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पटना के वार्ड नंबर 56 में जलजमाव से लोग परेशान, क्या यही है स्मार्ट सिटी का प्लान?

राजधानी पटना के वार्ड नंबर 56 की जनता पिछले दो साल से जलजमाव की (Water Logging In Ward Number 56 of Patna) परेशानी से जूझ रही हैं. विरोध में लोगों ने वार्ड पार्षद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लोगों ने नगर निगम प्रशासन और वार्ड पार्षद पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध जताया है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

वार्ड नंबर 56 के लोग जलजमाव से परेशान
वार्ड नंबर 56 के लोग जलजमाव से परेशान
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Published : Mar 11, 2022, 9:36 AM IST

पटना: राजधानी पटना के वार्ड नंबर 56 की जनता पिछले दो साल से जलजमाव की समस्या से परेशान हैं. एक तरफ पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी चल रही है वहीं दूसरे तरफ जिस इलाके में देश का सबसे बड़ा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (Inter state Bus Terminal In Patna)बना है वहां के एक वार्ड में आज भी लोग नाली के पानी में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में वार्ड नंबर 56 की जनता ने वार्ड पार्षद और नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध जताया है.

ये भी पढ़ें- PMCH के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के पास जलजमाव से दुर्गंध और मच्छरों का प्रकोप, मरीज परेशान

वार्ड नंबर 56 के पार्षद खिलाफ खोला मोर्चा: वार्ड नंबर 56 की जनता दो साल से जलजमाव की परेशानी को लेकर पार्षद किसमतिया देवी के खिलाफ खोला मोर्चा खोल दिया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि निगम कर्मचारी की लापरवाही और निगम पार्षद के उदासीन रवैये की वजह से जलजमाव की स्थिति लगातार बनी हुई है. इस क्षेत्र को जकरियापुर के नाम से जाना जाता है और इस इलाके में देश का सबसे बड़ा अंतरराज्यीय बस अड्डा बना है. पिछले दो साल से इस इलाके के वार्ड नंबर 56 में जलजमाव है लेकिन नगर निगम प्रशासन और वार्ड पार्षद इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है.

नाले के पानी में रहने को मजबूर लोग: बता दें कि इस वार्ड की पार्षद किसमतिया देवी हैं जिनपर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बार-बार जानकारी देने के बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. दो साल से जलजमाव से परेशान नागरिकों ने पार्षद और पटना नगर निगम के कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोल प्रदर्शन शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस जलजमाव की वजह से कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं.लोगों के सामान का नुकसान हो रहा है. दस हजार से ज्यादा की आबादी नाले के पानी में रहने को मजबूर है.

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में सड़कों पर बह रहा नालियों का पानी, लोगों को सता रहा महामारी का डर

पटना नगर निगम की लापरवाही: वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसा लगता है कि काला पानी की सजा काट रहे हैं. लेकिन जब पार्षद को समस्या बताते हैं तो वो कहती हैं कि आप हमारे वोटर नहीं हैं इसलिए कोई सुविधा नहीं मिलेगी. जबकि पटना में गंदगी को लेकर हाईकोर्ट ने भी पटना नगर निगम को फटकार लगा चुकी है. उसके बावजूद पटना नगर निगम के दर्जनों क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा है. निगम के कर्मचारी कूड़ा साफ करने नहीं आते लेकिन नगर निगम का शुल्क बरकरार है. स्थानीय लोगों ने कई बार वार्ड पार्षद और नगर निगम से कार्रवाई के लिए गुहार लगायी है लेकिन अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. वहीं स्थानीय लोगों ने कार्रवाई नहीं होने पर पटना-मसौढ़ी रोड को जाम करने का फैसला लिया है.

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पटना: राजधानी पटना के वार्ड नंबर 56 की जनता पिछले दो साल से जलजमाव की समस्या से परेशान हैं. एक तरफ पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी चल रही है वहीं दूसरे तरफ जिस इलाके में देश का सबसे बड़ा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (Inter state Bus Terminal In Patna)बना है वहां के एक वार्ड में आज भी लोग नाली के पानी में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में वार्ड नंबर 56 की जनता ने वार्ड पार्षद और नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध जताया है.

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वार्ड नंबर 56 के पार्षद खिलाफ खोला मोर्चा: वार्ड नंबर 56 की जनता दो साल से जलजमाव की परेशानी को लेकर पार्षद किसमतिया देवी के खिलाफ खोला मोर्चा खोल दिया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि निगम कर्मचारी की लापरवाही और निगम पार्षद के उदासीन रवैये की वजह से जलजमाव की स्थिति लगातार बनी हुई है. इस क्षेत्र को जकरियापुर के नाम से जाना जाता है और इस इलाके में देश का सबसे बड़ा अंतरराज्यीय बस अड्डा बना है. पिछले दो साल से इस इलाके के वार्ड नंबर 56 में जलजमाव है लेकिन नगर निगम प्रशासन और वार्ड पार्षद इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है.

नाले के पानी में रहने को मजबूर लोग: बता दें कि इस वार्ड की पार्षद किसमतिया देवी हैं जिनपर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बार-बार जानकारी देने के बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. दो साल से जलजमाव से परेशान नागरिकों ने पार्षद और पटना नगर निगम के कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोल प्रदर्शन शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस जलजमाव की वजह से कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं.लोगों के सामान का नुकसान हो रहा है. दस हजार से ज्यादा की आबादी नाले के पानी में रहने को मजबूर है.

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पटना नगर निगम की लापरवाही: वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसा लगता है कि काला पानी की सजा काट रहे हैं. लेकिन जब पार्षद को समस्या बताते हैं तो वो कहती हैं कि आप हमारे वोटर नहीं हैं इसलिए कोई सुविधा नहीं मिलेगी. जबकि पटना में गंदगी को लेकर हाईकोर्ट ने भी पटना नगर निगम को फटकार लगा चुकी है. उसके बावजूद पटना नगर निगम के दर्जनों क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा है. निगम के कर्मचारी कूड़ा साफ करने नहीं आते लेकिन नगर निगम का शुल्क बरकरार है. स्थानीय लोगों ने कई बार वार्ड पार्षद और नगर निगम से कार्रवाई के लिए गुहार लगायी है लेकिन अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. वहीं स्थानीय लोगों ने कार्रवाई नहीं होने पर पटना-मसौढ़ी रोड को जाम करने का फैसला लिया है.

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