पटना: कोरोनावायरस ने बिहार में पांव पसारना शुरू कर दिया है. कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर बिहार सरकार चिंतित है. दर्जन भर से ज्यादा विदेशों से आ रहे लोग संक्रमित पाए गए हैं. तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल किया गया है लेकिन वेंटिलेटर की उपलब्धता और संचालन को लेकर सरकार के पास फुलप्रूफ तैयारी ही नहीं है. ऐसे में अगर कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो आखिर कैसे सरकार उससे निपटेगी? क्या हम पूरी तरह से तैयार हैं? विस्तार से जानिए.. (Corona wave in Bihar) (Ventilator useless due to lack of technician )
पढ़ें- लापरवाही! कोरोना की आहट के बीच पटना एयरपोर्ट पर यात्री नहीं करवा रहे कोविड जांच
वेंटिलेटर को लेकर नहीं है तैयारी: वेंटिलेटर के लिए ऑपरेटर की कमी: बिहार में कोरोना का संक्रमण बढ़ने लगा है. गया में विदेशों से आने वाले दर्जनभर से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं. संक्रमित मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. संक्रमण बढ़ने से बिहार सरकार भी चिंतित है. सरकार की ओर से तैयारियों के मद्देनजर मॉक ड्रिल भी किया गया लेकिन ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की उपलब्धता सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने राज्य के अंदर ऑक्सीजन की उपलब्धता को सुनिश्चित कर ली है लेकिन वेंटिलेटर को लेकर सरकार की तैयारी फुलप्रूफ नहीं दिखती है. सरकार वेंटिलेटर की ओर से वेंटिलेटर की कमी दूर कर लेने का दावा किया जा रहा है लेकिन वेंटिलेटर को ऑपरेट करने वाले कर्मियों का राज्य के अंदर अभाव है.
ताजा आंकड़ों के अनुसार बिहार में वेंटिलेटर की उपलब्धता इस प्रकार है...
डीएमसीएच को 25 ,आईजीआईएमएस को 16, एएनएमसीएच गया को 13, जीएमसी पूर्णिया को 10 और आईजीआईसी को 5 वेंटिलेटर आवंटित किए गये हैं. दूसरी ओर जिला अस्पताल बांका और लखीसराय में 3-3, नालंदा 5, समस्तीपुर 5, सारण 5 वेंटिलेटर आवंटित किये गए हैं. कुल मिला कर बिहार के पास 500 से ज्यादा वेंटिलेटर हैं लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए टेक्नीशियन का घोर अभाव है. टेक्नीशियन की नियुक्ति प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है.
टेक्नीशियन की कमी: स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा है कि कोरोना के संभावित खतरों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है. ऑक्सीजन की उपलब्धता हमारे पास पर्याप्त है. वेंटिलेटर की उपलब्धता भी सरकार के पास है. टेक्नीशियन की थोड़ी कमी है उसे पूरा कर लिया जाएगा.
जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर का अभाव: आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ अजय कुमार का मानना है कि कोरोना के कुछ मामले प्रकाश में आ रहे हैं. इस वेरिएंट से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है हां एहतियात बरतने की जरूरत है. लोग सरकार द्वारा बताए गए गाइडलाइन का पालन करें.
"हमारे पास पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर तो है लेकिन उसे चलाने के लिए टेक्नीशियन का घोर अभाव है. आईसीयू में भी विशेषज्ञों की भारी कमी है. सरकार को चाहिए कि तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति शीघ्र करें ताकि जरूरत पड़ने पर वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जा सके."- डॉ अजय कुमार, आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट