पटनाः मौसम विज्ञान केन्द्र पटना (Meteorological Centre Patna) ने बिहार के राजधानी पटना समेत गोपालगंज, सिवान, सारण और वैशाली जिले के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. मौसम विभाग (Weather Department) के मुताबिक, इन जिलों के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ वज्रपात होने की संभावना जताई है.
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मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्यभर में अगले 4 दिनों तक बारिश होती रहेगी. मॉनसून की ट्रफ रेखा समुद्र तल पर अब फिरोजपुर, संगरूर, दिल्ली, गया, मालदा और वहां से उत्तरी बांग्लादेश होते हुए त्रिपुरा से गुजरती है. 3 अगस्त को आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है. एक या दो बार बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ेंगे.
वहीं, 4 अगस्त को आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है. एक या दो बार बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ेंगे. 5 अगस्त को हल्की बारिश या बूंदाबांदी के साथ बादल छाए रहने की संभावना है. 6 अगस्त को बारिश के साथ मेध गर्जन की संभावना है.
विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के राजधानी पटना, गोपालगंज, सिवान, सारण और वैशाली समेत अधिकांश स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है. साथ ही राज्य के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. वहीं, राज्य के कुछ स्थानों पर 20-30 किमी प्रति घंटे की औसत गति से हवाएं चलने की भी उम्मीद है.
बिगड़ते मौसम के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क और सावधान रहने को कहा है. लोगों से अपील करते हुए कहा है कि अगर आप खुले में हैं तो जल्द पक्के मकान में शरण लें, साथ ही बारिश के दौरान पेड़ और बिजली के खंभे से दूर रहने को कहा है.
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ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.
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