पटना: तापमान चढ़ते ही पटना से सटे मसौढ़ी में पानी की किल्लत (Water scarcity in Masaurhi villages) शुरू हो गयी है. राजधानी पटना से महज 40 किलोमीटर दूर मसौढ़ी के विभिन्न गावों में इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा है. पानी की कमी से लोग परेशान हो चुके हैं और वे अब आंदोलन पर उतारू हो चुके हैं. लोग पर सड़क पर उतर गये हैं. ईटीवी भारत की टीम ने मसौढ़ी के कुछ ऐसे इलाकों का दौरा किया जहां पानी की किल्लत सबसे अधिक है.
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इन इलाकों में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय के तहत नल जल का बुरा हाल है. इस योजना की शुरुआत 5 साल पहले हुई थी लेकिन आज भी हालात वही हैं. कहीं नल का जल नसीब नहीं हो रहा है जो कहीं टावर तो लगा है लेकिन टंकी का पता नहीं है. गांवों में इक्का-दुक्का चापाकल हैं जहां पर रोज सैकड़ों लोग सुबह और शाम पानी के लिए जंग लड़ते नजर आते हैं. सरकारी चापाकल खराब हो चुके हैं.
प्रचंड गर्मी से गांव के कुछ बचे-खुचे चापकल हैं लेकिन उसके पानी का लेयर काफी तेजी से नीचे जा रहा है. वे सूखने के कगार पर हैं. अब गांवों में पानी के लिए त्राहिमाम मचा है. ग्रामीण आंदोलन पर उतारू हो गये हैं. वे सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिख रहे हैं. लोग सड़क पर उतर कर हाथों में बर्तन लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मसौढ़ी के बसौर गांव के वार्ड नंबर 4, 5 और 6 की हालत बहुत ही खराब है.
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'जिला प्रशासन के आदेशानुसार विभिन्न गांवों में खराब चापाकलों को बनवाने के लिए टीम गठित की गई है. यह टीम गांव-गांव जाकर सरकारी चापाकलों को ठीक करेगी. वहीं, नल जल में पैसा निकासी होने के बावजूद अगर वार्ड सदस्य ने काम नहीं किया है तो वैसे लोगों पर कारवाई करने के लिए पत्र आ गया है. जल्द ही रिकवरी और प्राथमिकी दर्ज की कार्रवाई होगी.' -विनय कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी, मसौढ़ी प्रखंड
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