पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Leader of Opposition Vijay Kumar Sinha) ने प्रेस वार्ता कर महागठबंधन सरकार और नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने सीएम पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर भी कई सवाल खड़े किए.
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विजय सिन्हा का सरकार पर हमला: नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 'पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के समापन कल हुआ. बड़ा ही काला दिवस के रूप में कल का दिन माना जाएगा. विधायिका को कमजोर करने का मुख्यमंत्री की जो प्रवृति है, पूरे पांच दिन के शीतकालीन सत्र में दिखा, प्रतिपक्ष की आवाज को दबाने का. यहां तक की पहले दिन जिस तरह से विधायकों को अपमानित करने का और जिन शब्दों का उपयोग करना, अमर्यादित भाषा और तेवर, बड़ा ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण रहा. विधानसभा के आसन को जिस तरह से सत्ता में बैठे लोग प्रभावित कर रहे थे और विधानसभा अध्यक्ष जिस तरह से सरकार के प्रवक्ता के रूप में कार्य कर रहे थे. कही न कहीं आसन की गरीमा इससे बढ़ नहीं सकती, घट रही है. आसन पर विश्वास बरकरार रखना और मर्यादा का पालन करना आसन पर बैठे लोगों की जिम्मेवारी है.'
"आसन पर बैठे लोग पार्टी से ऊपर होते हैं. सरकार से हटकर पक्ष, प्रतिपक्ष दोनों का संरक्षक होते हैं. जिसकी कमी दिखाई दी और हद तो तब हो गया, जब पांच दिन के इस सत्र में विपक्ष का एक भी ध्यानाकर्षण स्वीकृत नहीं करना, हम भी उस आसन पर रहे थे. हमेशा सत्ता पक्ष और विपक्ष का दो ध्यानाकर्षण आता था. लेते रहते थे. किसी-किसी दिन विषय की महत्ता को देखकर निर्णय लेते थे. लेकिन इस पूरे सत्र में प्रतिपक्ष का एक भी ध्यानाकर्षण नहीं लेना, कार्यस्थग पर सुनने के लिए तैयार नहीं. इनती हंगामा होने के बाद भी कार्य मंत्रना समिति की बैठक नहीं बुलाना."- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
नीतीश ने कुर्सी के लिए किया समझौता: बीजेपी नेता ने कहा कि 'आज हमारे मुख्य सचेतक का कार्यालय, जब से विधानसभा बना है, नेता प्रतिपक्ष के बगल में मुख्य सचेतक का कार्यालय है, आपने उसे सत्ता धारी दल के एक सचेतक को दे दिया. ये बहुत ही गलत वातावरण बनाया गया. बिहार विधानसभा का शताब्दी वर्ष हमलोगों ने बनाया. आपने उपमुख्यमंत्री के लिए कई कमरे को तोड़कर मॉडर्न कार्यालय बना सकते हैं, व्यवस्था कर सकते हैं और हमारे उपमुख्यमंत्री जिस कार्यालय में बैठते थे, उसको बाथरूम बना दिया. कोई सुविधा नहीं देते थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमा जी आपने कुर्सी के लिए कितना समझौता किया. आपने कुर्सी के लिए नियम के विपरीत, परंपरा से हटकर क्या-क्या समझौता करेंग. दो राजा में प्रजा दुखी होता है और आज बिहार में स्थिति वहीं है.'
"मुख्यमंत्री सिर्फ कहलाने के लिए नीतीश कुमार जरूर हैं, लकिन सत्ता पर अब कमांड उपमुख्यमंत्री का दिखाई पड़ने लगा है. ये व्यवस्था क्यों. बार-बार उत्तराधिकारी घोषित कर रहे हैं. ये दोहरा खेल क्यों खेल रहे हैं. क्यों विधानसभा की गरीमा को गिरा रहे हैं. विधानसभा किसी सरकार का नहीं होता है. किसी दल का नहीं होता है. उसपर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री का अधिकार नहीं होता है. पक्ष प्रतिपक्ष के संरक्षक अध्यक्ष होते है और दोनों का मान बराबर हैं. लोकतंत्र की दोनों आंखे हैं. आप ये वातावरण बनाकर क्या संदेश देना चाहते हैं. एक तो किसी दिन बोलने का मौका नहीं मिला. एक दिन पचास मिनट का समय मिला, उसमें भी 113 बार विधानसभा अध्यक्ष का टोका-टोकी, कई बार अमर्यादित टिप्पणी करना. पहली बार विधानसभा के अंदर ये कार्य हुआ है. हमने उनको बधाई दिया कि आपने इस आसन का एक नया इतिहास बनाया है."- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
"आने वाली पिढ़ी जब इतिहास पढ़ेगी तो तय करेगा कि नियम, संविधान और मर्यादा का पालन कौन लोग कर रहे हैं. सरकार से बार-बार आग्रह हमलोग किये कि आपने नियम संसदीय कार्यमंत्री स्वीकार कर लिए. आपने सहयोगी दल भी कह रहे हैं कि शराब मामले की जांच हो. जिस पुलिस पर आरोप लगा रहा है सभी दल के लोग, उसके नेतृत्व में एसआईटी बनाकर क्या दिखाना चाहते हैं. ये कतई उचित नहीं है. उनको मुआवजा मिलना चाहिए. वो बिहार के कमजोर वर्ग के लोग हैं. जिनके साथ आपकी संवेदन प्रकट नहीं करना विधानसभा के अंदर आपकी संवेदनहीनता को प्रकट करता है. आपका वक्तव्य इन लोगों के प्रति बहुत दुखद है. इन तमाम विषय को लेकर आज हमलोग विधानसभा परिसर में विधानमंडल के लोग धरना पर बैठेंगे. सारे विधायक, विधान पार्षद शामिल होंगे. एक नई परंपरा जो खड़ा कर रहे हैं. आप भुल गये हैं कि सत्ता आती-जाती रहती है, आप भुल गये है जिस ठगबंधन में आप हैं, उसकी आयु बहुत छोटी है. समय रहते आप सजग हो और हमारे विधानमंडल दल के सदस्यों का सम्मान हो."- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष