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बिहार में शिक्षा का हाल देखिए, 1 कमरा..1 ब्लैकबोर्ड.. 5 टीचर एक साथ पढ़ाते हैं 8 क्लास

एक कमरे में 8 कक्षाओं का संचालन....यह हाल है पटना से सटे मसौढ़ी के एक मिडिल स्कूल का. टीचर्स क्या पढ़ा रहे हैं बच्चों को शोरगुल के बीच कुछ सुनाई नहीं देता. आलम ये है कि आधे से ज्यादा बच्चे स्कूल आते ही नहीं हैं. पढ़ें बिहार के शिक्षा व्यवस्था की बदहाली (Education In Bihar) की पोल खोलती ये रिपोर्ट..

Upgraded Middle School Naseernachak
Upgraded Middle School Naseernachak
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Published : Jul 25, 2022, 5:11 PM IST

पटना: बिहार में शिक्षा में सुधार के भले ही सरकार लाख दावे करती हो मगर जमीनी हकीकत को आइना दिखा रहा है धनरुआ प्रखंड (Dhanaura Block) का उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक (Upgraded Middle School Naseernachak), जहां एक कमरे में 8 कक्षाएं चलती हैं. इस कमरे में 142 नामांकित छात्र छात्राएं एक साथ बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. एक साथ आठ कक्षाओं की पढ़ाई होने से विद्यार्थियों को परेशानी तो हो ही रही है, पढ़ाने वाले टीचर्स को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें- प्राथमिक विद्यालय सिताचक: सर हमलोग रोज डर-डर के पढ़ते हैं... कुछ इस तरह भविष्य संवार रहे मासूम

एक कमरे में संचालित हो रही 8 कक्षाएं: एक कमरे में आठ शिक्षक और सैंकड़ों बच्चे कैसे पढ़ाई करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. धनरूआ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक में पढ़ने वाले बच्चे कई बार कन्फ्यूज हो जाते हैं. जब एक साथ सभी शिक्षक अपने-अपने क्लास के बच्चों को पढ़ाते हैं तो बच्चों का ध्यान भटकता रहता है. शिक्षक शिक्षिकाएं भी इस तरह से पढ़ाने के दौरान परेशान नजर आते हैं.

पढ़ाई में बाधा के कारण बच्चे नहीं आते स्कूल: दरअसल इस विद्यालय में कुल 5 कमरे हैं लेकिन सभी जर्जर अवस्था में हैं. एक मात्र कमरे की हालत थोड़ी ठीक है,जहां एक साथ आठ कक्षाओं का संचालन हो रहा है. स्कूल में कुल 142 नामांकित बच्चों में से आधा से ज्यादा बच्चे अनुपस्थित रहते हैं. बच्चों का कहना है कि एक साथ बैठकर पढ़ने से शोरगुल से काफी परेशानी होती है. पूरे स्कूल में 8 शिक्षक हैं. शिक्षकों को भी बच्चों को पाठ पढ़ाने और समझाने में काफी दिक्कत आती है.

मुख्यालय से कई बार लगाई गई गुहार: वहीं धनरुआ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक के प्रधानाध्यापक ने बताया कि कई बार अपने स्तर से मुख्यालय को पत्र भेजे हैं. पत्र के माध्यम से मुख्यालय को सूचित किया गया है कि हमारे विद्यालय में कई भवन जर्जर हैं. बिल्डिंग बनाने की मांग भी की गई है लेकिन अभी तक फाइल दबी पड़ी है. वहीं इस पूरे मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि यहां से मुख्यालय पत्र भेजा गया है. जहां जहां जिस विद्यालय में कमरों का अभाव है उसको सुदृढ़ करने के लिए जिला को पत्र भेजा गया है. जैसे वहां से आदेश आएगा विद्यालय के ढांचा को सुधारा जाएगा.

"एक रूम में सभी क्लास की पढ़ाई होती है. इस दौरान काफी हल्ला होता है. पढ़ने में बहुत परेशानी होती है."- संजु कुमारी, छात्रा

"चार कक्षा के बच्चे बैठकर पढ़ते हैं. पढ़ने में परेशानी होती है. जल्द से जल्द बाकी कमरों को ठीक करवाना चाहिए ताकि हम आराम से पढ़ सके."- रीना कुमारी, छात्रा

"एक साथ बैठकर पढ़ने में दिक्कत होती है इसलिए अलग-अलग बैठकर पढ़ने की व्यवस्था होनी चाहिए. काफी शोरगुल होता है. टीचर की आवाज तक कई बार सुनाई नहीं देती है."- रानी कुमारी, छात्रा

"हमारे विद्यालय में कुल नामांकित बच्चे 142 हैं. एक बरामदा और एक रूम है जिसमें बच्चों को पढ़ाया जाता है. बच्चों को पढ़ाने के लिए कमरे नहीं है. जो कमरा है भी वो जर्जर अवस्था में है."- ललन प्रसाद,प्रधानाध्यापक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक

बदहाल शिक्षा व्यवस्था से बच्चे परेशान: गौरतलब है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक में लंबे अरसे से एक ही कमरे में आठ कक्षाएं चल रही हैं. जिसके चलते यहां की शिक्षा व्यवस्था काफी बदहाल है. पठन-पाठन बाधित रहती है. किसी तरह से छात्र-छात्राएं और शिक्षक पठन-पाठन करने को विवश हैं.

पटना: बिहार में शिक्षा में सुधार के भले ही सरकार लाख दावे करती हो मगर जमीनी हकीकत को आइना दिखा रहा है धनरुआ प्रखंड (Dhanaura Block) का उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक (Upgraded Middle School Naseernachak), जहां एक कमरे में 8 कक्षाएं चलती हैं. इस कमरे में 142 नामांकित छात्र छात्राएं एक साथ बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. एक साथ आठ कक्षाओं की पढ़ाई होने से विद्यार्थियों को परेशानी तो हो ही रही है, पढ़ाने वाले टीचर्स को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें- प्राथमिक विद्यालय सिताचक: सर हमलोग रोज डर-डर के पढ़ते हैं... कुछ इस तरह भविष्य संवार रहे मासूम

एक कमरे में संचालित हो रही 8 कक्षाएं: एक कमरे में आठ शिक्षक और सैंकड़ों बच्चे कैसे पढ़ाई करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. धनरूआ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक में पढ़ने वाले बच्चे कई बार कन्फ्यूज हो जाते हैं. जब एक साथ सभी शिक्षक अपने-अपने क्लास के बच्चों को पढ़ाते हैं तो बच्चों का ध्यान भटकता रहता है. शिक्षक शिक्षिकाएं भी इस तरह से पढ़ाने के दौरान परेशान नजर आते हैं.

पढ़ाई में बाधा के कारण बच्चे नहीं आते स्कूल: दरअसल इस विद्यालय में कुल 5 कमरे हैं लेकिन सभी जर्जर अवस्था में हैं. एक मात्र कमरे की हालत थोड़ी ठीक है,जहां एक साथ आठ कक्षाओं का संचालन हो रहा है. स्कूल में कुल 142 नामांकित बच्चों में से आधा से ज्यादा बच्चे अनुपस्थित रहते हैं. बच्चों का कहना है कि एक साथ बैठकर पढ़ने से शोरगुल से काफी परेशानी होती है. पूरे स्कूल में 8 शिक्षक हैं. शिक्षकों को भी बच्चों को पाठ पढ़ाने और समझाने में काफी दिक्कत आती है.

मुख्यालय से कई बार लगाई गई गुहार: वहीं धनरुआ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक के प्रधानाध्यापक ने बताया कि कई बार अपने स्तर से मुख्यालय को पत्र भेजे हैं. पत्र के माध्यम से मुख्यालय को सूचित किया गया है कि हमारे विद्यालय में कई भवन जर्जर हैं. बिल्डिंग बनाने की मांग भी की गई है लेकिन अभी तक फाइल दबी पड़ी है. वहीं इस पूरे मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि यहां से मुख्यालय पत्र भेजा गया है. जहां जहां जिस विद्यालय में कमरों का अभाव है उसको सुदृढ़ करने के लिए जिला को पत्र भेजा गया है. जैसे वहां से आदेश आएगा विद्यालय के ढांचा को सुधारा जाएगा.

"एक रूम में सभी क्लास की पढ़ाई होती है. इस दौरान काफी हल्ला होता है. पढ़ने में बहुत परेशानी होती है."- संजु कुमारी, छात्रा

"चार कक्षा के बच्चे बैठकर पढ़ते हैं. पढ़ने में परेशानी होती है. जल्द से जल्द बाकी कमरों को ठीक करवाना चाहिए ताकि हम आराम से पढ़ सके."- रीना कुमारी, छात्रा

"एक साथ बैठकर पढ़ने में दिक्कत होती है इसलिए अलग-अलग बैठकर पढ़ने की व्यवस्था होनी चाहिए. काफी शोरगुल होता है. टीचर की आवाज तक कई बार सुनाई नहीं देती है."- रानी कुमारी, छात्रा

"हमारे विद्यालय में कुल नामांकित बच्चे 142 हैं. एक बरामदा और एक रूम है जिसमें बच्चों को पढ़ाया जाता है. बच्चों को पढ़ाने के लिए कमरे नहीं है. जो कमरा है भी वो जर्जर अवस्था में है."- ललन प्रसाद,प्रधानाध्यापक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक

बदहाल शिक्षा व्यवस्था से बच्चे परेशान: गौरतलब है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय नसीरनाचक में लंबे अरसे से एक ही कमरे में आठ कक्षाएं चल रही हैं. जिसके चलते यहां की शिक्षा व्यवस्था काफी बदहाल है. पठन-पाठन बाधित रहती है. किसी तरह से छात्र-छात्राएं और शिक्षक पठन-पाठन करने को विवश हैं.

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