पटनाः लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया है. जिस पर सियासत तेज हो गई है. जेडीयू ने विरोध के बाद आखिरकार बिल का समर्थन किया है. वहीं, तमाम विपक्षी दल इस पर पुरजोर विरोध जता रहे हैं. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिल को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है. इस बिल को मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला बताया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा कि देश के अंदर कई समस्याएं है. शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भुखमरी, महंगाई, आर्थिक मंदी, गैंगरेप, अन्याय और किसानों की स्थिति बदहाल है. देश के अंदर की समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार नागरिकता संशोधन बिल ले कर आयी है.
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'घर में नहीं है दाने और अम्मा चली भुनाने'
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) December 9, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भुखमरी, महंगाई, आर्थिक मंदी, गैंगरेप, अन्याय व किसानों की बदहाली सहित देश की अनेकों समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार द्वारा #नागरिकता_संशोधन_बिल लाया गया है।#IndiaRejectsCAB
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शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भुखमरी, महंगाई, आर्थिक मंदी, गैंगरेप, अन्याय व किसानों की बदहाली सहित देश की अनेकों समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार द्वारा #नागरिकता_संशोधन_बिल लाया गया है।#IndiaRejectsCAB'घर में नहीं है दाने और अम्मा चली भुनाने'
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) December 9, 2019
शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भुखमरी, महंगाई, आर्थिक मंदी, गैंगरेप, अन्याय व किसानों की बदहाली सहित देश की अनेकों समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार द्वारा #नागरिकता_संशोधन_बिल लाया गया है।#IndiaRejectsCAB
प्रशांत किशोर नाराज
जेडीयू के इस बिल का समर्थन करने पर उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर पार्टी पर ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा कि 'जडीयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने के बाद मैं निराश हूं. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता. जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.'
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Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
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It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
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एनआरसी बिल के खिलाफ पटना में विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि राजधानी पटना में एनआरसी बिल का विरोध किया गया है. बिल के विरोध में पटना के कारगिल चौक पर जुटे सैकड़ों मुसलमानों ने गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका और सरकार विरोधी नारे लगाए. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में हर वर्ग के लोगों को भारत में जीने का अधिकार है जो उन्हें मिलना चाहिए. भारत में धर्म के नाम पर हो रही राजनीति अब बंद होनी चाहिए.