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Bihar Shikshak Niyojan: 'जो नियोजित शिक्षक परीक्षा में फेल होंगे उनके साथ क्या होगा?' उपेंद्र कुशवाहा का सुझाव जानें...

शिक्षक बहाली में नई नियमावली में नियोजित की जो समस्या है, उसका समाधान उपेंद्र कुशवाहा ने बता दिया. सरकार अगर इसे मानती है तो नियोजित शिक्षकों को इससे काफी फायदा होगा. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आयोग से परीक्षा लेने का सुझाव मैने पहले ही दिया था. लेकिन उस समय नहीं मानकर अब माना गया है. सरकार को नियोजित शिक्षकों के बारे में सोचना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 11, 2023, 7:47 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 8:55 AM IST

उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, RLJD

पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली में नई नियमावली जारी होने के बाद विपक्ष के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. दूसरी ओर जदयू से अलग हुए RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नई नियमावली का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि इसके बारे में वे सीएम नीतीश कुमार को पहले ही बता चुके थे कि शिक्षकों को नियोजित तरीके से बहाली करना बंद करें. लेकिन उस समय मेरी बात नहीं मानी गई थी. अब जाकर यह किया गया है. हलांकि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो नियोजित शिक्षक आयोग की परीक्षा में पास नहीं कर पाएंगे, उनके साथ क्या करना है.

यह भी पढ़ेंः Bihar Shikshak Niyamawali पर सरकार छात्रों को ठग रही, नीतीश के दिल्ली दौरे पर भी विजय सिन्हा का तंज

"नई नियमावली को लेकर नियोजित शिक्षक विरोध कर रहे हैं. इस संदर्भ में भी हमने उस समय सुझाव दिया था. मुख्यमंत्री चाहे तो फिर से हम उस कॉपी को भेज सकते हैं. हमने साफ कहा था कि नियोजन से गुणवत्ता वाले शिक्षकों की बहाली नहीं हो सकती. आयोग के माध्यम से ही बहाली हो. अब सरकार ने माना है, लेकिन नियोजित शिक्षकों के बारे में भी सोचना होगा. जो नियोजित शिक्षक आयोग की परीक्षा में पास नहीं होंगे, उन्हें भी राज्यकर्मी का दर्जा देकर स्कूल से हटाकर अलग विभाग में काम करने का मौका दें." -उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, RLJD

पूर्व में फैसला गलत थाः उपेंद्र ने कहा कि 2006 में नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया था, वह गलत था. डिग्री लाओ नौकरी पाओ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव नहीं था. हम लोग उसी समय से आवाज उठाते रहे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार को समझने में इतना समय लग गया. हम लोग उसी समय से कह रहे हैं कि बीपीएससी से या बीपीएससी की तरह आयोग बनाकर शिक्षकों की बहाली करें. अब जाकर उनको समझ में आया है लेकिन सत्रह अठारह सालों में जिन छात्रों का भविष्य बर्बाद हो गया उसके बारे में भी जवाब देना होगा.

नियोजित शिक्षकों को ए़डजस्ट करें सरकारः हमने नियोजित शिक्षक को लेकर भी सुझाव दिया था. चाहे तो नीतीश कुमार अभी भी सुझाव ले सकते हैं. जो पहले से नियोजित शिक्षक नियुक्त हैं, उनके बारे में कहा था कि कई लोग पढ़ाने के योग्य नहीं है. सरकार ने कहा है कि उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का मौका देंगे, लेकिन जो पास होंगे वही राज्य सरकार के कर्मचारी होंगे और जो फेल होंगे वह नियोजित शिक्षक रहेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि जो फेल हो गए इसका मतलब उन्हें पढ़ाने की क्षमता नहीं है. सरकार उनको भी राज्यकर्मी बनाए और कहीं दूसरे जगह एडजस्ट करे.

उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, RLJD

पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली में नई नियमावली जारी होने के बाद विपक्ष के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. दूसरी ओर जदयू से अलग हुए RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नई नियमावली का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि इसके बारे में वे सीएम नीतीश कुमार को पहले ही बता चुके थे कि शिक्षकों को नियोजित तरीके से बहाली करना बंद करें. लेकिन उस समय मेरी बात नहीं मानी गई थी. अब जाकर यह किया गया है. हलांकि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो नियोजित शिक्षक आयोग की परीक्षा में पास नहीं कर पाएंगे, उनके साथ क्या करना है.

यह भी पढ़ेंः Bihar Shikshak Niyamawali पर सरकार छात्रों को ठग रही, नीतीश के दिल्ली दौरे पर भी विजय सिन्हा का तंज

"नई नियमावली को लेकर नियोजित शिक्षक विरोध कर रहे हैं. इस संदर्भ में भी हमने उस समय सुझाव दिया था. मुख्यमंत्री चाहे तो फिर से हम उस कॉपी को भेज सकते हैं. हमने साफ कहा था कि नियोजन से गुणवत्ता वाले शिक्षकों की बहाली नहीं हो सकती. आयोग के माध्यम से ही बहाली हो. अब सरकार ने माना है, लेकिन नियोजित शिक्षकों के बारे में भी सोचना होगा. जो नियोजित शिक्षक आयोग की परीक्षा में पास नहीं होंगे, उन्हें भी राज्यकर्मी का दर्जा देकर स्कूल से हटाकर अलग विभाग में काम करने का मौका दें." -उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, RLJD

पूर्व में फैसला गलत थाः उपेंद्र ने कहा कि 2006 में नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया था, वह गलत था. डिग्री लाओ नौकरी पाओ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव नहीं था. हम लोग उसी समय से आवाज उठाते रहे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार को समझने में इतना समय लग गया. हम लोग उसी समय से कह रहे हैं कि बीपीएससी से या बीपीएससी की तरह आयोग बनाकर शिक्षकों की बहाली करें. अब जाकर उनको समझ में आया है लेकिन सत्रह अठारह सालों में जिन छात्रों का भविष्य बर्बाद हो गया उसके बारे में भी जवाब देना होगा.

नियोजित शिक्षकों को ए़डजस्ट करें सरकारः हमने नियोजित शिक्षक को लेकर भी सुझाव दिया था. चाहे तो नीतीश कुमार अभी भी सुझाव ले सकते हैं. जो पहले से नियोजित शिक्षक नियुक्त हैं, उनके बारे में कहा था कि कई लोग पढ़ाने के योग्य नहीं है. सरकार ने कहा है कि उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का मौका देंगे, लेकिन जो पास होंगे वही राज्य सरकार के कर्मचारी होंगे और जो फेल होंगे वह नियोजित शिक्षक रहेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि जो फेल हो गए इसका मतलब उन्हें पढ़ाने की क्षमता नहीं है. सरकार उनको भी राज्यकर्मी बनाए और कहीं दूसरे जगह एडजस्ट करे.

Last Updated : Apr 12, 2023, 8:55 AM IST
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