पटना: राजधानी पटना से मसौढ़ी में ग्रामीणों का प्रदर्शन (Villagers protest in Masaudhi) देखने को मिला. दरअसल, ग्रामीण इलाकों में सरकार ने भूमिहीन गरीब परिवारों को बासगीत पर्चा बसाने के लिए बासगीत पर्चा तो दे दिया लेकिन उन सभी पर्चाधारियों को अब तक दखल कब्जा दिलाया गया है. जमीन कहां है और किस प्रकार की है, यह भी पर्चाधारियों को कोई अता पता नहीं है. ऐसे में अनुमंडल भर में लगातार विभिन्न प्रखंडों में बासगीत पर्चा धारियों का गुस्सा पनप रहा है, जिसको लेकर अब आंदोलन को चरणबद्ध करने की तैयारी के मूड में नजर आ रहे हैं.
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मसौढ़ी में ग्रामीणों का प्रदर्शन: ऐसे में शनिवार को खरांट गांव के बासगीत पर्चाधारियों ने सड़क पर उतरकर मसौढ़ी पितवांस मार्ग को जामकर सरकार के खिलाफ घंटों विरोध प्रदर्शन करते हुए पर्चाधारियों को बसाने और दखल कब्जा दिलाने के अलावा 'जमीन कहां है बताओ सरकार' के नारों के साथ घंटों विरोध प्रदर्शन करते दिखे. सड़क जाम के कारण घंटों यातायात बाधित रहा.
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जमीन पर दखल के लिए ग्रामीण आंदोलन पर उतारू: आपको बताएं कि मसौढ़ी प्रखंड में 1800, धनरुआ प्रखंड में 2200 और पुनपुन प्रखंड में 600 पर्चाधारी हैं. इस मामले में भूमि उप समाहर्ता संजय कुमार ने बताया कि भूमिहीन परिवारों को 3 डिसमिल देकर बसाने की जो सरकार की योजना है, उसे फलीभूत करने को लेकर सभी अंचलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि अपने राजस्व कर्मचारी और अमीन के साथ बैठक कर पंचायत स्तरीय उन सभी को दखल कब्जा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाए.
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