पटना: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए छात्रों को पुस्तक और पुस्तकालय के महत्व को बताया. उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा कि देश में बिहार का महत्व अग्रणी है.
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में सभी से कहा कि अपनी मातृभाषा को बचाओ. कोई भी कितना भी बड़ा हो, मां और मातृभाषा से बड़ा नहीं है, चाहे हो मुख्यमंत्री हो राष्ट्रपति हो या कोई भी. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक हम सभी भारतीय हैं. उसके बाद ही हम हिंदू-मुसलमान होंगे, भेदभाव नहीं आपसी एकता जरूरी है.
उपराष्ट्रपति ने ये कहा:
- बोलने से पहले सोचो, सोचने से पहले पढ़ो, ये सबों के लिए जरूरी
- हाईटेक के इस जमाने में गुगल भी चलाने के लिए गुरु जरूरी है
- कोई भी कितना बड़ा हो मां और मातृभाषा से बड़ा नहीं है, चाहे हो मुख्यमंत्री हो राष्ट्रपति हो या कोई भी
- देश भर में सबों को कहता हूं अपनी मातृभाषा को बचाओ
- कश्मीर से कन्याकुमारी तक हम सभी भारतीय हैं, उसके बाद ही हम हिंदू मुसलमान होंगे, भेदभाव नहीं आपसी एकता जरूरी है
- कैरेक्टर, कैपीएबेल एवं कैरीएबल को ही नेता चुनें
- शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियां आगे बढ़ रही है, 65% गोल्ड मेडल विभिन्न राज्यों में लडकियों को मिले हैं, उन्हें और प्रोत्साहित करने की जरूरत है
- देश की हर योजनाओं में आम आवाम को जागरूक होना जरूरी है
- युवाओं को भारतीय व्यंजन के प्रति लगाव बढ़ाने की बात कही, पिज्जा, बर्गर, मंचुरियन से दूर रहने के दिये संदेश
- उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के नाम पर मंच से दिया आश्वासन, जो कुछ होगा बिहार के लिए करेंगे
- उपराष्ट्रपति ने भाषण के अंत में सेंट्रल युनिवर्सिटी के लिए दिया भरोसा
- उपराष्ट्रपति के भाषण के दौरान कुछ छात्रों ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग की
- हाथों में तख्ती लेकर की मांग
- सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों से तख्ती छीना