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पटना थिएटर फेस्टिवल 2021 में विठ्ठला का मंचन

पटना थियेटर फेस्टिवल 2021 के चौथे दिन नाटक विठ्ठला का मंचन किया गया. जो विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित सुरेश कुमार हजू द्वारा निर्देशित है.

Patna
नाटक विठ्ठला का मंचन
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Published : Jan 18, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Jan 18, 2021, 1:16 PM IST

पटना: बिहार आर्ट थियेटर के संस्थापक अनिल कुमार मुखर्जी के 105 वी जयंती के अवसर पर पटना में 30 वां पटना थिएटर फेस्टिवल 2021 का आयोजन किया गया है. जिसके चौथे दिन एचएमटी पटना तत्वाधान में विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित सुरेश कुमार हजू द्वारा निर्देशित नाटक विठ्ठला का मंचन किया गया.

नाटक विठ्ठला का मंचन
नाटक विठ्ठला का मंचन

पटना के कालिदास रंगालय में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. इस नाटक में दिखाया गया है कि किस तरीके से लोग अपनी जिंदगी में भाग दौड़ करते-रहते हैं और दिन-प्रतिदिन उनकी महत्वाकांक्षा बढ़ते ही जाती है, लेकिन अत्यधिक महत्वाकांक्षा ऐसी अंधेरी गुफा में ले जाकर छोड़ती है कि हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं बचता.

देखें रिपोर्ट


पढे़ं: पटना के कालिदास रंगालय में 30वां थियेटर फेस्टिवल का आयोजन, कॉकटेल का मंचन

नाटक विठ्ठला में दिखाया गया है कि किस तरीके से एक व्यक्ति जो अमीरों की तरह चौहान की जीवन जीना चाहता था, लेकिन उसे परिवार की एक विधवा औरत से प्रेम करना उसके लिए महंगा पड़ गया और उसे अपनी जान गंवानी पड़ी. जिसके बाद वह आत्मा बनकर भटकता रहता है और अपना पश्चाताप करने के लिए किसी व्यक्ति की तलाश करता है. इसके बाद उसे एक व्यक्ति मिलता है और भटकती आत्मा अपने चमत्कार के सहारे उस व्यक्ति की मदद करती है.

पटना: बिहार आर्ट थियेटर के संस्थापक अनिल कुमार मुखर्जी के 105 वी जयंती के अवसर पर पटना में 30 वां पटना थिएटर फेस्टिवल 2021 का आयोजन किया गया है. जिसके चौथे दिन एचएमटी पटना तत्वाधान में विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित सुरेश कुमार हजू द्वारा निर्देशित नाटक विठ्ठला का मंचन किया गया.

नाटक विठ्ठला का मंचन
नाटक विठ्ठला का मंचन

पटना के कालिदास रंगालय में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. इस नाटक में दिखाया गया है कि किस तरीके से लोग अपनी जिंदगी में भाग दौड़ करते-रहते हैं और दिन-प्रतिदिन उनकी महत्वाकांक्षा बढ़ते ही जाती है, लेकिन अत्यधिक महत्वाकांक्षा ऐसी अंधेरी गुफा में ले जाकर छोड़ती है कि हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं बचता.

देखें रिपोर्ट


पढे़ं: पटना के कालिदास रंगालय में 30वां थियेटर फेस्टिवल का आयोजन, कॉकटेल का मंचन

नाटक विठ्ठला में दिखाया गया है कि किस तरीके से एक व्यक्ति जो अमीरों की तरह चौहान की जीवन जीना चाहता था, लेकिन उसे परिवार की एक विधवा औरत से प्रेम करना उसके लिए महंगा पड़ गया और उसे अपनी जान गंवानी पड़ी. जिसके बाद वह आत्मा बनकर भटकता रहता है और अपना पश्चाताप करने के लिए किसी व्यक्ति की तलाश करता है. इसके बाद उसे एक व्यक्ति मिलता है और भटकती आत्मा अपने चमत्कार के सहारे उस व्यक्ति की मदद करती है.

Last Updated : Jan 18, 2021, 1:16 PM IST
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