पटना: बिहार के छोटे दलों को बंगाल चुनाव में प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. भाजपा और तृणमूल के बीच आमने-सामने की लड़ाई है. बिहार के क्षेत्रीय दल ही पश्चिम बंगाल चुनाव में दो-दो हाथ कर रहे हैं. चार चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद भी क्षेत्रीय दलों के नेता पूरे दमखम के साथ मैदान में नहीं उतरे हैं. राज्य के क्षेत्रीय दलों को पश्चिम बंगाल में प्रत्याशियों के लाले पड़ गए हैं और दावों की पोल खुलती दिख रही है.
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जदयू का दावा भी फेल
जनता दल यूनाइटेड लंबे समय से इस बात के लिए संघर्ष कर रही है कि उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता मिल जाए क्योकि कई राज्यों में जदयू अकेले चुनाव लड़ चुकी है. जदयू ने पश्चिम बंगाल में 65 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का दावा किया था लेकिन अब तक 35 से 40 उम्मीदवार ही सामने आए हैं. बंगाल में 4 प्रत्याशियों का नामांकन रद्द हुआ है. जदयू के सिर्फ नेता चुनाव प्रचार में शामिल होने अब तक बंगाल नहीं पहुंचे हैं. हम पार्टी ने पश्चिम बंगाल में मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा किया था 27 प्रतिशत दलित आबादी पश्चिम बंगाल में है. हम पार्टी में 26 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था लेकिन अब तक पार्टी को तो 5 ही उम्मीदवार मिले हैं.
स्टार प्रचारक चुनाव से अलग
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता ने भी पश्चिम बंगाल में मजबूती के साथ चुनाव लड़ने का दावा किया था लेकिन चिराग पासवान के लिए नहीं जाएंगे लेकिन पार्टी ने उम्मीदवार खड़े किए हैं. पूरे दमखम के साथ पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रही है 35 से 40 उम्मीदवार मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं जरूरत पड़ी तो चिराग पासवान चुनाव प्रचार में जाएंगे. हम के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि ममता बनर्जी ने वहां गुंडाराज कायम कर रखा है प्रत्याशियों को डराया धमकाया जा रहा है ऐसे में 5 प्रत्याशी हैं, अब तक पार्टी ने मैदान में उतारे हैं.
भाजपा की सरकार बनने का दावा
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि हम पूरे दमखम के साथ पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे हैं. नीतीश कुमार ने जिस तरीके से बिहार में काम किया है उसे लेकर हम जनता के बीच में जा रहे हैं और हमें वहां बेहतर की उम्मीद है. भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि कुछ क्षेत्रीय दल वहां प्रत्याशी की तलाश में गए थे संभव है कि अगर उन्हें प्रत्याशी मिल जाते तो टिकट बेचने में कामयाब हो जाते हैं लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हुए पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार बनाने जा रही है.
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वहीं, राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि क्षेत्रीय दलों के मंसूबों पर पानी फिर गया स्थिति यह है कि वहां लोगों को प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं और स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार में भी नहीं जा रहे हैं राजनीतिक दलों के नेता चुनाव प्रचार में जाने से भी परहेज कर रहे हैं.