पटनाः बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को सातवें वेतन का लाभ दे दिया है, लेकिन विश्वविद्यालय शिक्षक संघ 1 अप्रैल 2017 से दिए जा रहे लाभ से नाराज हैं. शिक्षक संघ के नेताओं के अनुसार सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से मिलना चाहिए. शिक्षक संघ के नेताओं के अनुसार यह विश्व विद्यालय शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी है.
विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का कहना है कि यूजीसी के अनुसार उन्हें सातवें वेतन का लाभ मिलना चाहिए. यूजीसी 2016 से ही सातवें वेतन का लाभ दे रहा है. कई राज्यों में इसे 2016 से लागू भी कर दिया गया. बिहार में भी पहले जितने वेतनमान का लाभ दिया गया वह यूजीसी के अनुसार ही दिया गया है, पहली बार ऐसा हो रहा है कि शिक्षकों को जो लाभ मिल रहा है यूजीसी के अनुसार नहीं है.
महामंत्री का क्या है कहना
विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री और विधान परिषद के सदस्य संजय कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा गया है, जल्द ही वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अपनी समस्या उनके सामने रखेंगे. शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि शिक्षकेतर कर्मचारियों को 2017 से जो लाभ दिया गया है वह तो ठीक है, लेकिन शिक्षकों के मामले में यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है.