पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने प्रदेश में लॉक डाउन घोषित किया है. सरकार के आदेश के मुताबिक प्रदेश के सभी शहरों को 31 मार्च तक लॉक डाउन करने का फैसला लिया गया है. ये फैसला कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए लिया गया है.
प्रदेश में भी अब तक कोरोना के दो पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. जिसमें एक की भी मौत हो चुकी है. इसके बाद नीतीश कुमार ने एक हाई लेवल बैठक की. इसमें कई निर्णय लिए गए. सभी तरह के अवागमन को भी स्थगित कर दिया गया है. लॉक डाउन से जुड़े कई सवाल लोगों के मन में हैं :
क्या है लॉक डाउन?
लॉकडाउन एक ऐसी व्यवस्था है जो किसी आपदा या एपिडेमिक स्थिति में सरकारी तौर पर लागू की जाती है. जिस इलाके में लॉक डाउन होता है उस क्षेत्र के लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है. उन्हें सिर्फ दवा और अनाज जैसी जरूरी चीजों के लिए ही बाहर आने की इजाजत मिलती है. हालांकि, इस दौरान लोग बैंक और पेट्रोल पंप जरूरत के मुताबिक खोले जाते हैं.
क्यों करना पड़ता है लॉक डाउन?
दरअसल, किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है. मौजूदा समय में कोरोना वायरस जिस तरह से पूरे विश्व में अपने पांव पसार रहा है, उसे रोकने के लिए केवल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे-पूरे देश को लॉक डाउन किया जा रहा है. इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है. बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार ने बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र के 75 जिलों को पूरी तरह से लॉकडाउन करने का फैसला किया है.
इतने जिलों में है लॉक डाउन :
- मध्यप्रदेश के 9 जिले लॉक डाउन
- हरियाणा के 7 जिले लॉक डाउन
- महाराष्ट्र के 9 जिले लॉक डाउन
- कर्नाटक के 5 जिले लॉक डाउन
- केरल के 10 जिले लॉक डाउन
- गुजरात के 6 जिले लॉक डाउन
- तमिलनाडु के 3 जिले बंद
- उत्तरप्रदेश के 15 जिलों में लॉक डाउन
भारत के ये राज्य हैं लॉक डाउन :
बिहार, दिल्ली, नागालैंड, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में 31 मार्च तक पूरी तरह से लॉकडाउन है. केंद्रशासित देश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में भी पूर्ण बंदी का ऐलान किया गया है.