पटनाः बिहार में गंगा सहित कई नदियों (Bihar River) का जलस्तर बढ़ने लगा है. हालांकि राहत की बात है कि सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे है. इसलिए अभी फिलहाल बाढ़ की आशंका नहीं है, लेकिन विभाग ने बाढ़ से बचाव की तैयारी कर दी है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा, सोन, गंडक, कोसी सहित अन्य नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. लेकिन खतरे के निशान से काफी नीचे है.
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मानसून सक्रियः पिछले दिनों नेपाल में हुई भारी बारिश और उत्तर बिहार के कई इलाकों में भी हुई बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. मौसम विभाग के अनुसार बिहार में भी मानसून सक्रिय हो गया है. अभी और बारिश होने के उम्मीद है, जिससे नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी. बिहार सरकार ने राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाके में बचाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है.
गंगा का जलस्तरः 2 जनवरी तक गंगा के जलस्तर की बात करें तो पटना दीघा घाट में 44.02 मीटर गंगा का जलस्तर है, यहां पर खतरा का निशान 50.45 मीटर पर है. गांधी घाट का जलस्तर 43.65 मीटर है, यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है. हाथीदह में 35.05 मीटर जलस्तर और खतरे का निशान 41.76 मीटर है. मुंगेर में 31.3 9 मीटर जलस्तर और खतरे का निशान 39.33 मीटर है. भागलपुर में 26.08 मीटर जलस्तर और खतरे का निशान 33.68 मीटर है. वहीं फरक्का में गंगा का जलस्तर 14.93 मीटर और खतरे का निशान 22.25 मीटर पर है.
बारिश के कारण जलस्तर में बढ़ोतरीः गंगा, गंडक और कोसी के अधिकांश जगहों में जलस्तर राइजिंग ट्रेंड में है. पिछले 24 घंटे में दरौली में 167 मिलीमीटर बारिश हुई है. जबकि जपला में 62.6 मिलीमीटर, पटना के गांधी घाट में 57.5 मिलीमीटर, सौली घाट में अक्सर 61. 8 मिलीमीटर, हाजीपुर में 53 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. बारिश के कारण नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.