पटना: कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए पीएमसीएच में बनाए गए कोविड-19 वार्ड का डब्ल्यूएचओ की 3 सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया. ये निरीक्षण डॉ. उज्जवल सिन्हा के नेतृत्व में किया गया. यहां कोरोना के इलाज को लेकर डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार अस्पताल से जानकारी मांगी गई.
पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने टीम के दौरे के बार में जानकारी दते हुए कहा कि जो जानकारी मांगी गई थी उसके जबाव में 10 पन्नों की लिस्ट सौंपी गई है. जिसमें तमाम जानकारी है. उसमें बताया गय है कि पीएमसीएच में 108 बेड के कोविड-19 वार्ड में मरीजों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है. मरीजों को इलाज के लिए किन दवाइयों का प्रयोग किया जा रह है. जो दवा एसओफी की ओर से निर्देशित किया गया है और जो अंतरराष्ट्रीय मानक की दवा है मरीजों को वही दिया जा रहा है. अस्पताल में अगर कभी उपलब्ध नहीं हो तो उसके लिए कोरोना वार्ड के प्रभारी चिकित्सक को यह निर्देश दिया गया है कि वो बाहर से उसकी खरीदारी कर ले, बाद में अस्पताल की ओर पेमेंट कर दिया जाएगा.
कोविड-19 वार्ड में डायलिसिस और एक्सरे की सुविधा
इसके साथ ही डॉ. विमल कारक ने बताया कि कोरोना पेशेंट इलाज में कई बार सीटी स्कैन की जरूरत पड़ती है. मगर अधिकांश काम चेस्ट एक्सरे से चल जाता है. इलाज के क्रम में डॉक्टरों को अगर लगता है कि मरीज का एक्सरे कराना जरूरी है तो उनका होता है. जरूरत नहीं पड़ने वाले मरीजों का एक्स रे नहीं भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 वार्ड में डायलिसिस और एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है.
मंगलवार को 7 मरीज डिस्चार्ज
पीएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि मंगलवार के दिन यहां के कोविड-19 वार्ड से 7 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं. सभी पीएमसीएच के अनुभव को लेकर बहुत खुश थे. साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में 48 पेशेंट कोविड-19 वार्ड में एडमिट है.