पटना: बिहार में मॉनसून (Monsoon In Bihar) एक बार फिर सक्रिय हो गया है. बीते कई दिनों से प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश दर्ज की जा रही है. मौसम विज्ञान केन्द्र पटना ने रोहतास, औरंगाबाद, लखीसराय, बांका, मुंगेर, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, नालंदा, पूर्व और पश्चिम चंपारण सहित कई जिलों के लिए अलर्ट (Rain Alert) जारी किया है. मौसम विज्ञान (Metrological Centre) ने इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ वज्रपात की संभावना जताई है.
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मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अलर्ट किए गए जिलों में आने वाले अगले 2 से 3 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम मेघगर्जन, वज्रपात के साथ बारिश होने की संभावना है. इन जिलों के कुछ भागों में करीब 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की चेतावनी जारी की है.
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बता दें कि आईएमडी ने 24 अगस्त यानी आज से पूर्वोत्तर, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और बिहार में भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की है. 24 अगस्त तक पूर्वोत्तर, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और बिहार में छिटपुट भारी वर्षा के साथ भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.
इसके बाद 24 से 26 अगस्त के बीच उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में और 25 और 26 अगस्त के दौरान बिहार में बहुत भारी गिरावट के साथ तीव्रता में वृद्धि हुई है. मौसम विभाग की माने तो 25 अगस्त को असम और मेघालय में भी भारी बारिश की संभावना है.
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मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार मानसून की रेखा राजधानी पटना से गुजर रही है. इसी कारण से ये हालात बन रहे हैं. इस सिचुएशन के कारण किशनगंज, अररिया, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण,मधुबनी, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, गोपालगंज, सिवान एवं सारण में वर्षा के आसार बढ़ गए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार मानसून की रेखा राजस्थान के बीकानेर, पटना होते हुए नगालैंड तक जा रही है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. इससे प्रदेश में मानसून की बारिश में उतार-चढ़ाव अभी जारी रहेगा.
बिगड़ते मौसम के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क और सावधान रहने को कहा है. लोगों से अपील करते हुए कहा है कि अगर आप खुले में हैं तो जल्द पक्के मकान में शरण लें, साथ ही बारिश के दौरान पेड़ और बिजली के खंभे से दूर रहने को कहा है.
ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.
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