पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने गठबंधन नेताओं के साथ साझा प्रचार-प्रसार करने में लगे हुये हैं. वहीं अब महागठबंधन से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ग्रैंड डेमोक्रटिक सेक्युलर फ्रंट बनाकर चुनावी मैदान में हैं.
उपेंद्र कुशवाहा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और एआईएमआईएम के संयोजक औवैसी के साथ एनडीए और महागठबंधन के खिलाफ हुंकार भरेंगे.
बिहार में कई गठबंधन
विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में कई गठबंधन बने हुए हैं. सभी गठबंधन के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा और प्रत्याशियों को जिताने के लिए अलग-अलग साझा जनसभा करने में लगे हुए हैं. एनडीए में शामिल चार घटक दल बीजेपी, जदयू, वीआईपी और हम पार्टी के नेता लगातार साझा जनसभा करने में लगे हुए हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने बनाई पार्टी
महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और लिफ्ट पार्टी भी चुनाव प्रचार को लेकर साझा कार्यक्रम बनाने में लगी हुई है. ऐसे में महागठबंधन से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ने ग्रेड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट बनाए हुए हैं. जिसका नेतृत्व वो खुद कर रहे हैं.
प्रचार करने के लिए रणनीति
चुनाव प्रचार में एनडीए और महागठबंधन के खिलाफ दम भरने के लिए उपेंद्र कुशवाहा बीएसपी प्रमुख मायावती और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ साझा चुनाव प्रचार करने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. 28 अक्टूबर को 71 विधानसभा सीट पर मतदान होने हैं. इन सीटों पर बीएसपी और आरएलएसपी ने अपना उम्मीदवार उतारा है.
चुनाव लड़ने की तैयारी
अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए उपेंद्र कुशवाहा और मायावती एक साथ कई जनसभा करने के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं. हालांकि अभी तक तिथि तय नहीं हुई है. बता दें एनडीए और महागठबंधन से अलग होकर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाली बहुजन समाज पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन से अलग होने के बाद एक एलाइंस तैयार किया है.
मायावती ने संकल्प लिया है कि बिहार में पिछले 30 साल की सरकार को बदलना है और बिहार का नया मुख्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा को बनाना है. अब देखने वाली बात होगी कि ग्रैंड डेमोक्रेटिक सर्कुलर फ्रंट को चुनावी रैली के बाद कितना समर्थन मिलता है.