पटना: पिछले तीन सालों से बिहार सरकार धान खरीद का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखती रही है लेकिन कभी भी यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. इस बार बिहार सरकार का दावा है कि 2024-25 में धान खरीद में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है. बिहार में 39.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जो पिछले साल के 30 लाख मीट्रिक टन से काफी अधिक है. हालांकि सरकार ने 45 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा था, जिसका लगभग 87.2 प्रतिशत ही खरीदी हो सकी है लेकिन इसके बावजूद सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है.
पिछले वर्ष से 30% अधिक धान की खरीद: बिहार सरकार ने धान की खरीद भले ही लक्ष्य से कम किया है लेकिन पिछले साल के मुकाबले वर्तमान वित्तीय वर्ष में 9 लाख मैट्रिक टन अधिक धान की खरीद हुई है. पिछले साल बिहार सरकार ने 30 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था, जो लक्ष्य का 66.7 प्रतिशत था. वहीं, इस साल धान की खरीद में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. खाद्य आपूर्ति विभाग और सहकारिता विभाग के संयुक्त प्रयास से इस बार अधिक धान की खरीद की जा सकती है.
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धान खरीदी में सबसे आगे भोजपुर जिला: खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी ना हो, इसकी कोशिश की गई है और उन्हें डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया है. भोजपुर में सबसे अधिक 39.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जोकि खरीदी के मामले में 105 फीसदी रही.
किन जिलों में कितनी खरादी?: धान खरीद में टॉप जिलों में लखीसराय, मधेपुरा, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सिवान, सुपौल, अरवल, बांका, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, गया जैसे जिले शामिल हैं. इन जिलों में लक्ष्य के 95% तक धान की खरीद हुई है. वहीं, 90 फीसदी से पार रहने वाले जिलों में जमुई, अररिया, पश्चिमी चंपारण, सारण और मुंगेर शामिल हैं.
क्या था धान का रेट?: उत्तर बिहार में 1 नवंबर 2024 से धान की खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो 15 फरवरी 2025 तक चली. बिहार सरकार ने इस बार साधारण धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की थी. पिछले वर्ष साधारण धान की कीमत 2183 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि ग्रेड-ए धान की कीमत 2203 रुपये प्रति क्विंटल थी. दक्षिण बिहार के किसानों से 15 नवंबर से खरीद शुरू हुई थी और 15 फरवरी तक की गई.
किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन: बिहार सरकार की ओर से इस बार धान की बिक्री करने वाले निबंधित किसानों का बायोमीट्रिक सत्यापन किया गया. तय किया गया कि रैयती किसान अधिकतम 250 क्विंटल धान की बिक्री कर सकेंगे, जबकि गैर रैयती किसान अधिकतम 100 क्विंटल धान बेच सकेंगे. किसानों को खरीद के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा और किसी भी परिस्थिति में धान का बकाया नहीं रखा जाएगा.
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