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गंगा सहित कई नदियों का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के पार, बारिश ने बढ़ाई चिंता - Central Water Commission

बिहार में एक बार फिर से अधिकांश नदियां उफान पर हैं. कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर (Rivers Above Danger Mark) बह रही हैं. नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार सहित कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है.

जलस्तर
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Published : Aug 30, 2021, 10:35 PM IST

पटना: बिहार में बाढ़ (Flood) का कहर जारी है. इस बीच नदियों का जलस्तर भी कम नहीं हो रहा है. लगातार बारिश के कारण गंगा, पुनपुन, घाघरा, महानंदा, गंडक, बूढ़ी गंडक और कमला बलान समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर (Rivers Above Danger Mark) बह रही है. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार पटना जिले के गांधी घाट में गंगा नदी का जलस्तर (Water Level of Ganga) 6 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन इसके जलस्तर में 9 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है.

ये भी पढ़ें: राहत के आसार नहीं! गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी और कमला बलान सहित कई नदियां उफान पर

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पटना जिले के हाथीदह में भी गंगा का जलस्तर 40 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 6 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे है. कहलगांव में 37 सेंटीमीटर ऊपर है और साहिबगंज में 79 सेंटीमीटर ऊपर है. फरक्का में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. सभी जगह जल स्तर में वृद्धि के संकेत हैं.

पटना के श्रीपालपुर पुनपुन नदी का जलस्तर 54 सेंटीमीटर ऊपर है. खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 114 सेंटीमीटर ऊपर है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 167 सेंटीमीटर ऊपर है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर 67 सेंटीमीटर ऊपर है.

ये भी पढ़ें: बिहार में बाढ़ से अब तक 43 लोगों की गई जान, 31.97 लाख लोग प्रभावित

मधुबनी जिला के झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 147 सेंटीमीटर ऊपर है. पूर्णिया जिले के ढेंगरा घाट में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 122 सेंटीमीटर ऊपर है. सोमवार को दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 49.48, गांधी घाट पर 48.54 और हाथीदह में 42.16 मीटर ऊपर है.

आपको बताएं कि बाढ़ के कारण बिहार में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 21,3381 लोगों को बाहर निकाला गया है. उन्हें 8 राहत शिविरों में 5581 बाढ़ पीड़ित रह रहे हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सोमवार को 82 सामुदायिक रसोई का संचालन किया गया. इसमें 73,863 लोगों को दिन और रात मिलाकर भोजन दिया गया है.

पटना: बिहार में बाढ़ (Flood) का कहर जारी है. इस बीच नदियों का जलस्तर भी कम नहीं हो रहा है. लगातार बारिश के कारण गंगा, पुनपुन, घाघरा, महानंदा, गंडक, बूढ़ी गंडक और कमला बलान समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर (Rivers Above Danger Mark) बह रही है. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार पटना जिले के गांधी घाट में गंगा नदी का जलस्तर (Water Level of Ganga) 6 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन इसके जलस्तर में 9 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है.

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केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पटना जिले के हाथीदह में भी गंगा का जलस्तर 40 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 6 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे है. कहलगांव में 37 सेंटीमीटर ऊपर है और साहिबगंज में 79 सेंटीमीटर ऊपर है. फरक्का में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. सभी जगह जल स्तर में वृद्धि के संकेत हैं.

पटना के श्रीपालपुर पुनपुन नदी का जलस्तर 54 सेंटीमीटर ऊपर है. खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 114 सेंटीमीटर ऊपर है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 167 सेंटीमीटर ऊपर है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर 67 सेंटीमीटर ऊपर है.

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मधुबनी जिला के झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 147 सेंटीमीटर ऊपर है. पूर्णिया जिले के ढेंगरा घाट में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 122 सेंटीमीटर ऊपर है. सोमवार को दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 49.48, गांधी घाट पर 48.54 और हाथीदह में 42.16 मीटर ऊपर है.

आपको बताएं कि बाढ़ के कारण बिहार में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 21,3381 लोगों को बाहर निकाला गया है. उन्हें 8 राहत शिविरों में 5581 बाढ़ पीड़ित रह रहे हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सोमवार को 82 सामुदायिक रसोई का संचालन किया गया. इसमें 73,863 लोगों को दिन और रात मिलाकर भोजन दिया गया है.

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