पटना : महिला आरक्षण बिल को लेकर बिहार में भी सियासत जारी है. इसी पर अब राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने इस पहल का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण लागू कर देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक काम किया है. यह बहुत बड़ा काम है निश्चित तौर पर इससे महिला सशक्तीकरण को लेकर जो बात हो रही थी उसके लिए बहुत बड़ा कदम है.
"फिर भी इस कानून का मकसद तबतक पूरा नहीं होगा, जबतब इसमें ओबीसी और ईबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की बात नहीं की जाए. आरक्षण के अंदर आरक्षण का जो सवाल है, इस मांग को जबतक पूरा नहीं किया जाएगा, तबतक इसका मुकम्मल लाभ नहीं मिल पाएगा. भारत सरकार को इस पर विचार करना चाहिए".- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरएलजेडी
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि महिला आरक्षण को लेकर कोटा के अंदर कोटा की मांग पर केंद्र सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए. अगर ऐसा कर दिया जाता तो जो इस महिला आरक्षण बिल का उद्देश्य पूरी तरह से पूरा हो सकता था. इसलिए केंद्र के सरकार से हम मांग करते हैं कि महिला आरक्षण बिल जो पास हुआ है वह बहुत अच्छा है और इसमें आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था की जाए.
'ललन सिंह ने की थी लैंड फाॅर जाॅब मामले की शिकायत ': उपेंद्र कुशवाहा ने लैंड फॉर जॉब मामले को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह पुराना मामला है और इसको लेकर जो कुछ हो रहा है इसके शिकायतकर्ता कौन थे, यह बात भी राजद के लोगों को बताना चाहिए. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ही लैंड फॉर जॉब मामले की शिकायत उस समय के सरकार से की थी और इस आधार पर कार्रवाई हो रही है. अब जब कार्रवाई हो रही है तो कुछ से कुछ राजद के लोग बोल रहे हैं. इसमें कहीं से कोई सच्चाई नहीं है.
'जिसके खिलाफ लड़े, उसके साथ मिलकर चला रहे सरकार ': उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जांच एजेंसियां पूरी तरह से स्वतंत्र होकर इस मामले पर जांच कर रही है. वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले कहते थे कि काम के आधार पर ही वह जनता के बीच वोट मांगने जाएंगे, लेकिन अब वह अपने नेताओं को कह रहे हैं कि वह जनता के बीच जाएं और हमने क्या काम किया बताएं. अब वह समय आ गया है कि नीतीश कुमार यह सोच में पड़ गए हैं कि जिसके खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा था. उसके साथ ही वह सरकार चला रहे हैं.