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पटना: जलजमाव से लोगों की मुश्किलें नहीं हुई कम - जलजमाव की स्थिति बनी हुई है

राजधानी पटना में जल निकासी के लिए 39 संप हाउस बने हुए हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनमें 29 भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं. कई संप हाउस बंद पड़े हैं. वहीं, कई में मोटर जले हुए हैं.

जलजमाव से राहत नहीं
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Published : Oct 5, 2019, 4:43 AM IST

Updated : Oct 5, 2019, 7:35 AM IST

पटना: राजधानी पटना का जलजमाव नीतीश सरकार के लिए नासूर बन चुका है. नीतीश कुमार बिहार में 14 साल से सत्ता में हैं लेकिन अबतक राजधानी के जलजमाव की समस्या का निदान नहीं निकल सका है.

बिहार में यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री लगातार विभागों की समीक्षा करते रहते हैं. वहीं, नगर विकास मंत्री का कहना है कि अभी प्राथमिकता में जल निकासी है. जल निकासी हो जाए तो फिर कौन दोषी है उस पर कार्रवाई भी की जाएगी.

जलजमाव से लोगों की मुश्किलें नहीं हुई कम

दर्जनों संप हाउस पड़े हैं बंद

बता दें राजधानी पटना में जल निकासी के लिए 39 संप हाउस बने हुए हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनमें 29 भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं. कई संप हाउस बंद पड़े हैं. वहीं, कई में मोटर जले हुए हैं. जब भी जलजमाव होता है योगीपुर, कंकड़बाग का एनबीसीसी और राजेंद्र नगर इलाके का संप हाउस की चर्चा शुरू हो जाती है लेकिन कुछ दिनों बाद ही इसे भुला दिया जाता है.

patna
भौगोलिक विशेषज्ञ

'जल निकासी की नहीं है व्यवस्था'

विशेषज्ञों की मानें तो बिहार की राजधानी पटना में जितनी बारिश होती रही है. उतने जल को बाहर फेंकने की अब तक व्यवस्था नहीं हो पाई है. यही वजह है कि अभी तक जलजमाव की स्थिति बनी हुई है.

patna, rajiv ranjan, jdu
राजीव रंजन, प्रवक्ता, जेडीयू

'दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई'
मामले में जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि निचले स्तर पर कोआर्डिनेशन का अभाव रहा है. इस वजह से परेशानी हो रही है और लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, नगर विकास मंत्री का कहना है कि अभी प्राथमिकता में जल निकासी है. जल निकासी हो जाए तो फिर कौन दोषी है उस पर कार्रवाई भी की जाएगी.

पटना: राजधानी पटना का जलजमाव नीतीश सरकार के लिए नासूर बन चुका है. नीतीश कुमार बिहार में 14 साल से सत्ता में हैं लेकिन अबतक राजधानी के जलजमाव की समस्या का निदान नहीं निकल सका है.

बिहार में यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री लगातार विभागों की समीक्षा करते रहते हैं. वहीं, नगर विकास मंत्री का कहना है कि अभी प्राथमिकता में जल निकासी है. जल निकासी हो जाए तो फिर कौन दोषी है उस पर कार्रवाई भी की जाएगी.

जलजमाव से लोगों की मुश्किलें नहीं हुई कम

दर्जनों संप हाउस पड़े हैं बंद

बता दें राजधानी पटना में जल निकासी के लिए 39 संप हाउस बने हुए हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनमें 29 भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं. कई संप हाउस बंद पड़े हैं. वहीं, कई में मोटर जले हुए हैं. जब भी जलजमाव होता है योगीपुर, कंकड़बाग का एनबीसीसी और राजेंद्र नगर इलाके का संप हाउस की चर्चा शुरू हो जाती है लेकिन कुछ दिनों बाद ही इसे भुला दिया जाता है.

patna
भौगोलिक विशेषज्ञ

'जल निकासी की नहीं है व्यवस्था'

विशेषज्ञों की मानें तो बिहार की राजधानी पटना में जितनी बारिश होती रही है. उतने जल को बाहर फेंकने की अब तक व्यवस्था नहीं हो पाई है. यही वजह है कि अभी तक जलजमाव की स्थिति बनी हुई है.

patna, rajiv ranjan, jdu
राजीव रंजन, प्रवक्ता, जेडीयू

'दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई'
मामले में जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि निचले स्तर पर कोआर्डिनेशन का अभाव रहा है. इस वजह से परेशानी हो रही है और लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, नगर विकास मंत्री का कहना है कि अभी प्राथमिकता में जल निकासी है. जल निकासी हो जाए तो फिर कौन दोषी है उस पर कार्रवाई भी की जाएगी.

Intro:पटना-- राजधानी पटना का जलजमाव नीतीश सरकार के लिए नासूर बन चुका है नीतीश कुमार बिहार में 14 साल से सत्ता में है।लेकिन राजधानी के जल जमाव की समस्या का निदान नहीं निकाल सके। सहयोगी बीजेपी के अधिकांश विधायक पटना से हैं और दोनों सांसद भी बीजेपी के ही हैं यही नहीं नगर विकास मंत्री भी बीजेपी को कोटे के ही बनते रहे हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि पटना में जितनी बारिश होती है उतना का आउटपुट अभी तक तैयार नहीं हुआ है अधिक बारिश होने पर हर बार यही नजारा देखने को मिलेगा। लेकिन यह भी सच्चाई है कोआर्डिनेशन का घोर अभाव है लेकिन कार्रवाई के नाम पर हर बार सियासत होता है ।
पेश है खास रिपोर्ट---


Body: राजधानी पटना में जल निकासी के लिए 39 सम्प हाउस बने हुए हैं लेकिन दुर्भाग्य से उसमें से 29 भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं कई सम्प हाउस बंद पड़े हैं वहीं कई में मोटर जले हुई हैं। जब भी जलजमाव होता है योगीपुर, कंकड़बाग का एनबीसीसी और राजेंद्र नगर इलाके का संप हाउस की चर्चा शुरू हो जाती है लेकिन कुछ दिनों बाद ही इसे स्थानीय विधायक से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री स्तर पर भी भुला दिया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो बिहार की राजधानी पटना में जितनी बारिश होती रही है उतना जल को बाहर फेंकने की अब तक व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस बार भी वही कुछ हुआ भारी बारिश हुई और उसे बाहर निकालने की कैपेसिटी नहीं था और इस कारण अभी तक जलजमाव की स्थिति बनी हुई है हर बार कुछ प्लान बनते हैं लेकिन उस पर काम सही ढंग से नहीं होता।
बाईट-विशेषज्ञ
बिहार में यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री लगातार विभागों की समीक्षा करते रहते हैं। आखिर जब शहर का विकास हो रहा है आबादी बढ़ रही है तो फिर उसके हिसाब से प्लान क्यों नहीं तैयार हो रहा है पूरे मामले में जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि निचले स्तर पर कोआर्डिनेशन का अभाव रहा है इसके कारण परेशानी हो रही है और लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है ।
बाईट--राजीव रंजन, प्रवक्ता, जदयू
नगर विकास मंत्री का कहना है कि अब प्राथमिकता में जल निकासी है जल निकासी हो जाए तो फिर कौन दोषी है उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
बाईट--सुरेश शर्मा, मंत्री नगर विकास मंत्री



Conclusion:दोषियों पर कार्रवाई की बात मुख्यमंत्री के स्तर से भी कही गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि हर साल नगर निगम का बजट बढ़ता जा रहा है संप चलाने के लिए बुडको को बड़ी राशि दी जा रही है पूरे पटना में कई सीवरेज प्लांट तैयार हो रहे हैं कई स्तर पर योजनाओं पर काम चल रहा है लेकिन विशेषज्ञ यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि पूरे पटना की जो स्थिति है खासकर बरसात के दिनों में जब गंगा और पुनपुन का जल स्तर बढ़ जाता है तो उसको ध्यान में रखकर सरकार पटना का प्लान क्यों नही तैयार करती है । और यदि आगे भी प्लान नहीं बना तो इस तरह की समस्या से आगे भी छुटकारा मिलना संभव नही है।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Oct 5, 2019, 7:35 AM IST
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