पटना: प्रदेश में त्योहारों का सीजन चल रहा है. नवरात्रि पर्व बीतने के साथ चंद दिनों में दिवाली और छठ का त्योहार भी आने वाला है. ऐसे में पूजा पाठ और घर के सामान खरीदने में लोगों का काफी खर्च होता है और फेस्टिव सीजन में खर्च करने के लिए लोग पहले से ही सेविंग करना शुरू कर देते हैं. लेकिन इस बार हालात कुछ अलग है. लोगों की बचत नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह है महंगाई (Inflation In Bihar). पेट्रोल और डीजल (Petrol And Diesel Price) के बाद आसमान छूती सब्जी की कीमतों (Vegetable Price In Bihar) ने लोगों की परेशानी को और अधिक बढ़ा दिया है. सब्जी मंडी में लोग सब्जी खरीदने पहुंच रहे हैं और लोगों की जेब खाली हो जा रही है मगर सब्जी का थैला नहीं भर पा रहा है.
इसे भी पढ़ें: पटना: सब्जी, राशन और फलों के दाम, देखिए लिस्ट
एक तरफ जहां डीजल और पेट्रोल की कीमतें आसमान छूने लगे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सब्जियों की कीमत में भी आग लग चुकी है. पिछले एक सप्ताह की बात करें तो सब्जियों के दाम दोगुने बढ़ गए हैं. लगातार बढ़ते दामों की वजह से आम लोगों के किचन का बजट प्रभावित हो रहा है. वहीं, राजधानी पटना के अंटा घाट सब्जी मंडी में सब्जी खरीद रही कुसुम देवी ने बताया कि सब्जी की कीमत काफी बढ़ी हुई है. कोई भी सब्जी 50 रुपये से कम में नहीं है. सब्जी की बढ़ी हुई कीमत से घर का पूरा बजट बिगड़ गया है. समझ में नहीं आ रहा है कि यह महंगाई लगातार इतनी क्यों बढ़ रही है.
ये भी पढ़ें: Good News: बिहार के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, नीतीश सरकार ने दिया 'फेस्टिवल गिफ्ट'
सब्जी मंडी में सब्जियों की खरीदारी कर रहे ग्राहक संतोष कुमार ने बताया कि सब्जी का रेट काफी बढ़ा हुआ है. खासकर हरी सब्जियों के दाम 50 रुपये से कम में नहीं मिल रहा है. नेनुआ और भिंडी भी 30-40 रुपये किलो मिल रहा है. आलू प्याज का रेट भी काफी बढ़ गया है. अभी प्याज की कीमत दोगुनी चल रही है. यह सीजन बैगन और परवल का है, लेकिन इसके बावजूद बैगन 50 रुपये और परवल 80 रुपये किलो मिल रहा है.
एक वक्त भोजन के लिए सब्जी की व्यवस्था कर पाना आम लोगों के लिए कठिन हो रहा है. महंगाई इस कदर बढ़ रही है कि भविष्य को लेकर आदमी कुछ सोच समझ नहीं पा रहा है. वर्तमान की व्यवस्था करने में ही पूरा पैसा खर्च हो जा रहा है.
वहीं सब्जी खरीद रहे ग्राहक सुरेंद्र कुमार ने कहा कि सब्जी काफी महंगी है. सभी सब्जी की कीमत दोगुने से तिगुने भाव पर चली गई है. पहले 200 रुपये से लेकर मंडी में आने पर थैला भरकर सब्जी लेकर जाते थे. लेकिन अब 500 रुपये खर्च हो जा रहा है, मगर थैला नहीं भर पा रहा है. कोई भी सब्जी 50-60 रुपये किलो से कम में नहीं मिल रही है.
दुकानदार कुश कुमार में कहा कि लौकी 30-40 रुपये पीस बिक रही है और नेनुआ 30 रुपये किलो है. वहीं, भिंडी 30-40 रुपये किलो बिक रही है और बाकी सब्जियां थोड़ी महंगी है. महंगाई का मूल कारण यह है कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बेताहशा वृद्धि. यहां कुछ सब्जियों के दाम दिखाए गए हैं जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मूल्यों में कितनी वृद्धि हुई है.
सब्जियों के दाम | कीमत (प्रति किलो) |
पलवल | 80 |
पालक | 60 |
झींगुनी | 40 |
करेला | 40 |
बैगन | 50-60 |
भिंडी | 30 |
मूली | 40 |
बोड़ा | 80 |
कद्दू | 40 |
गोभी | 40-50 |
लाल साग | 40 |
टमाटर | 80 |
खीरा | 40 |
प्याज | 40-50 |
आलू | 25-30 |
धनिया पत्ता | 300 |
हरी मिर्च | 100 |
लहसुन | 120 |
अदरक | 50 |