे हैं. वहीं सहनी राष्ट्रीय स्तर पर खुद को निषाद समुदाय के नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश भी कर रहे हैं.

ऐसे में बीजेपी भी अब खुलकर मुकेश सहनी पर निशाना साध रही है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि उनकी क्या, एनडीए के सभी नेताओं की बात सुनी जाती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए. दरअसल मुकेश सहनी ने कुछ दिन पहले नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जाती और यह कहते हुए एनडीए विधानमंडल दल की बैठक से दूरी बना ली थी. अब देखना दिलचस्प होगा कि यूपी की राजनीति का रंग बिहार की पॉलिटिक्स पर और कितना चढ़ता है.

यह भी पढ़ें- मुकेश सहनी की पार्टी में ही बगावत, बोले विधायक- सरकार में रहकर खिलाफत सही नहीं

पटना: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) उत्तर प्रदेश की राजनीति में दस्तक देने के लिए तैयार हैं. मुकेश सहनी फूलन देवी (Phoolan Devi) के बहाने यूपी में जातिगत वोट बैंक (vote bank) को अपने पाले में करना चाहते हैं. हालांकि मुकेश सहनी को अपने दल में ही विधायकों का समर्थन हासिल नहीं हो रहा है.

यह भी पढ़ें- 'योगी में 'सन ऑफ मल्लाह' का खौफ... ये डर अच्छा है...'

वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी बिहार में पहले तो लोकसभा चुनाव हारे उसके बाद विधानसभा चुनाव में भी उन्हें शिकस्त मिली. हालांकि पार्टी के चार विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. मुकेश सहनी खुद विधान पार्षद बने और फिर मंत्रिमंडल में भी जगह हासिल की.

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बिहार में आधार मिलने के बाद मुकेश सहनी का उत्साह बढ़ा और वह बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी एंट्री लेना चाहते हैं. बिहार में नोनिया, चौहान और निषाद वोट बैंक की दरकार हर राजनीतिक दल को है. तीनों जातियों का वोट बैंक लगभग 4% है. मुकेश सहनी बिहार में 4% वोट बैंक को अपने साथ लाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. बिहार में मुकेश सहनी को आंशिक रूप से सफलता जरूर मिली है.

'राष्ट्रीय अध्यक्ष से हमारी बात नहीं हुई है. उनकी अपनी सोच है. मुझे कुछ पता ही नहीं है. अगर यूपी जाने को लेकर कोई बात होती तो पता होता. उनका यूपी जाना सामूहिक निर्णय नहीं था इसलिए मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है. उत्तर प्रदेश में पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी.'-डॉक्टर राजू सिंह, विधायक, वीआईपी

'प्रशासन के इजाजत के बगैर उत्तर प्रदेश में मूर्ति नहीं लगाई जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का ख्याल रखना होता है. देश में किसी को भी आने जाने से रोका नहीं जा सकता है. बशर्ते नियमों का ख्याल रखा गया हो. उत्तर प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनेगी.'- संजय मयूख, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा

मुकेश सहनी उत्तर भारत की राजनीति में निषाद वोट बैंक को साधना चाहते हैं. रणनीति के तहत सहनी ने फूलन देवी को आइकन बनाया और यूपी की राजनीति में एंट्री के लिए एक्शन प्लान तैयार किया. आपको बता दें कि प्रदेश में 12% आबादी निषादों की है. मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में फूलन देवी की 70 मूर्ति (Statue Of Phoolan Devi) लगवाना चाहते हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश में मूर्ति लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दिशा-निर्देश है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मूर्ति स्थापना को लेकर सरकार का रवैया सख्त है.

'उत्तर प्रदेश में बिहार सरकार के मंत्री को नहीं जाने दिया गया यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. मैं तो मुकेश सहनी से अनुरोध करूंगा कि वह अपमान सहकर ना रहें महागठबंधन में उनका स्वागत है. साथ आइये बिहार में मजबूत सरकार बनाते हैं.'- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता

'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कोई विवाद नहीं है. हम लोग आपस में मिल बैठकर बात कर लेंगे. मुकेश सहनी को उत्तर प्रदेश में एंट्री नहीं मिली यह भाजपा और वीआईपी पार्टी के बीच का मामला है.'- संजय सिंह,उपाध्यक्ष, जदयू

वहीं राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है 'उत्तर प्रदेश में निषाद समुदाय से कोई मजबूत नेता नहीं है. मुकेश सहनी को लग रहा है कि फूलन देवी के बहाने वहां जातिगत वोट बैंक साध लेंगे. साथ ही मुकेश सहनी बीजेपी के साथ सौदा करना चाह रहे हैं और गठबंधन में कुछ सीटें चाहते हैं. अगर 5 सीटें भी मिल जाए तो गठबंधन का हिस्सा बन जाएंगे. मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश के बहाने राष्ट्रीय स्तर पर खुद को निषाद समुदाय के नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.'

बता दें कि पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी भदोही से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद चुनी गई थीं और 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने यहां सुरयावा इलाके में फूलन देवी की एक बड़ी प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी. लेकिन प्रशासन ने प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत नहीं दी.

मुकेश सहनी फूलन देवी के सहारे निषाद समुदाय को साधने की कोशिश में हैं. चूंकि फूलन देवी को निषाद समुदाय के लोग अपना नेता मानते हैं. मुकेश सहनी फूलन देवी के नाम पर उत्तर प्रदेश में निषाद वोट बैंक को अपने पक्ष में एकजुट करने की कोशिश में हैं.

मुकेश सहनी को यूपी के वाराणसी एयरपोर्ट (Varanasi Airport) पर रविवार को उनको रोक दिया गया. उन्हें टर्मिनल से बाहर तक नहीं निकलने दिया गया. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सहनी नई दिल्ली से इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) की फ्लाइट से वाराणसी पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगमन क्षेत्र में ही रोककर दूसरे विमान से कोलकाता भेज दिया गया.

मुकेश सहनी को कोलकाता जाने वाले प्लेन में बैठा कर पटना भेज दिया गया. इसके बाद सहनी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि 'सन ऑफ मल्लाह' पर ये कार्रवाई वोट बैंक के खिसकने के डर से की गई. उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) पर हमला करते हुए कहा कि योगी इस बात से डरे हुए हैं कि उनका वोट बैंक मुकेश सहनी के पास जा रहा है. बीजेपी के विरोध की एक बड़ी वजह यह भी है इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता.

अगले साल यूपी में चुनाव (UP Assembly Election 2022) है लेकिन बिहार में अभी से ही बवाल मचा हुआ है. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी फूलन देवी के नाम पर चुनावी वैतरणी पार करने की फिराक में हैं. एक खास वोट बैंक को अपने पाले में करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही बिहार में गठबंधन की सरकार पर भी दबाव की राजनीति कर रहे हैं. वहीं सहनी राष्ट्रीय स्तर पर खुद को निषाद समुदाय के नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश भी कर रहे हैं.

ऐसे में बीजेपी भी अब खुलकर मुकेश सहनी पर निशाना साध रही है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि उनकी क्या, एनडीए के सभी नेताओं की बात सुनी जाती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बात सुनी जाए. दरअसल मुकेश सहनी ने कुछ दिन पहले नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जाती और यह कहते हुए एनडीए विधानमंडल दल की बैठक से दूरी बना ली थी. अब देखना दिलचस्प होगा कि यूपी की राजनीति का रंग बिहार की पॉलिटिक्स पर और कितना चढ़ता है.

यह भी पढ़ें- मुकेश सहनी की पार्टी में ही बगावत, बोले विधायक- सरकार में रहकर खिलाफत सही नहीं

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