पटना: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 15 जून को विपक्षी दलों की बैठक ( Opposition Parties Meeting On President Election) बुलाई है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर यह महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जदयू का क्या स्टैंड है इस पर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि सही समय पर सब को पता चल जाएगा कि जदयू का क्या स्टैंड (presidential election 2022 candidates) है. जहां तक ममता बनर्जी की बैठक की बात है तो अच्छी बात है. विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश हो रही है इसमें दिक्कत कहां है.
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उपेंद्र कुशवाहा का बयान: उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पक्ष विपक्ष के लोग ऐसे विषयों पर एकजुट करने की कोशिश करते हैं कोई नई बात नहीं है. ममता बनर्जी कर रही हों या और कोई करा हो करें, इसमें क्या है. एनडीए में राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर बैठक पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कितनी चर्चा हुई और कितनी बातें सार्वजनिक की जाए यह तो आवश्यकता के अनुसार ही होगा.
नीतीश भी कह चुके हैं ये बात: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जनता दरबार के बाद ममता बनर्जी की बैठक को लेकर पत्रकारों के सवाल पर कहा था जिनका जो काम है करें उसमें क्या दिक्कत है जो भी बात होगी सामने तो आएगी ही ना इस पर क्या प्रतिक्रिया देना है. जदयू पहले भी एनडीए में रहते हुए एनडीए के उम्मीदवार के खिलाफ वोट दे चुका है और अभी भी अपना पत्ता नहीं खोल रहा है. ऐसे में सस्पेंस जदयू की तरफ से बना हुआ है. आपको बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होना है. इस चुनाव में 4809 सदस्य (निर्वाचक मंडल) हिस्सा लेंगे. इनमें सिर्फ सांसद और विधायक ही शामिल होते हैं.
"देखिए जदयू की भूमिका की जानकारी समय पर मिल जाएगी. अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. पक्ष विपक्ष के लोग ऐसे विषयों पर कोशिश करते रहते हैं. जो भी चर्चा होगी आवश्यकता अनुसार सार्वजनिक किया जाएगा."- उपेंद्र कुशवाहा, संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
15 जून को बैठक: आपको बता दें कि प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी पार्टियों को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने सभी पार्टियों को 15 जून को दिल्ली में आमंत्रित किया था. जिन दलों को लेटर भेजा गया था, उनमें सीपीएम और कांग्रेस दोनों शामिल है. कुल 22 पार्टियों को यह चिट्ठी भेजी गई थी. हालांकि, तब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने ममता की चिट्ठी पर आपत्ति जताई थी. उनके अनुसार जब सोनिया गांधी ने ऐसी ही बैठक पहले ही बुला रखी है, तो फिर ममता को उसी दिन इस बैठक को बुलाने की क्या आवश्यकता थी. हालांकि, अब कहा जा रहा है कि इन मतभेदों को दरकिनार कर दिया गया है.
एनडीए की राज्यों में स्थिति कमजोर: राज्यों में कुल मिलाकर 4033 विधायक हैं, जिनके 546000 पॉइंट्स हैं. 17 राज्यों में बीजेपी की सरकार है, लेकिन 9 राज्य ऐसे हैं जहां के विधायकों के वोटों की वैल्यू 30 पॉइंट से भी कम है. विपक्ष के पास 11 राज्यों में सरकार है, लेकिन 8 बड़े राज्य उनके खाते में है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में राज्यों में कुल मिलाकर 220937 पॉइंट्स हैं. एनडीए के साथ 40.43% का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास विधानसभाओं में 324590 पॉइंट हैं. विधानसभा में विपक्ष के साथ 59.57% विधायकों का समर्थन है.
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