पटना: बिहारवासियों को एक बार फिर से बाढ़ का डर सताने लगा है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना (Meteorological Center Patna) के मुताबिक 15 दिनों के बाद बिहार में एक साथ दो हवाएं सक्रिय हुई हैं. जिस वजह से पूरे प्रदेश में बारिश का सिस्टम ( Heavy Rain In Bihar) सक्रिय हो गया है. कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर (Water Level Of Rivers Increased In Bihar) बढ़ने लगा है. वहीं नेपाल में भी भारी बारिश (Heavy Rain In Nepal) हो रही है. जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार हुई बारिश के बाद भारी मात्रा में नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने से बिहार की कई नदियां उफान पर है.
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पूर्णिया में पुल ध्वस्त: भारी बारिश की चेतावनी के बाद नदियां डराने लगी हैं. जिले के बैसा और अमौर प्रखंड में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है. जलस्तर के इजाफे के बाद नदियों से लगे कई गांव कटाव की जद में हैं. अमौर प्रखंड के तालबाड़ी गांव में बना पुल कनकई नदी (Kankai river water level rises) के कटाव के कारण ध्वस्त हो गया है. करीब डेढ़ किलोमीटर तक सड़क भी नदी में समाहित हो गयी है.
"घर, दुकान था लेकिन तोड़ दिए. बचने का कोई उम्मीद नहीं है. पहले भी सब बह चुका है. बह जाए उससे अच्छा है हम ही तोड़ दे. पुल भी सुबह में गिर गया. 30 से 40 परिवार पलायन कर चुके हैं. सब हमलोग रोड पर जा रहे हैं." - साकेत, ग्रामीण, तालबाडी गांव
हमलोग घर तोड़ रहे हैं. 42 साल से रह रहे थे. घर के पास नदी आ चुकी है. पिछले साल रोड आंगनवाड़ी सब बह चुका था. पहले से ही घर को हम तोड़ रहे हैं. काम चल रहा है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. एक तरफ तटबंध में मरम्मत होता है दूसरी तरफ पानी में बहता है. - ग्रामीण
अमौर प्रखंड के लोग पलायन को मजबूर : तालबाड़ी गांव का पुल ध्वस्त होने से अमौर प्रखंड के डहुआबाडी से नहराकोल के बीच आवागमन ठप हो गया है. अब ग्रामीणों के लिए एक ही साधन और सहारा नाव है. वहीं कनकई नदी के कटाव से 100 से अधिक घर कटाव के कारण नदी में समा चुके हैं. लोग अपने घर खुद तोड़कर पलायन कर रहे हैं. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है. अब लोग सुरक्षित स्थानों की खोज में हैं.
अररिया में नूना नदी का तांडव शुरू: लगातार जिले में 2 दिनों से भारी बारिश होने के कारण नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. कई इलाके में बाढ़ (Flood In Araria) जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जानकारी के अनुसार बारिश नेपाल की तराई इलाकों में भी हो रही है. जिससे नेपाल से अररिया जिले से गुजरने वाली कई नदियां उफान पर हैं, जिनमें कनकई, नुना, परमान, रतवा, बकरा जैसी नदियों में जलस्तर काफी बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से जिले का सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंड सिकटी है. नूना नदी कहर ढाने का काम कर रही है.
जलमग्न होने लगे गांव: नूना (Nuna River in Araria) ने दर्जनों गांव को अपने चपेट में ले लिया है. कई दर्जन कच्चे मकान ध्वस्त हो चुके हैं. नदी के बहाव में कई ग्रामीण सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. बाढ़ का प्रभाव सिकटी, पलासी, जोकीहाट, अररिया के मदनपुर, कसैला, पोखरिया सहित नरपतगंज और फारबिसगंज में भी है. लोगों का मानना है कि अगर इसी तरह से बारिश होती रही तो कई गांव जलमग्न हो जाएंगे.
बकरा नदी पर बने पुल का एप्रोच बहा: सिकटी प्रखंड के पड़रिया, सैदाबाद, रानी कट्टा, धनगामा, कचना, घोड़ा चौक, औलाबाड़ी, सिंघया, बांसबाड़ी, बुगलाडांगी सहित कई गांव में बाढ़ का कहर जारी है. वहीं फारबिसगंज अनुमंडल के पिपरा, कुशमाहा, सबाजपुर, खवासपुर, रमई, मटियारी, हलहलिया, जैसे जगह पर नदी का पानी रिहायशी इलाके में भी घुस गया है. साथ ही पलासी प्रखंड की बात करें तो रतवा और बकरा नदी उफान पर है. नकटाखुर्द पंचायत के नकटाकला बलदाती गांव के बीच सड़क नदी में विलीन हो गया है.
कछुए की रफ्तार से तटबंध मरम्मत का काम: वहीं पटना से सटे बाढ़ प्रभावित इलाका धनरूआ में तटबंध मरम्मत का कार्य कछुए की गति से चल रहा है. अभी भी कई जगह पर आधा अधूरा तटबंध है. जबकि जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने 15 जून तक सभी तटबंध को मरम्मत कर लेने का आदेश जारी किया था. बावजूद अभी तक कई जगहों पर कछुआ गति से तटबंध की मरम्मत का कार्य चल रहा है. पटना के ग्रामीण इलाकों में 6 नदियां अपनी बाढ़ से हर साल हजारों परिवारों को तबाह कर देती है. मसौढ़ी अनुमंडल में दरधा,मोरहर, पुनपुन,कररूआ एवं भूतही नदी के विभिन्न तटबंध पर कटाव निरोधी कार्य चल रहा है. वहीं धनरूआ में वीर इमलिया मोड़, धमौल, रामपुर पंचायत के पीपलावां, कुशवनधमौल आदि कई जगहो पर अभी तटबंध मरम्मती अधूरा है.
"कई जगहो पर मिट्टी का काम पूरा कर लिया गया है. बस बैग पिचिंग का काम चल रहा है. वह भी 1 हफ्ते में पूरा कर दिया जाएगा."- विक्रम कुमार, एसडीओ,जल संसाधन विभाग
बगहा में बिगड़ रहे हालात: वहीं नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक नदी (Gandak river in Bagaha) के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से बुधवार दोपहर गंडक नदी में 2 लाख 26 हजार क्यूसेक से अधिक पानी का डिस्चार्ज किया गया था लेकिन जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण 2 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. इसके कारण कई इलाकों में पानी घुस गया है. हालात को देखते हुए नदी किनारे रहने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से अलर्ट किया गया है. इसके साथ ही गंडक नदी के आसपास निचले इलाकों में बाढ़ की संभावना प्रबल हो गई है. पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज जिले में बाढ़ की संभावना है.
नेपाल में होती रही बारिश...तो डूब जाएगा बगहा: नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश को देखते हुए सम्भावना जताई जा रही है की गण्डक नदी के जलस्तर में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है और इसका असर अगले 24 घण्टे में देखने को मिल सकता है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल संसाधन विभाग में अभियंताओं को अलर्ट मोड में कर दिया गया है. बांधों और तटबन्धों की सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए हैं.
अनुमंडल क्षेत्र में पहाड़ी नदी मशान और गण्डक नदी ज्यादा कहर बरपाती है. लिहाजा कटावरोधी कार्यों के लिए पूरी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई है. गंडक नदी के वाटर डिस्चार्ज पर नजर रखा जा रहा है. अभी नदी खतरे के निशान से नीचे है जिससे बाढ़ का खतरा अभी दूर है.- दीपक कुमार मिश्रा, बगहा एसडीएम
कोसी बराज पर इस वर्ष का सबसे अधिक डिस्चार्ज: नेपाल के तराई क्षेत्र में दो दिन से लगातार हो रही बारिश से कोसी नदी (Water Level Increases In Kosi River) उफनाई हुई है. कोसी बराज पर इस वर्ष का सबसे अधिक डिस्चार्ज दर्ज किया गया है. कोसी बराज से नदी में 01 लाख 81 हजार 95 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. वहीं जल अधिग्रण क्षेत्र बराह क्षेत्र से 01 लाख 13 हजार 400 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया. दोनों स्थान पर नदी में जल वृद्वि के संकेत हैं. मधुबनी में कमला नदी डेंजर लेवल के पार पहुंच चुका है. कमला पुल के 8 फाटक से वॉटर डिस्चार्ज किया गया है. इससे निचले इलाकों में पानी फैलने का अलर्ट जारी हुआ है.
बिहार के इन जिलों पर बाढ़ का खतरा : नेपाल स्थित गंडक नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश होने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि होने की संभावना है. जैसे-जैसे नेपाल में बारिश होगी वैसे वैसे गंडक नदी का जलस्तर बढ़ता चला जाएगा. नेपाल में जब भी भारी बारिश होती है उसका असर अगले 24 घंटे के बाद बगहा, बेतिया, गोपालगंज, मोतिहारी आदि जिलों में दिखने लगता है.
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