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LJP में कोई टूट नहीं सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन हुआ, अब पशुपति पारस हमारे नेता: वीणा देवी

चिराग पासवान (Chirag Paswan) के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले 5 सांसदों में से एक वीणा देवी ने साफ किया है कि एलजेपी (LJP) में कोई टूट नहीं हुई है. उनके मुताबिक सिर्फ नेतृत्व बदला है.

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Published : Jun 14, 2021, 4:07 PM IST

नई दिल्ली/पटना: बिहार के वैशाली (Vaishali) से एलजेपी सांसद वीणा देवी (Veena Devi) ने दावा किया है कि पार्टी एकजुट है. लोजपा (LJP) में कोई टूट नहीं हुई है. हम सभी पांचों सांसद एक साथ हैं. एलजेपी में सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन हुआ है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) की जगह अब हमारे नेता अब पशुपति कुमार पारस (Pashupati kumar Paras) हैं. वे ही संसदीय दल के नेता हैं. हम लोग उनको ही राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाएंगे.

ये भी पढ़ें- LJP में 'टूट' को लेकर RCP का चिराग पर तंज, कहा- 'जैसा बोएगा, वैसा काटेगा'

एनडीए में ही रहेंगे हम
वीणा देवी ने कहा कि हम लोग एनडीए (NDA) में थे, एनडीए में हैं और आगे भी एनडीए में ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार से हम लोगों को गठबंधन रखना है. उन्होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) से भी हम पांच सांसद मिले हैं और उन्हें सूचित कर दिया है कि पशुपति कुमार पारस हमारे संसदीय दल के नेता हैं. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान के सिद्धांतों पर यह पार्टी चलती रहेगी. चिराग से हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पारस जी को ही हम लोग नेता मानेंगे.

देखें पूरी बातचीत

"हम लोगों को चिराग जी से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पारस जी हमारे नेता होंगे. जहां तक बात टूट की है तो स्पष्ट कर दूं कि लोजपा बिखरी नहीं है, सब साथ हैं. ऐसे में जेडीयू के किसी भी नेता द्वारा लोजपा में टूट को अंजाम देने की बात का कोई मतलब नहीं है"- वीणा देवी, सांसद, एलजेपी

एलजेपी में बिखराव
बता दें कि एलजेपी में बड़ी टूट हुई है. 6 में से 5 लोकसभा सांसद बागी हो गए हैं. चिराग पासवान अकेले रह गए हैं. उनके चाचा और हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस, उनके चचेरे भाई और समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज पासवान, वैशाली से सांसद वीणा देवी, खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर और नवादा से सांसद चंदन सिंह बागी हो गए हैं.

ये लोग चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे. पारस भी पार्टी में लगातार अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे. रविवार रात को पांचों सांसद एकजुट हुए और चिराग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. चिराग पासवान की जगह पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है. अब उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है. बागी सांसद यही दावा करेंगे कि असली लोजपा वही लोग हैं

चाचा को मनाने पहुंचे चिराग
इस बीच चिराग पासवान अपने चाचा पारस को मनाने उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास पहुंचे, लेकिन पारस से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. कहा जा रहा है कि गेट पर करीब आधे घंटे तक उन्हें रुकना पड़ा तब जाकर दरवाजा खोला गया. चिराग चाची से भेंट करने के बाद अपने आवास लौट गए.

ये भी पढ़ें- चाचा के घर से खाली हाथ लौटे चिराग, पशुपति पारस चुने गए लोकसभा में LJP संसदीय दल के नेता

विधानसभा चुनाव के समय से नाराजगी
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था. पार्टी ने जदयू के खिलाफ हर सीट पर अपना उम्मीदवार भी उतारा था. जिसके कारण जदयू को काफी नुकसान भी हुआ था. तब से ही आशंका जताई जा रही थी कि आज ना कल सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लोजपा में पाला बदलवाने का खेल जरूर करेंगे.

'जेडीयू की कोई भूमिका नहीं'
लोजपा में टूट तो हुई है, लेकिन लोजपा नेताओं का कहना है कि इसमें जदयू की कोई भूमिका नहीं है. आपको बताएं कि पारस की नीतीश कुमार से नजदीकी रही है. वे उनकी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी थे, लेकिन उन्हें 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़वाया गया था.

कहा जाता है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. बाद में उनको बिहार लोजपा के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. चिराग के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से भी वे खुश नहीं थे. अंदर ही अंदर लोजपा में अंदरूनी कलह चल रहा था, जिसका नतीजा देखने को मिला है कि अब 5 सांसद अलग हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- ...तो नीतीश लिख रहे हैं चिराग के 'विनाश' की पटकथा! हालात तो यही कर रहे इशारे

कौन हैं वीणा देवी?
वीणा देवी अभी एलजेपी की सांसद हैं. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह को शिकस्त दी थी. वे गायघाट निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान सभा की सदस्य भी रह चुकी हैं. उनके पति दिनेश प्रसाद सिंह जेडीयू के विधान पार्षद रहे हैं. जबकि बेटी कोमल सिंह 2020 के विधानसभा चुनाव में गायघाट सीट से एलजेपी की उम्मीदवार थीं. हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली.

नई दिल्ली/पटना: बिहार के वैशाली (Vaishali) से एलजेपी सांसद वीणा देवी (Veena Devi) ने दावा किया है कि पार्टी एकजुट है. लोजपा (LJP) में कोई टूट नहीं हुई है. हम सभी पांचों सांसद एक साथ हैं. एलजेपी में सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन हुआ है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) की जगह अब हमारे नेता अब पशुपति कुमार पारस (Pashupati kumar Paras) हैं. वे ही संसदीय दल के नेता हैं. हम लोग उनको ही राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाएंगे.

ये भी पढ़ें- LJP में 'टूट' को लेकर RCP का चिराग पर तंज, कहा- 'जैसा बोएगा, वैसा काटेगा'

एनडीए में ही रहेंगे हम
वीणा देवी ने कहा कि हम लोग एनडीए (NDA) में थे, एनडीए में हैं और आगे भी एनडीए में ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार से हम लोगों को गठबंधन रखना है. उन्होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) से भी हम पांच सांसद मिले हैं और उन्हें सूचित कर दिया है कि पशुपति कुमार पारस हमारे संसदीय दल के नेता हैं. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान के सिद्धांतों पर यह पार्टी चलती रहेगी. चिराग से हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पारस जी को ही हम लोग नेता मानेंगे.

देखें पूरी बातचीत

"हम लोगों को चिराग जी से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पारस जी हमारे नेता होंगे. जहां तक बात टूट की है तो स्पष्ट कर दूं कि लोजपा बिखरी नहीं है, सब साथ हैं. ऐसे में जेडीयू के किसी भी नेता द्वारा लोजपा में टूट को अंजाम देने की बात का कोई मतलब नहीं है"- वीणा देवी, सांसद, एलजेपी

एलजेपी में बिखराव
बता दें कि एलजेपी में बड़ी टूट हुई है. 6 में से 5 लोकसभा सांसद बागी हो गए हैं. चिराग पासवान अकेले रह गए हैं. उनके चाचा और हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस, उनके चचेरे भाई और समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज पासवान, वैशाली से सांसद वीणा देवी, खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर और नवादा से सांसद चंदन सिंह बागी हो गए हैं.

ये लोग चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे. पारस भी पार्टी में लगातार अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे. रविवार रात को पांचों सांसद एकजुट हुए और चिराग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. चिराग पासवान की जगह पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है. अब उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है. बागी सांसद यही दावा करेंगे कि असली लोजपा वही लोग हैं

चाचा को मनाने पहुंचे चिराग
इस बीच चिराग पासवान अपने चाचा पारस को मनाने उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास पहुंचे, लेकिन पारस से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. कहा जा रहा है कि गेट पर करीब आधे घंटे तक उन्हें रुकना पड़ा तब जाकर दरवाजा खोला गया. चिराग चाची से भेंट करने के बाद अपने आवास लौट गए.

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विधानसभा चुनाव के समय से नाराजगी
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था. पार्टी ने जदयू के खिलाफ हर सीट पर अपना उम्मीदवार भी उतारा था. जिसके कारण जदयू को काफी नुकसान भी हुआ था. तब से ही आशंका जताई जा रही थी कि आज ना कल सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लोजपा में पाला बदलवाने का खेल जरूर करेंगे.

'जेडीयू की कोई भूमिका नहीं'
लोजपा में टूट तो हुई है, लेकिन लोजपा नेताओं का कहना है कि इसमें जदयू की कोई भूमिका नहीं है. आपको बताएं कि पारस की नीतीश कुमार से नजदीकी रही है. वे उनकी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी थे, लेकिन उन्हें 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़वाया गया था.

कहा जाता है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. बाद में उनको बिहार लोजपा के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. चिराग के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से भी वे खुश नहीं थे. अंदर ही अंदर लोजपा में अंदरूनी कलह चल रहा था, जिसका नतीजा देखने को मिला है कि अब 5 सांसद अलग हो गए हैं.

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कौन हैं वीणा देवी?
वीणा देवी अभी एलजेपी की सांसद हैं. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह को शिकस्त दी थी. वे गायघाट निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान सभा की सदस्य भी रह चुकी हैं. उनके पति दिनेश प्रसाद सिंह जेडीयू के विधान पार्षद रहे हैं. जबकि बेटी कोमल सिंह 2020 के विधानसभा चुनाव में गायघाट सीट से एलजेपी की उम्मीदवार थीं. हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली.

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