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पटना: प्रदेश में वायरल फीवर के मामले बढ़े, डॉक्टर की सलाह- बदलते मौसम में बरतें सावधानी - कोरोना

राजधानी पटना समेत बिहार के अन्य इलाकों में बदलते मौसम के साथ वायरल फीवर के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. जिससे अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ लग रही है. डॉक्टरों का कहना है कि एक सप्ताह से अधिक समय तक बुखार होने पर कोरोना टेस्ट करायें. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Aug 24, 2021, 10:12 PM IST

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) के दम तोड़ने के बाद बिहार में वायरल फीवर (Viral Fever in Bihar) के मामले बढ़ रहे हैं. प्रदेश भर में वायरल फीवर ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. ज्यादातर लोग खांसी-जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं. सरकारी और निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या लोग इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) आने की संभावना जतायी जा रही है. वहीं, डॉक्टरों का मानना है कि वायरल फीवर होने पर लोग कोरोना (Covid) की जांच जरूर करायें.

ये भी पढ़ें- नीतीश का लिटमस टेस्ट: पंचायत चुनाव के जरिए खोई जमीन वापस पाना चाहेगी JDU

बारिश के साथ तापमान में उतार-चढ़ाव ही वायरल फीवर का सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है. इन दिनों सरकारी अस्पताल में वायरल फीवर के सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि एक सप्ताह से अधिक समय तक बुखार, खांसी और जुकाम रहने पर लोग कोविड टेस्ट करवाएं. वायरल बुखार के लक्षण एवं बुखार एक ही होते हैं. जांच में आनाकानी करने पर हालत गंभीर हो सकती है. मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में वायरल बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी पूरी तरह से विकसित नहीं होती. पटना के न्यू गार्डिनर अस्पताल में प्रतिदिन 100 से ज्यादा वायरल फीवर के मरीज पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में 24 सितंबर से 12 दिसंबर तक 11 चरणों में पंचायत चुनाव, अधिसूचना जारी

वहीं, न्यू गार्डिनर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि मानसून के सीजन में वायरल फीवर का प्रकोप काफी बढ़ा है. वायरल फीवर के मामले अस्पताल में ज्यादा आ रहे हैं. इस बीमारी में कोरोना वायरस के लक्षण भी दिख रहे हैं. मरीजों को गले में खराश, बदन दर्द के साथ तेज बुखार हो रहा है. बच्चों से लेकर नौजवान भी वायरल फीवर के कारण बेहाल हैं. वायरल फीवर जानते हुए भी मरीजों को कोविड टेस्ट कराना अति आवश्यक है. 99.9 प्रतिशत केस वायरल या टायफायड के मिल रहे हैं. इसलिए बदलते मौसम में सभी को सावधानी बरतनी चाहिए.

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) के दम तोड़ने के बाद बिहार में वायरल फीवर (Viral Fever in Bihar) के मामले बढ़ रहे हैं. प्रदेश भर में वायरल फीवर ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. ज्यादातर लोग खांसी-जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं. सरकारी और निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या लोग इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) आने की संभावना जतायी जा रही है. वहीं, डॉक्टरों का मानना है कि वायरल फीवर होने पर लोग कोरोना (Covid) की जांच जरूर करायें.

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बारिश के साथ तापमान में उतार-चढ़ाव ही वायरल फीवर का सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है. इन दिनों सरकारी अस्पताल में वायरल फीवर के सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि एक सप्ताह से अधिक समय तक बुखार, खांसी और जुकाम रहने पर लोग कोविड टेस्ट करवाएं. वायरल बुखार के लक्षण एवं बुखार एक ही होते हैं. जांच में आनाकानी करने पर हालत गंभीर हो सकती है. मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में वायरल बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी पूरी तरह से विकसित नहीं होती. पटना के न्यू गार्डिनर अस्पताल में प्रतिदिन 100 से ज्यादा वायरल फीवर के मरीज पहुंच रहे हैं.

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वहीं, न्यू गार्डिनर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि मानसून के सीजन में वायरल फीवर का प्रकोप काफी बढ़ा है. वायरल फीवर के मामले अस्पताल में ज्यादा आ रहे हैं. इस बीमारी में कोरोना वायरस के लक्षण भी दिख रहे हैं. मरीजों को गले में खराश, बदन दर्द के साथ तेज बुखार हो रहा है. बच्चों से लेकर नौजवान भी वायरल फीवर के कारण बेहाल हैं. वायरल फीवर जानते हुए भी मरीजों को कोविड टेस्ट कराना अति आवश्यक है. 99.9 प्रतिशत केस वायरल या टायफायड के मिल रहे हैं. इसलिए बदलते मौसम में सभी को सावधानी बरतनी चाहिए.

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