नई दिल्ली/पटना: जनता दल यूनाइटेड के बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बनने पर राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि वे पार्टी को नंबर वन बनाकर रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल जस्टिस और सेकुलरिज्म के रास्ते पर चल कर पार्टी बिहार का विकास कर रही है.
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उपेद्र कुशवाहा पर है बड़ी जिम्मेदारी
उपेंद्र कुशवाहा ने कुछ दिन पहले ही अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जदयू में विलय किया है. जदयू में उनको नीतीश कुमार ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है. संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया और बिहार विधान परिषद का सदस्य भी बनाया है.
'उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित दूसरे राज्यों में जदयू के संगठन को मजबूत बनाना है. हमारा गठबंधन बीजेपी से सिर्फ बिहार तक ही है. दूसरे राज्यों में जदयू को ताकतवर बनाना मेरा लक्ष्य है. बिहार में लव कुश समाज, अति पिछड़ा समाज, दलित इन सब को मुख्यधारा से जोड़ना है. नीतीश कुमार हमारे बड़े भाई हैं. उनके नेतृत्व में बिहार में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है.'- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड अध्यक्ष, जदयू
पहले भी साथ कर चुके हैं काम
नीतीश कुमार के साथ उपेंद्र कुशवाहा पहले भी काम कर चुके हैं. 2004 में नीतीश ने बिहार में इनको विपक्ष का नेता बनाया था. 2010 में राज्यसभा भी भेजा था. बाद में वह नीतीश कुमार से अलग हो गए थे लेकिन करीब 8 वर्षों के बाद फिर से नीतीश कुमार के साथ आ गए हैं. नीतीश कुमार कुर्मी समाज से आते हैं जबकि उपेंद्र कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं. एक जमाने में कुर्मी -कोइरी समाज का वोट बैंक जदयू के पास था. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने से कुशवाहा समाज का वोट जदयू से खिसकर उपेंद्र कुशवाहा के पास चला गया था. उपेंद्र कुशवाहा के जदयू में आने से जदयू का कुर्मी-कुशवाहा (लव कुश) समीकरण फिर से मजबूत हो सकता है.
बता दें कि बिहार में जदयू फिलहाल तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. राजद के 75 विधायक हैं, बीजेपी के पास 74 विधायक हैं, 43 विधायकों के साथ जदयू नंबर 3 पर है.
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