पटनाः बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए चुनाव (Bihar Legislative Council Election) होना है. एनडीए ने सीट को लेकर अपनी घोषणा भी कर दी है. इस बार विधान परिषद चुनाव में हम और वीआईपी को एक भी सीट नहीं दिया गया है. हम पार्टी एनडीए के इस फैसले के समर्थन में है लेकिन वीआईपी ने एनडीए नेताओं के इस निर्णय को उचित नहीं बताया है. वीआईपी के प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा है कि वीआईपी विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी (VIP Will Contest on 24 Seats).
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उन्होंने कहा कि निषाद आरक्षण के मामले को लेकर भी केंद्र सरकार ने चुप्पी साध ली है, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके पक्ष में केंद्र को पत्र भी लिखा है. कई राज्यों में निषादों को आरक्षण मिल रहा है लेकिन बीजेपी के नेता इसपर कुछ से कुछ बयान देते हैं, जबकि सच्चाई कुछ और ही है. साथ ही देव ज्योति ने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही कहती रही है कि अगर एनडीए गठबंधन में हमें विधान परिषद का सीट नहीं मिलता है, तो हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. आज वीआईपी को एक बी सीट नहीं दिया गया. हमारी पार्टी बिहार विधान परिषद के सभी 24 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी
बता दें कि 24 जनवरी को ही वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने ऐलान किया था कि बिहार विधान परिषद के लिए पार्टी को कोई भी टिकट नहीं मिला, तो पार्टी सभी 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी. मुकेश सहनी ने साफ-साफ कहा था कि यह बात सही है कि इससे पहले जब बिहार विधान परिषद का चुनाव हुआ था, तब हम एनडीए में नहीं थे लेकिन अब हम एनडीए में हैं. जो पंचायत या निकाय के चुनाव हुए हैं, इसमें बड़ी संख्या में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया है. इस बार हम चाहते हैं कि, एनडीए गठबंधन में जो विधान परिषद की सीटें हैं, उसमें हमारी भी हिस्सेदारी हो. इसको लेकर एनडीए गठबंधन के नेताओं से हम बात करेंगे. सभी दल अपने-अपने अनुकूल प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लेकिन हमारा भी यह कहना है कि. हमें हिस्सेदारी चाहिए. अगर हिस्सेदारी नहीं मिलेगी तो, हम सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार को खड़ा करने का काम करेंगे.
अपनी बात रखते हुए मुकेश सहनी ने कहा था कि गठबंधन का मतलब ही यह है कि मिल बांटकर सब चलेंगे और जीतेंगे. लेकिन अगर एनडीए नहीं है तो उस जगह पर हम स्वतंत्र हैं. हम मजबूती से 24 जगह चुनाव लड़ेंगे. हमारे पास कैंडिडेट भी तैयार है. अभी गठबंधन के प्लेटफार्म पर बात नहीं हो रही है. अपने-अपने हिसाब से लोग बात कर रहे हैं. मुझे बस इतना पता है कि, जब गठबंधन की बात होगी तो वीआईपी पार्टी को भी जगह मिलनी चाहिए. लेकिन अगर गठबंधन नहीं होता है तो वीआईपी पार्टी 24 सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. हम फायदा नुकसान का नहीं सोचते हैं. हम संघर्ष करने वाले लोग हैं. हम हर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं फिर चाहे वो एमएलसी का चुनाव हो या उपचुनाव हो या 2024 लोकसभा या फिर 2025 में विधानसभा चुनाव हो.
बता दें कि शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) और बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव (Bihar BJP Incharge Bhupendra Yadav) के बीच बैठक के बाद जेडीयू और बीजेपी में सीट शेयरिंग (Seat Sharing Between JDU and BJP) का फॉर्मूला तय हो गया है. बीजेपी 12 और जेडीयू 11 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. वहीं पशुपति पारस को अपने कोटे से बीजेपी ने एक सीट दी है.
बीजेपी के खाते में रोहतास, औरंगाबाद, सारण, सिवान, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, गोपालगंज, बेगूसराय, समस्तीपुर की सीटें आईं हैं. जबकि वैशाली सीट पशुपति पारस की पार्टी आरएलजेपी के खाते में गई है. वहीं, जेडीयू पटना, भोजपुर, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, भागलपुर, मुंगेर, नावादा, मधुबनी सीट पर उम्मीदवार उतारेगी. इससे पहले शनिवार सुबह बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी.
जेडीयू-बीजेपी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और जेडीयू की ओर से शिक्षा मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री आवास से निकलने के बाद उप मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि विधान परिषद चुनाव में सीटों को लेकर एनडीए में सहमति बन गई है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पहले भी कोई विवाद नहीं था, विमर्श चल रहा था, अब उस पर सहमति बन गई है.
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