पटना: बिहार के निगरानी विभाग ने पद का दुरुपयोग करने वाले, भ्रष्ट या जिन पर विभागीय कार्रवाई चल रही हो, ऐसे सभी स्तर के कर्मियों की सूची जारी की (Vigilance Department Released Corrupt Officials List) है. इनकी संख्या चार हजार 517 है. इसमें सभी विभागों के अलावा जिला स्तरीय कर्मियों और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में शामिल निजी लोगों की सूची भी शामिल है. निगरानी एवं विशेष निगरानी इकाई के स्तर से सभी विभागों में सभी स्तर के कर्मियों पर हुई ट्रैप और आय से अधिक संपत्ति (डीए) से जुड़े मामलों की पूरी फेहरिस्त है. परंतु सबसे ज्यादा वैसे पदाधिकारियों या कर्मियों की संख्या है, जिन पर अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा है.
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भ्रष्ट कर्मचारियों की सूची जारी: सभी स्तर के कर्मियों की इसी सूची में कुछ एक उच्च पद पर रह चुके राजनैतिक शख्सियत भी शामिल हैं. एक पूर्व विधान परिषद एवं विधान सभा अध्यक्ष के नाम भी शामिल हैं. इन आरोपी कर्मियों की सूची में सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग से मुख्यालय से लेकर जिला एवं स्कूल स्तर तक के 930 कर्मियों के नाम हैं. इसके अलावा कृषि से 55, पशुपालन विभाग से 24, भवन निर्माण से 47, वाणिज्य कर के 11, सहकारिता विभाग के 63, ऊर्जा से 114, वित्त से 14, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण से 72, वन से 30, सामान्य प्रशासन विभाग से 243, स्वास्थ्य से 160, गृह (जेल एवं अग्निशमन) से छह, उद्योग से 11, श्रम संसाधन से 22, खनन से सात कर्मियों के नाम शामिल हैं.
इसके अलावा अल्पसंख्यक विभाग से 12, पंचायती राज से 321, पीएचईडी से 19, योजना से 28, पुलिस महकमा से 221, सड़क निर्माण से 79, निबंधन से 23, राजस्व से 174, ग्रामीण विकास विभाग से 123, ग्रामीण कार्य विभाग से 50, समाज कल्याण विभाग से 68, ट्रांसपोर्ट से 36, नगर विकास एवं आवास से 117 एवं ग्रामीण कार्य विभाग से 102 कर्मियों के नाम हैं. इसके अलावा इसमें विभाग से जुड़े या भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में शामिल 658 निजी लोगों के नाम भी शामिल है.
सभी के मामलों की मौजूदा स्थिति की भी जानकारी है दर्ज: बता दे कि सभी स्तर के विभागीय कर्मियों को प्रोन्नति के लिए निगरानी विभाग की तरफ से स्वच्छता प्रमाण-पत्र लेना अनिवार्य होता है. इसे देखते हुए विभाग की तरफ से सभी स्तर के कर्मियों की सूची सभी विभाग से लेकर सभी जिलों को भेजा गया है, ताकि इस सूची में शामिल कर्मियों को प्रोन्नति नहीं मिल सके. अब कोई भी विभाग या जिला इस सूची में शामिल कर्मियों के नाम को देखकर इससे संबंधित निर्णय ले लेगा. इसके लिए निगरानी विभाग को प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की अधियाचना भेजने की जरूरत नहीं है. कर्मियों की प्रोन्नति से संबंधित 30 जून 2022 तक के सभी विचाराधीन मामलों के लिए इस सूची के आधार पर ही कार्रवाई की जायेगी. इस सूची में इनके नामों के सामने यह भी जानकारी दर्ज है कि इनके मामले की मौजूदा स्थिति क्या है.
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