पटना: पशुपालन एवं मत्स्य विभाग मंत्री और वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने रविवार को अपने सरकारी आवास में पार्टी के पदाधिकारियों की एक बैठक की. इस बैठक में मुकेश साहनी ने पार्टी के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि वह प्रदेश के निषाद समुदाय के लोगों को उनका हक दिलाकर रहेंगे.
वहीं, मीडिया से बात करते हुए मुकेश साहनी ने कहा कि पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि अपने क्षेत्र में पार्टी के लिए मजबूती से काम करें. इसके अलावा उन्होंने कहा कि निषाद समुदाय के हक की लड़ाई लड़ते हुए आज वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं. सहनी ने कहा कि वे आगे भी लगातार निषाद समाज के हक की आवाज उठाते रहेंगे.
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दिल्ली और पश्चिम बंगाल में निषाद समुदाय को मिला हुआ है हक
मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि बंगाल और दिल्ली में निषाद समुदाय के मछुआरों को आरक्षण का लाभ मिला हुआ है. उन्हें शेड्यूल्ड कास्ट में शामिल किया गया है. मगर बिहार में निषाद समाज को शेड्यूल कास्ट में शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि एएन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने भी निषाद समाज को शेड्यूल कास्ट में शामिल करने को लेकर एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी.
सहनी ने कहा कि इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट काफी मजबूत थी. मगर केंद्र सरकार ने इसे नकार दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए और निषाद समुदाय को आरक्षण का वाजिब हक दिया जाए. मुकेश सहनी ने कहा कि इस मसले पर वह कुछ दिनों पूर्व गृहमंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं. अमितशाह ने भी उनकी बातों पर सहमति दी है. मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एनडीए की केंद्र सरकार में उनके हक और अधिकार जरूर मिलेंगे.
'पहले बंगाल बिहार झारखंड और उड़ीसा एक ही राज्य हुआ करता था. जब बंगाल और बिहार अलग हुआ तो बंगाल के निषाद समुदाय के मछुआरों को अनुसूचित जाति का दर्जा हासिल हो गया. मगर बिहार के निषाद समुदाय को यह दर्जा नहीं मिला. जो सरासर गलत है, और आजादी के बाद से अब तक बिहार का निषाद समुदाय अपने हक की मांग कर रहा है. मगर केंद्र में जो भी सरकारी आज तक आई है सभी ने निषाद समुदाय के इस मांग को फुटबॉल की तरह इधर से उधर धकेला है. केंद्र सरकार को अपनी बातों से अवगत करा दिया है और वह किसी के भरोसे अब रहने वाले नहीं हैं'.-मुकेश सहनी, मंत्री, बिहार सरकार
सीएम की अपील का सहनी ने उड़ाई धज्जी
इस बैठक में मंच पर लगभग 30 की संख्या में पार्टी के बड़े नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे. सभा हॉल में भी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे. मगर किसी के भी चेहरे पर मास्क नजर नहीं आया. सोशल डिस्टेंसिंग नाम का कोई चीज भी नहीं दिखी. ऐसे में जब देश के दूसरे प्रदेशों में कोरोना कि मामले बढ़ने लगे हैं. गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अलर्ट किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कोरोना गाइडलाइन फॉलो करने की अपील कर रहे हैं. मगर उनके ही सरकार में मंत्री का जिम्मा संभाले मुकेश सहनी की इस बैठक में कोरोना गाइडलाइनों की धज्जियां उड़ाई गई.