पटना: बिहार सरकार में मंत्री और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) ने प्रेस कांफ्रेस कर पार्टी में टूट के बाद अपना दर्द बयां किया. उन्होंने अपने तीनों विधायकों राजू सिंह, सुवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव (three vip mla supported bjp ) को बीजेपी में शामिल होने पर बधाई दी. साथ ही उन्होंने बीजेपी को भी बधाई (Mukesh Sahni Congratulate BJP ) देते हुए कहा कि 74 विधायक बनाने में सन ऑफ मल्लाह का योगदान था. हमलोगों ने मिलकर बीजेपी के 74 विधायक बनाए थे. उसके बाद भी बिहार में दो नंबर की पार्टी बीजेपी बनी थी. अब हमारे तीन विधायकों को मिलाने से वो अब 77 हो गए हैं और बिहार की नंबर 1 पार्टी बन गए हैं.
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मैं किसी के सामने झुकूंगा नहीं: मुकेश सहनी ने कहा 'उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने पर टारगेट किया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री का विरोध करने की बातें कही गई. मेरी जो बातें हैं वो किसके सामने रखूंगा. बीजेपी को लगता है कि देश के पीएम उनके हैं लेकिन पीएम पूरी जनता के हैं. हमारे भी प्रधानमंत्री हैं. अपने समाज के हक की बात उनसे नहीं करेंगे तो किससे करेंगे. यूपी में तो जदयू ने भी चुनाव लड़ा था आपने तो उनके सामने कोई बात नहीं रखी. आपको जो निर्णय लेना था, आपने लिया है. हमें बिहार की जनता के लिए काम करना है. जबतक मेरे शरीर में सांस है अपने समाज के लोगों के हक अधिकार के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा. किसी के सामने कभी नहीं झुकूंगा. चाहे दुनिया का कोई भी ताकत क्यों न हो. कंधे से कंधा मिलाकर चल सकता हूं. चार बात अगर आपकी मानता हूं तो चार बात मेरी भी माननी पड़ेगी. अगर आप कहेंगे कि मैं शहंशाह हूं तो मैं दुनिया में धरती में किसी को भी शहंशाह मानने के लिए तैयार नहीं हूं.'
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संजय जायसवाल पर झूठ बोलने का लगाया आरोप: मुकेश सहनी ने कहा कि 'देश की बड़ी पार्टी एक अति पिछड़ा के बेटे के सहयोग से 74 पहुंची और अब 77 पर पहुंचे हैं. इसके लिए मैं विशेष तौर पर भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं कि आप बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बने हैं. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को भी मैं बधाई देता हूं, आपने बहुत ही अच्छा काम किया है. कल मैं उनका प्रेस कांफ्रेंस सुन रहा था उन्होंने बहुत ही झूठ बोला. जबकि वो न तीन में थे न तेरह में थे. मेरी क्या डील हुई थी ये सिर्फ दो लोगों को पता है. एक सन ऑफ मल्लाह को पता है और दूसरे देश के गृह मंत्री अमित शाह को पता है. संजय जायसवाल को झूठ बोलने की आवश्यकता नहीं थी. वो तो विनर बन ही गए मेरे तीन विधायकों को अपनी पार्टी में मिलाकर.'
बोले मुकेश सहनी- संघर्ष से पाया है ये मुकाम: उन्होंने कहा कि 'मैं 18 साल की उम्र से संघर्ष कर रहा था. अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए मैं मेहनत कर रहा था, मजदूरी कर रहा था. एक दिन का 30 रुपये मैं कमाता था, महीने का 900 रुपये कमाता था. मुंबई जैसे शहर में मैंने संघर्ष किया है. पब्लिक शौचालय का इस्तेमाल करता था. फुटपाथ पर मैंने खाना खाया है. वहीं से संघर्ष करते हुए मैंने अपने लिए एक अच्छा मुकाम बनाया है. उसके बाद बिहार आया लोगों की समस्या को देखा और बिहार के लोगों के हक के लिए संघर्ष किया. 2020 में एक मुकाम मिला. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में काम करने का मौका मिला. लेकिन लोगों को ये हजम नहीं हुआ.'
कर्पूरी ठाकुर के सपने के लिए काम कर रहा हूं: लोगों ने सोचा कि जब ये व्यक्ति संघर्ष के बल पर 11 सीट देने पर मजबूर कर सकता है. तो ये लड़का आने वाले समय में बहुत संघर्ष करेगा और आने वाले समय में 11 पर नहीं बल्कि 100 सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है. इसलिए मुझे रोकने का काम किया गया है. हमारे हाथ में तो कुछ भी नहीं था. क्या मैं अपने लोगों के लिए आरक्षण मांग रहा हूं तो गुनाह कर रहा हूं. अगर मैं चाहता हूं कि देश में जातिगत जनगणना हो तो ये गुनाह है. मैं मुखर होकर अपनी बातों को रखता था. कर्पूरी ठाकुर के सपने को पूरा करने का काम कर रहा था. लोगों को लगा कि ये बड़ा हीरो हो जाएगा.
बोचहां में बीजेपी ने बिना कहे उतारा उम्मीदवार: बोचहां सीट को लेकर मुकेश सहनी का दर्द एक बार फिर छलका. उन्होंने कहा कि यहां पर हमारा प्रत्याशी होना था लेकिन बीजेपी ने बिना कहे अपना उम्मीदवार उतार दिया. सीट हमारे विधायक के निधन से खाली हुई थी. हमारा उस सीट पर पहला हक था. लेकिन बीजेपी ने प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया. चार महीने से उनके सांसद हमें बेइज्जत करते रहे. मैं सुनता रहा क्योंकि मुझे वहां चुनाव लड़ना था. आज हमें लोग टारगेट कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री करेंगे फैसला: मुकेश सहनी ने इस्तीफे की बात पर कहा कि 'यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्हें जो लगेगा वो करेंगे. हम नीतीश कुमार के निर्णय के साथ रहेंगे. इसका जवाब आपको सीएम नीतीश देंगे. हमारे विधायक चले गए. अगर मैं मंत्री नहीं रहता तो समाज के लिए काम नहीं कर पाता. आगे भी मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे मेरे समाज के काम पर ब्रेक लगे. कुछ लोग सोचते हैं कि इसको हटाएंगे. उनके ऊपर छोड़ दीजिए वो क्या करते हैं.'
मुझे और अमित शाह को डील के बारे में पता है: हमारी क्या डील हुई थी ये सिर्फ अमित शाह और मुझे पता है. इस बात को गृह मंत्री जी को स्पष्ट करना चाहिए तो मैं भी मान लूंगा. जो बात संजय जायसवाल या अन्य बीजेपी नेता बोल रहे हैं वही बात अमित शाह मीडिया में आकर बोल दें. तो मैं इस बात को सच मान लूंगा और एक भी शब्द आगे नहीं बोलूंगा. बीजेपी को शोभा नहीं देता कि हमसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगे.
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