पटना: राजधानी पटना का जलजमाव नीतीश सरकार के लिए नासूर बन चुका है. नीतीश कुमार बिहार में 14 साल से सत्ता में हैं लेकिन अबतक राजधानी के जलजमाव की समस्या का निदान नहीं निकल सका है.
बिहार में यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री लगातार विभागों की समीक्षा करते रहते हैं. वहीं, नगर विकास मंत्री का कहना है कि अभी प्राथमिकता में जल निकासी है. जल निकासी हो जाए तो फिर कौन दोषी है उस पर कार्रवाई भी की जाएगी.
दर्जनों संप हाउस पड़े हैं बंद
बता दें राजधानी पटना में जल निकासी के लिए 39 संप हाउस बने हुए हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनमें 29 भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं. कई संप हाउस बंद पड़े हैं. वहीं, कई में मोटर जले हुए हैं. जब भी जलजमाव होता है योगीपुर, कंकड़बाग का एनबीसीसी और राजेंद्र नगर इलाके का संप हाउस की चर्चा शुरू हो जाती है लेकिन कुछ दिनों बाद ही इसे भुला दिया जाता है.
'जल निकासी की नहीं है व्यवस्था'
विशेषज्ञों की मानें तो बिहार की राजधानी पटना में जितनी बारिश होती रही है. उतने जल को बाहर फेंकने की अब तक व्यवस्था नहीं हो पाई है. यही वजह है कि अभी तक जलजमाव की स्थिति बनी हुई है.
'दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई'
मामले में जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि निचले स्तर पर कोआर्डिनेशन का अभाव रहा है. इस वजह से परेशानी हो रही है और लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, नगर विकास मंत्री का कहना है कि अभी प्राथमिकता में जल निकासी है. जल निकासी हो जाए तो फिर कौन दोषी है उस पर कार्रवाई भी की जाएगी.