पटना: बिहार की सियासत में बहुत जल्द कई नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं. पिछले दिनों राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलकर लौटे रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के तेवर बदले-बदले दिख रहे हैं. कुशवाहा इन दिनों महागठबंधन का दायरा बढ़ाने की भी बात कर रहे हैं. वहीं, लोहिया की पुण्यतिथि के कार्यक्रम को महागठबंधन का कार्यक्रम बता रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा का सदाकत आश्रम पहुंचकर कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल सहित कई वरिष्ठ नेताओं से हुई मुलाकात के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है कि कुशवाहा ने लालू का दूत बन गोहिल से मिलकर महागठबंधन की अगली रणनीति पर चर्चा की है. तकरीबन 45 मिनट तक दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई. अब सवाल उठने लगा है कि क्या लालू प्रसाद ने उपेंद्र कुशवाहा को बिहार के महागठबंधन की कमान सौंप दी है ?
'महागठबंधन की बैठक के बाद होगा निर्णय'
इस सवाल का जबाब में कांग्रेस और राजद के नेता सीधा कुछ भी बोलने से बचते दिखे. हालांकि, राजद का मानना है कि अगर लालू प्रसाद कुछ भी निर्णय करते है, तो पार्टी के तमाम लोग उसको सहर्ष स्वीकार करेंगे. इस मुद्दे पर कांग्रेस की राय थोड़ी अलग है. कांग्रेस का कहना है कि जो भी तय होगा वह महागठबंधन की तमाम बड़े नेताओं की बैठक के बाद ही होगा.
कुशवाहा की पीसी से उठे सवाल
दरअसल, पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 12 अक्टूबर को लोहिया की पुण्यतिथि मनाने की जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन की ओर से उन्हें इस कार्यक्रम का संयोजक बनाया गया है. कुशवाहा ने बिहार में महागठबंधन का दायरा बढ़ाने की भी बात कही है. इसका समर्थन कांग्रेस और राजद ने भी किया है.
क्या बोले प्रदेश अध्यक्ष...
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा का कहना है कि कुशवाहा महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या लालू प्रसाद की ओर से उन्हें महागठबंधन की कमान सौंपी गई है? इसके जवाब में उन्होंने कहा इसका फैसला तमाम दलों के नेताओं की बैठक के बाद ही होगा. वहीं, इस सवाल के जवाब में राजद नेता विजय प्रकाश का मानना है कि यदि लालू प्रसाद ने कुछ निर्णय लिया है तो उसका स्वागत किया जायेगा.