पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan government in Bihar ) बनने के करीब एक सप्ताह बाद जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पटना लौटे. जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और मंत्री पद को लेकर नाराजगी पर अपनी सफाई (Upendra Kushwaha debunk speculations) दी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा वे मंत्री बनना नहीं चाहते हैं. जदयू नेता ने कहा कि जब उनकी पार्टी जदयू में विलय हुई थी उसी समय इस तरह की सोच बनी थी. न ही वो अभी मंत्री बनना चाहते हैं और न ही भविष्य में. लेकिन राजनीति में कोई साधु बनने नहीं आता..
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बिहार में कभी मंत्री नहीं बनूंगा: उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 'मैं केंद्र में मंत्री रह चुका हूं और मुझे किसी ने हटाया नहीं, मैंने खुद इस्तीफा दिया. चाहता तो मैं मंत्री बना रह सकता था. मैं चारों सदन का सदस्य रह चुका हूं और मेरा मिशन 2024 में पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर और एक नेता को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की है. उसी काम में मैं लगा हूं.' पत्रकारों ने जब उनसे सवाल किया कि नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति करेंगे तो बिहार की कमान कौन संभालेगा? इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी काल्पनिक सवाल है.
कुशवाहा की नजर CM और डिप्टी सीएम: बिहार में मंत्री नहीं बनेंगे, लेकिन उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री का ऑफर मिलेगा तब क्या करेंगे. इस सवाल के जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 'मैं कोई साधु बनने राजनीति में नहीं आया हूं.' इसका मतलब साफ है कि उपेंद्र कुशवाहा डिप्टी सीएम या फिर सीएम बनना चाहते हैं. जदयू नेता ने कहा कि परिवार के साथ बाहर गया था और वह कार्यक्रम पहले से तय था. वहीं, पार्टी के अंदर विरोध के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.
"मैं कहना चाहता हूं कि मंत्री बनने में मेरी कोई रुचि न थी बिहार में और न है और न भविष्य में बिहार में मैं मंत्री बनूंगा. आपलोग कहीं कागज में लिखकर रख लिजिएगा. कभी उलट नौबत आ जाए तो आप सवाल मुझसे पूछ लीजिएगा. बिहार में मंत्री मुझको नहीं बनना है और यह बात पार्टी के अंदर एक समझ बन चुकी है. आज जरुरत इस बात की है सबसे ज्यादा कि पार्टी के संगठन के लिए कैसे काम किया जाए. हमारे लिए मंत्री पद कोई बहुत बड़ा नहीं है बिहार में. क्योंकि भारत सरकार में हम मंत्री रहे हैं और भारत सरकार में थे तो कोई मुझको हटाया नहीं था. हम मंत्री थे, चाहते तो आगे रह सकते थे. लेकिन खुद ही हम वहां से इस्तीफा दिया. मेरे लिए बिहार सरकार में मंत्री बनना सम्मान की बात नहीं है."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड
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